लखनऊ: बारह-रबी उल अव्वल के मौके पर इस साल कोरोना को देखते हुए जुलूस-ए-मोहम्मदी का ऐतिहासिक जुलूस नहीं निकाला जाएगा. काजी-ए-शहर मुफ्ती अबुल इरफान मियां फरंगी महली की अध्यक्षता में यह फैसला लखनऊ के इदारे शरिया फरंगी महल और पुलिस प्रशासन की अहम बैठक में लिया गया है.
मुसलमानों के पैगम्बर मोहम्मद साहब की याद में लखनऊ में बारह-रबी उल अव्वल के मौके पर जुलूस-ए-मोहम्मदी इस साल नहीं निकाला जाएगा. यह फैसला आस्ताना हमीदिया फिरंगी महल में ऑल इंडिया मोहम्मदी मिशन के पदाधिकारी उलेमा और जिला प्रशासन की अहम बैठक में कोरोना महामारी को देखते हुए लिया गया है.
इस मौके पर काजी-ए-शहर अबुल इरफान मिया फिरंगी महली ने लोगों से सख्ती के साथ कोविड 19 की गाइडलाइन पर अमल करने की अपील की और कहा कि लोगों को चाहिए कि मोहम्मद साहब की शिक्षा पर अमल करते हुए बारह-रबी उल अव्वल के मौके पर खर्च होने वाले पैसों को इस साल गरीबों और जरुरतमंद बच्चों की फीस देने में खर्च करें या फिर लॉकडाउन के बाद जिन लोगों के कारोबार बंद हो गए हैं, उनकी मदद करें. यही नहीं जो बीमार हैं, उनकी दवा में पैसा खर्च करें, क्योंकि मोहम्मद साहब का भी यही संदेश था.
गौरतलब है कि हर साल जुलूस-ए-मोहम्मदी में बड़ी संख्या में लोग शामिल होते आए हैं, लेकिन इस बार कोरोना के चलते जूलूस और भीड-भाड़ वाले धार्मिक आयोजन पर प्रतिबंध है, जिसकी वजह से उलेमा की सहमति से यह अहम फैसला लिया गया है.