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कोरोना के खात्मे के लिए कल होगी विशेष दुआ, ऑनलाइन जुड़ेंगे लोग

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Published : Apr 21, 2021, 10:04 PM IST

उत्तर प्रदेश में इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया की ओर से कोरोना के खात्मे के लिए दुआ की जाएगी. इस ऑनलाइन दुआ में सभी से शामिल होने की अपील की गई है.

इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया
इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया

लखनऊः इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया के चेयरमैन और इमाम ईदगाह मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने कोरोना महामारी से बचने के लिए सलातुल तौबा की नमाज अदा करने की अपील की है. मौलाना ने कहा कि हौसला बुलंद रखें और खुदा की रहमत से नाउम्मीद न हों. उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के जल्द खात्मे और बीमारों को जल्द शिफा और मुकम्मल सेहत के लिए 22 अप्रैल को रात 10 बजे अपने घर में दो रकात नफल सलातुल तौबा की नमाज पढ़ें और इसके बाद 10ः15 बजे ऑनलाइन दुआ में शामिल हों.

दवा के साथ दुआ भी करनी चाहिए
मौलाना ने कहा कि इस्लाम ने इंसानी जान बचाने को सबसे मुकद्दम बताया है. एक मुसलमान की हैसियत से हमारा अकीदा है कि ऐसी कोई बीमारी नहीं जिसकी दवा खालिक ने पैदा नहीं की, इसलिए हमें दवा के साथ दुआ भी करनी चाहिए. इस्लामी शरीयत और सीरते नबवी से तालीम मिलती है कि सदका गुनाहों को दूर कर देता है. सदका खुदा के बीमारी से शिफा पाने के लिए दुआ और इस्तिगफार करें. रसूल ने फरमाया की सदके जरिए अपने मरीजों का इलाज करो. दुआ इबादत का मग्ज है, इसलिए हमें चाहिए कि अपने हर काम की कामयाबी के लिए दुआएं करें.

इसे भी पढ़ेंः कोरोना संक्रमित कर्मचारियों को मिलेगी 28 दिन की पेड लीव

एक-दूसरे की हर मुमकिन मदद करें
मौलाना ने कहा कि खुदा बहुत रहीम और करीम है. मौलाना ने कहा कि अल्लाह इस बीमारी से हमें और पूरी दुनिया को जरूर निजात देगा. मौलाना खालिद रशीद ने वर्तमान हालात में बिना किसी मतभेद के एक-दूसरे की मदद करने और पड़ोसियों की खबर लेते रहने और उनकी हर संभव मदद की अपील की. साथ ही कहा कि यह इंसानी हमदर्दी का बुनियादी हक है और अगर हम उस पर अमल करें तो पूरे शहर, पूरे प्रदेश और पूरे देश में एक भी इंसान ऐसा नहीं होगा जो एक-दूसरे की मदद से महरूम हो जाए.

लखनऊः इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया के चेयरमैन और इमाम ईदगाह मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने कोरोना महामारी से बचने के लिए सलातुल तौबा की नमाज अदा करने की अपील की है. मौलाना ने कहा कि हौसला बुलंद रखें और खुदा की रहमत से नाउम्मीद न हों. उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के जल्द खात्मे और बीमारों को जल्द शिफा और मुकम्मल सेहत के लिए 22 अप्रैल को रात 10 बजे अपने घर में दो रकात नफल सलातुल तौबा की नमाज पढ़ें और इसके बाद 10ः15 बजे ऑनलाइन दुआ में शामिल हों.

दवा के साथ दुआ भी करनी चाहिए
मौलाना ने कहा कि इस्लाम ने इंसानी जान बचाने को सबसे मुकद्दम बताया है. एक मुसलमान की हैसियत से हमारा अकीदा है कि ऐसी कोई बीमारी नहीं जिसकी दवा खालिक ने पैदा नहीं की, इसलिए हमें दवा के साथ दुआ भी करनी चाहिए. इस्लामी शरीयत और सीरते नबवी से तालीम मिलती है कि सदका गुनाहों को दूर कर देता है. सदका खुदा के बीमारी से शिफा पाने के लिए दुआ और इस्तिगफार करें. रसूल ने फरमाया की सदके जरिए अपने मरीजों का इलाज करो. दुआ इबादत का मग्ज है, इसलिए हमें चाहिए कि अपने हर काम की कामयाबी के लिए दुआएं करें.

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एक-दूसरे की हर मुमकिन मदद करें
मौलाना ने कहा कि खुदा बहुत रहीम और करीम है. मौलाना ने कहा कि अल्लाह इस बीमारी से हमें और पूरी दुनिया को जरूर निजात देगा. मौलाना खालिद रशीद ने वर्तमान हालात में बिना किसी मतभेद के एक-दूसरे की मदद करने और पड़ोसियों की खबर लेते रहने और उनकी हर संभव मदद की अपील की. साथ ही कहा कि यह इंसानी हमदर्दी का बुनियादी हक है और अगर हम उस पर अमल करें तो पूरे शहर, पूरे प्रदेश और पूरे देश में एक भी इंसान ऐसा नहीं होगा जो एक-दूसरे की मदद से महरूम हो जाए.

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