लखनऊ : देश के प्रतिष्ठित आईआईटी, एनआईटी सहित बड़े इंजीनियरिंग संस्थाओं में प्रवेश के लिए आयोजित हुए ज्वाइंट एंट्रेंस एग्जाम जेईई एडवांस 2023 में राजधानी के कई मेधावियों ने सफलता प्राप्त कर लखनऊ का गौरव बढ़ाया है. इसमें राजधानी से जसकरन सिंह आल इंडिया रैंक (एआईआर) 539 के सबसे आगे रहे तो वहीं कुनाल सिंह 1241 रैंक, क्षितिज शुक्ला 1279 रैंक, शाश्वत त्रिपाठी ने 1657 रैंक, आर्यषी त्रिपाठी ने 1718 रैंक, ईशान श्रीवास्तव 1730 रैंक, अमय विक्रम सिंह ने 1929 रैंक, कौस्तुभ श्रीवास्तव ने 1967 रैंक, विनायक त्रिपाठी 2242 रैंक, समीर राज 2815 रैंक, ईशान कुमार ने 2841 रैंक, क्षितिज श्रीवास्तव ने 3481 रैंक, प्रियंका अरोड़ा ने 3542 रैंक, प्रज्जवल यादव ने 4000 रैंक, सार्थक श्रीवास्तव ने 4635 रैंक और अभिनंदन चंद्रा 4818 रैंक अर्जित की है.
आईआईटी दिल्ली में दाखिला लेना चाहते हैं : कुनाल सिंह
एआईआर 1241 रैंक के साथ राजधानी में दूसरा स्थान हासिल करने वाले कुनाल सिंह ने बताया कि 'अभी किस ब्रांच में जाना है तय नहीं किया, लेकिन आईआईटी दिल्ली में दाखिला लेना चाहते हैं. उन्होंने बताया कि जेईई मेन में 96.7 पर्सेंटाइल आये थे. इन्होंने स्कूलिंग डीपीएस जानकीपुरम से की है. उन्होंने बताया कि वह प्रतिदिन करीब पांच घंटे पढ़ाई करते थे. इंटर में पीसीएम ग्रुप से पढ़ाई की और उन्हें मैथ पंसद है. सफलता पाने के लिए अपने शिक्षक के बताये हुए निर्देशन पर पढ़ाई करनी चाहिए. मां सीमा सिंह गृहिणी हैं और इनका सहयोग नाना रिटायर आईपीएस बंशीलाल करते हैं.'
इंजीनियरिंग के विषय पंसद हैं : क्षितिज शुक्ला
एआईआर 1279 रैंक के साथ राजधानी में तीसरे स्थान पर आये क्षितिज शुक्ला ने बताया कि 'विषय पंसद आये इसलिए इंजीनियरिंग करने का मन बनाया. शिक्षकों से मिले दिशा-निर्देश से तैयारी बेहतर हुई. काफी मॉक टेस्ट दिये. करीब छह घंटे प्रतिदिन पढ़ाई करते थे. सीएमएस से स्कूलिंग रही है. अच्छे मार्क्स के लिए आर्गेनिक कैमेस्ट्री से खुद नोट्स बनाये. इनके पिता दिनेश शुक्ला विद्यांत काॅलेज में शिक्षक हैं और मां दीक्षा शुक्ला गृहिणी हैं.'
आईआईटी कानपुर में लेना है दाखिला : शाश्वत त्रिपाठी
एआईआर 1657 रैंक के साथ राजधानी में चौथे स्थान पर आये शाश्वत त्रिपाठी ने बताया कि 'आईआईटी कानपुर में दाखिला लेना चाहते हैं. वह इलेक्ट्रिकल एंड कम्प्यूटर (ईसी) से इंजीनियरिंग करना चाहते हैं. वह इस ब्रांच से इसलिए इंजीनियरिंग करना चाहते हैं क्योकि इलेक्ट्राॅनिक्स और कम्प्यूटर साइंस दोनों ही बहुत रिलेटेड हैं. इनके पिता परमेश्वर त्रिपाठी लीबिया में इंजीनियर हैं और माता वंदना त्रिपाठी गृहिणी हैं. शाश्वत ने बताया कि इन्हें शुरू से इंजीनियरिंग के प्रति रूझान रहा.'
इलेक्ट्रिकल से करना हैं इंजीनियरिंग : आर्यशी त्रिपाठी
एआईआर 1718 रैंक के साथ राजधानी में पांचवें स्थान पर आईं आर्यशी त्रिपाठी ने बताया कि 'वह इलेक्ट्रिकल से इंजीनियरिंग करना चाहती हैं. उन्होंने बताया कि पापा डॉ. आनंद त्रिपाठी टीबी अस्पताल में डॉक्टर हैं. मां प्रीति त्रिपाठी भी डॉक्टर हैं. मुझे हमेशा से इंजीनियरिंग पसंद थी, इसलिए मैंने जेईई की परीक्षा दी. मैं रोजाना छह घंटे पढ़ाई करती थी. साथ ही बोर्ड परीक्षा की तैयारी भी करती रही. मेरा मानना है कि इंटरनेट का उपयोग यदि अच्छी वजह से किया जाए तो फायदा मिलता है. मैं वाट्सएप चलाती हूं, लेकिन फेसबुक और इंस्टाग्राम से पूरी तरह से दूर हूं.'
आईआईटी में लेना है दाखिला : ईशान श्रीवास्तव
एआईआर 1730 रैंक हासिल करने वाले ईशान श्रीवास्तव ने बताया कि 'उनकी आईआईटी मेन में 4500 परर्सेंटाइल आयी थी. वह इलेक्ट्रिकल से इंजीनियरिंग करना चाहते हैं और टॉप आईआईटी में दाखिला लेना चाहते हैं. उन्हें इंजीनियरिंग से सम्बन्धित विषयों में रूचि है. इनके पिता अखिलेश श्रीवास्तव रेलवे में डिजाइनिंग इंजीनियर हैं और मां अनुपमा श्रीवास्तव गृहिणी हैं.'
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