लखनऊ : सरकार ने एनकाउंटर स्पेशलिस्ट अनंत देव को यूपी एसटीएफ डीआईजी की जिम्मेदारी दी हैं. अनंत देव त्रिपाठी को पहले एसटीएफ डीआईजी का अतिरिक्त भार था, अब उन्हें रेलवे से रिलीज कर पूरी तरह से एसटीएफ डीआईजी का भार दिया गया है.
फतेहपुर के रहने वाले अनंत देव ने अपना पुलिस करियर 1987 बैच के प्रदेश पुलिस सर्विस (पीपीएस) अधिकारी के तौर पर शुरू किया था. पूरे प्रदेश में डीएसपी और फिर एएसपी के तौर पर काम कर चुके अनंत देव इसी कारण पुलिस विभाग की जमीनी कामकाज के बेहद करीब हैं. साल 2006 में वे पीपीएस से प्रमोशन पाकर इंडियन पुलिस सर्विस (आईपीएस) अफसर बने थे. उन्हें कानून तोड़ने वालों के लिए बेहद कठोर मिजाज वाला और बेखौफ अधिकारी के तौर पर पहचाना जाता है. देश के चर्चित आईपीएस में शुमार अनंत देव को साल 2017 के दौरान एक सर्वे में देश में सबसे चर्चित पांच आईपीएस अधिकारियों में तीसरे नंबर पर चुना गया था. उन्हें 'माफिया का काल', 'क्रिमिनल्स का यमराज' जैसे तमगे भी आम जनता से अपने कार्यकाल में मिल चुके हैं. अनंत देव वही चर्चित अधिकारी हैं, जिनके एसएसपी रहने के दौरान साल 2017 में आईएसआई से नातों के लिए चर्चित आजमगढ़ में हिस्ट्रीशीटर लिस्ट ही लगातार एनकाउंटर्स के कारण खत्म हो गई थी.
एक नेता को किया गिरफ्तार : आईपीएस अधिकारी अनंत देव तिवारी ने साल 1993 में इटावा में डीसीपी रहने के दौरान लखनऊ तक पहुंच रखने वाले एक नेता को गिरफ्तार किया. इस पर उन्हें बांदा-चित्रकूट एरिया में पोस्टिंग दे दी गई. यहीं से उनका डाकुओं से 'छ्त्तीस का आंकड़ा' शुरू हो गया. खासतौर पर तेंदू पत्ता तुड़वाने की ठेकेदारी में वर्चस्व रखने वाले कुख्यात ददुआ और ठोकिया के गिरोह के लिए वे काल साबित हुए.
बिकरू कांड में मिली थी राहत : कानपुर के बिकरू कांड में आईपीएस अनंत देव को इसी साल जून में बड़ी राहत मिली थी. आईपीएस अनंत देव तिवारी को विभागीय जांच में क्लीन चिट दे दी गई थी. बता दें कि बिकरू कांड के दौरान आईपीएस अनंत देव कानपुर के एसएसपी थे. बता दें कि 2 जुलाई 2020 की रात कानपुर के चौबेपुर थाना क्षेत्र के बिकरू गांव में पुलिस कुख्यात अपराधी विकास दुबे को पकड़ने गई थी. इस दौरान पहले से घात लगाए बैठे विकास दुबे गैंग के सदस्यों ने पुलिस टीम पर हमला बोल दिया था. इसमें एक सीओ समेत आठ पुलिसकर्मी मारे गए थे. बिकरू कांड की जांच आईपीएस अफसर नीलाब्जा चौधरी को सौंपी गई थी. अनंत देव सिंह इसी साल रिटायर भी होने वाले हैं. बता दें कि अनंत देव तिवारी पर गंभीर आरोप लगे थे. यह भी आरोप था कि एसएसपी रहते अनंत देव की अनदेखी के चलते ही विकास दुबे अपराध की दुनिया में आगे बढ़ता चला गया था.