लखनऊ: मुसलमानों के सबसे बड़े त्योहारों में से एक ईद-उल-अजहा (Eid al-Adha 2022) यानी कि बकरीद (bakrid 2022 in india) का त्योहार दस जुलाई को पूरे देश में मनाया जाएगा. बकरीद के त्योहार से पहले गुरुवार को लखनऊ में इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया (Islamic Center of India) ने 11 बिंदुओं की एडवायजरी जारी कर मुसलमानों से पालन करने की अपील की है.
मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने कहा कि हर साहिब-ए-हैसियत (आर्थिक रूप से सक्षम) मुसलमान पर कुर्बानी करना जरूरी है.
- ईद उल अजहा पर हर साहिब-ए-हैसियत को कुर्बानी करना जरूरी.
- बकरीद के तीन दिनों तक कुर्बानी करना कोई रस्म नहीं बल्कि खुदा पाक की पसंदीदा इबादत है. इन दिनों में कुर्बानी का बदले कोई दूसरा नेक अमल नहीं हो सकता है.
- कानूनी दायरे में रहते हुए कुर्बानी को जरूर अंजाम दें. यह हजरत इस्लामाईल और हजरत इब्राहिम की सुन्नत है.
- हमेशा की तरह इस बार भी उन्हीं जानवरों की कुर्बानी दी जाए जिन पर कानूनी पाबंदी न हो.
- कुर्बानी की जगह पर साफ सफाई का विशेष ध्यान रखा जाए.
- खुली और सार्वजनिक जगहों पर कुर्बानी के काम को अंजाम नहीं दिया जाए.
- जानवरों की गंदगी की सड़कों और गलियों में न डाले बल्कि नगर निगम के कूड़ेदानों का प्रयोग करें.
- कुर्बानी के खून नालियों में नहीं बहाएं, बल्कि कच्ची मिट्टी में दबा दें, जिससे पेड़- पौधों के लिए खाद बन जाए.
- गोश्त को तिहाई हिस्सा अच्छी तरह से पैक कर के गरीबों और जरूरतमंदों को जरूर दिया जाए.
- कुर्बानी की फोटो और वीडियो नहीं बनाई जाए और सोशल मीडिया पर भी नहीं डाला जाए.
- जानवर की खालों को खुदा की राह में जरूर तकसीम करें.
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