लखनऊ: यमुना एक्सप्रेस-वे पर हुई दुर्घटना की हाई पावर कमेटी ने सरकार को जो जांच रिपोर्ट सौंपी थी. उस पर बस में यात्रा कर रहे यात्री ने सवाल खड़े किए हैं. यात्री गौरव सिंह का साफ कहना है कि मृतक चालक को झपकी आई दिखाकर अधिकारियों ने गलत जांच रिपोर्ट बनाकर सरकार को गुमराह किया है. यात्री का कहना है कि दुर्घटना के समय वह उसी बस में यात्रा कर रहा था. चालक को कोई झपकी आई ही नहीं थी बल्कि ओवर स्पीडिंग के चलते बस अनियंत्रित हुई थी, जिससे दुर्घटना हुई है.
- यमुना एक्सप्रेस वे पर दुर्घटनाग्रस्त हुई जनरथ बस में 29 यात्रियों की जान चली गई थी.
- इस पर एक हाई पावर कमेटी गठित की गई थी.
- कमेटी के सदस्य आगरा कमिश्नर, आईजी और ट्रांसपोर्ट कमिश्नर थे.
- 24 घंटे में इस हाई पावर कमेटी ने मुख्यमंत्री को रिपोर्ट सौंपी थी.
- दुर्घटना का कारण ड्राइवर को झपकी आना बताया गया था.
- यात्री गौरव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जानकारी दी कि जो जनरथ बस दुर्घटनाग्रस्त हुई थी, उसमें मैं सवार था.
- जिस वक्त दुर्घटना हुई उस वक्त मैं जाग रहा था, ड्राइवर को कोई झपकी नहीं आई थी.
- उस वक्त बस की स्पीड 100 किमी. प्रति घंटा से कम थी.
- यात्री ने कहा, रिपोर्ट सही नहीं है.
- ड्राइवर रास्ते से अंजान था, यात्रियों ने उसको आगे का रास्ता बताया.
अब सवाल ये उठता है कि जब उस बस में जो यात्री सवार का था वही यह कह रहा है कि ड्राइवर को झपकी नहीं आई थी तो भला परिवहन मंत्री का यह कहना कि ड्राइवर की झपकी से ही दुर्घटना हुई थी. भला उनके पास इसके कौन से साक्ष्य हैं या जांच कमेटी के पास भी क्या प्रूफ है कि ड्राइवर की झपकी से ही इतनी बड़ी दुर्घटना हुई थी, यह अपने आप में बड़ा सवाल है.