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काकोरी एसओ को अदालत के आदेश की अवहेलना करना पड़ गया महंगा, हाईकोर्ट ने नोटिस जारी कर पेश होने के दिए आदेश - काकोरी एसओ को अदालत में पेश होने के आदेश

यह आदेश जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस सरोज यादव की बेंच ने लखनऊ की एक पॉक्सो कोर्ट के विशेष न्यायाधीश महेश चंद्र वर्मा द्वारा भेजे गए संदर्भ पर संज्ञान लेते हुए पारित किया. विशेष न्यायाधीश द्वारा भेजे गए संदर्भ में कहा गया है कि पॉक्सो एक्ट के एक मुकदमे में हाईकोर्ट का आदेश मामले का ट्रायल छह माह में पूरा करने का है. उक्त ट्रायल में अभियोजन पक्ष की गवाही बाकी है.

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काकोरी एसओ को अदालत के आदेश की अवहेलना करना पड़ गया महंगा, हाईकोर्ट ने नोटिस जारी कर पेश होने के दिए आदेश
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Published : Jan 25, 2022, 9:22 PM IST

लखनऊ. राजधानी के थाना काकोरी के थानाध्यक्ष को अदालती आदेशों की अवहेलना करना महंगा पड़ गया है. उनके इस कृत्य पर हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने संज्ञान लेते हुए उन्हें अवमानना का नोटिस जारी किया है. साथ ही 10 फरवरी को व्यक्तिगत रूप से पेश होने का भी आदेश दिया है.

यह आदेश जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस सरोज यादव की बेंच ने लखनऊ की एक पॉक्सो कोर्ट के विशेष न्यायाधीश महेश चंद्र वर्मा द्वारा भेजे गए संदर्भ पर संज्ञान लेते हुए पारित किया. विशेष न्यायाधीश द्वारा भेजे गए संदर्भ में कहा गया है कि पॉक्सो एक्ट के एक मुकदमे में हाईकोर्ट का आदेश मामले का ट्रायल छह माह में पूरा करने का है. उक्त ट्रायल में अभियोजन पक्ष की गवाही बाकी है.

यह भी पढ़ें : कांग्रेस की हुईं भोजपुरी एक्ट्रेस रानी चटर्जी, सोशल मीडिया पर दी जानकारी

कहा गया कि जिन गवाहों का बयान होना बाकी है, वे पुलिसकर्मी हैं. उन्हें तलब करने के लिए पॉक्सो कोर्ट ने समन जारी किया लेकिन काकोरी थानाध्यक्ष ने गवाहों को समन प्राप्त ही नहीं कराया. इस पर 15 मार्च 2021 को पॉक्सो कोर्ट ने थानाध्यक्ष को कारण बताओ नोटिस जारी किया. हालांकि वह न तो कोर्ट में हाजिर हुए और न ही कोई स्पष्टीकरण दाखिल किया.

पॉक्सो कोर्ट ने पुनः 26 अगस्त 2021 को थानाध्यक्ष को गवाहों को नोटिस प्राप्त कराने का आदेश दिया. इस बार भी नोटिस प्राप्त नहीं कराई गई बल्कि समन की प्रतियों को बिना किसी रिपोर्ट के वैसे का वैसा वापस कोर्ट भेज दिया. विशेष न्यायाधीश ने आगे कहा है कि थानाध्यक्ष ने कोर्ट के आदेश का पूरी तरह अनादर किया है. हाईकोर्ट ने भी थानाध्यक्ष के आचरण को प्रथम दृष्टया अवमानना का मामला माना है,

लखनऊ. राजधानी के थाना काकोरी के थानाध्यक्ष को अदालती आदेशों की अवहेलना करना महंगा पड़ गया है. उनके इस कृत्य पर हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने संज्ञान लेते हुए उन्हें अवमानना का नोटिस जारी किया है. साथ ही 10 फरवरी को व्यक्तिगत रूप से पेश होने का भी आदेश दिया है.

यह आदेश जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस सरोज यादव की बेंच ने लखनऊ की एक पॉक्सो कोर्ट के विशेष न्यायाधीश महेश चंद्र वर्मा द्वारा भेजे गए संदर्भ पर संज्ञान लेते हुए पारित किया. विशेष न्यायाधीश द्वारा भेजे गए संदर्भ में कहा गया है कि पॉक्सो एक्ट के एक मुकदमे में हाईकोर्ट का आदेश मामले का ट्रायल छह माह में पूरा करने का है. उक्त ट्रायल में अभियोजन पक्ष की गवाही बाकी है.

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कहा गया कि जिन गवाहों का बयान होना बाकी है, वे पुलिसकर्मी हैं. उन्हें तलब करने के लिए पॉक्सो कोर्ट ने समन जारी किया लेकिन काकोरी थानाध्यक्ष ने गवाहों को समन प्राप्त ही नहीं कराया. इस पर 15 मार्च 2021 को पॉक्सो कोर्ट ने थानाध्यक्ष को कारण बताओ नोटिस जारी किया. हालांकि वह न तो कोर्ट में हाजिर हुए और न ही कोई स्पष्टीकरण दाखिल किया.

पॉक्सो कोर्ट ने पुनः 26 अगस्त 2021 को थानाध्यक्ष को गवाहों को नोटिस प्राप्त कराने का आदेश दिया. इस बार भी नोटिस प्राप्त नहीं कराई गई बल्कि समन की प्रतियों को बिना किसी रिपोर्ट के वैसे का वैसा वापस कोर्ट भेज दिया. विशेष न्यायाधीश ने आगे कहा है कि थानाध्यक्ष ने कोर्ट के आदेश का पूरी तरह अनादर किया है. हाईकोर्ट ने भी थानाध्यक्ष के आचरण को प्रथम दृष्टया अवमानना का मामला माना है,

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