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INVESTMENT IN UP : ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट से पहले 10 लाख करोड़ के MOU साइन

यूपी में निवेश (INVESTMENT IN UP) के लक्ष्य की ओर बढ़ रही योगी सरकार ने फरवरी में प्रस्तावित इन्वेस्टर्स समिट से पहले ही करीब 10 लाख करोड़ के MOU पर हस्ताक्षर हो गए हैं. अभी देश के विभिन्न शहरों और प्रदेश के मंडल मुख्यालयों व कई जिलों में रोड शो/इन्वेस्टर्स समिट होनी बाकी हैं.

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Published : Jan 12, 2023, 8:52 PM IST

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लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट से एक माह पहले ही करीब-करीब 15 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त कर लिए हैं. सबसे बड़ी उपलब्धि यह है कि सरकार ने 10 जनवरी 2023 तक करीब 10 लाख करोड़ रुपये के एमओयू भी साइन कर लिए हैं. यह वही राशि है जिसे पहले ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2023 का लक्ष्य बनाया गया था. हालांकि विदेशों में मिले बेहतरीन रिस्पॉन्स के बाद लक्ष्य को 10 लाख करोड़ से बढ़ाकर 17 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया. अभी देश के विभिन्न शहरों और प्रदेश के मंडल मुख्यालयों व कई जिलों में रोड शो/इन्वेस्टर्स समिट होनी हैं.

दो विभागों ने पार किया एक लाख करोड़ का आंकड़ा : विदेशों में हुए रोड शो में यूपी के प्रतिनिधिमंडलों को मिले जबर्दस्त रिस्पॉन्स के बाद प्रदेश सरकार की ओर से सभी विभागों को निवेश जुटाने के लिए नए टारगेट दिए गए. जानकारी के अनुसार 10 जनवरी तक सरकार ने 9.10 लाख करोड़ रुपये के एमओयू साइन हो गए हैं. प्रदेश सरकार के दो विभागों ने एमओयू के माध्यम से सबसे ज्यादा निवेश हासिल किया हैं. डिपार्टमेंट एडिशनल सोर्सेज ऑफ एनर्जी को 60 हजार करोड़ के निवेश का लक्ष्य मिला था, लेकिन विभाग ने लक्ष्य से तीन गुना अधिक 1.73 लाख करोड़ से अधिक के एमओयू साइन किए हैं. इसी तरह यूपीसीडा को एक लाख करोड़ रुपये का संशोधित लक्ष्य मिला था और उसने एक लाख करोड़ से ज्यादा के एमओयू करने में सफलता प्राप्त की है.


23 सेक्टर्स में हो चुके हैं एमओयू : सरकार की ओर से कुल 37 सेक्टर्स को निवेश के लिए चिन्हित किया गया था. इनमें 23 सेक्टर्स में एमओयू साइन किए जा चुके हैं. 10 जनवरी तक पर्यटन विभाग ने 38 हजार करोड़ से ज्यादा के एमओयू कर लिए हैं. उन्हें 40 हजार करोड़ का लक्ष्य दिया गया था. इसी तरह ऊर्जा विभाग ने एक लाख करोड़ के संशोधित लक्ष्य के सापेक्ष 75 हजार से अधिक के एमओयू किए हैं. यमुना एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी (यीडा) ने 80 हजार करोड़ के संशोधित लक्ष्य की तुलना में 57 हजार करोड़ से अधिक के निवेश एमओयू हासिल किए हैं. आईटी एंड इलेक्ट्रॉनिक्स डिपार्टमेंट को सबसे ज्यादा 1.60 लाख करोड़ का लक्ष्य दिया गया था. जिसके लिए उसने अब तक 97 हजार करोड़ से एमओयू पर सहमति प्राप्त कर ली है. एमएसएमई ने 55 हजार करोड़ और हैंडलूम व टेक्सटाइल ने भी करीब 27 हजार करोड़ के एमओयू हासिल किए हैं. आईआईडीडी ने भी 53 हजार करोड़ के एमओयू प्राप्त किए हैं.


सात हजार से ज्यादा हुए एमओयू : निवेश सारथी पोर्टल के डैशबोर्ड के अनुसार प्रदेश सरकार को 8 हजार से ज्यादा निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं. इसमें से 7 हजार से ज्यादा को प्रदेश सरकार एमओयू में तब्दील करने में कामयाब रही है. इन एमओयू के माध्यम से प्रदेश में 10 करोड़ रोजगार के नए अवसर सृजित होने की संभावना है. अभी भी 1400 से ज्यादा निवेश के प्रस्ताव प्रगति पर हैं, जिनकी कुल कॉस्ट 3.76 लाख करोड़ रुपये है. यदि ये प्रस्ताव भी एमओयू में तब्दील हुए तो 20 लाख से ज्यादा रोजगार के अवसर पैदा होंगे.

यह भी पढ़ें : Recruitment in up police : योगी सरकार जल्द शुरू करेगी पुलिस के 35,757 पदों पर भर्ती

लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट से एक माह पहले ही करीब-करीब 15 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त कर लिए हैं. सबसे बड़ी उपलब्धि यह है कि सरकार ने 10 जनवरी 2023 तक करीब 10 लाख करोड़ रुपये के एमओयू भी साइन कर लिए हैं. यह वही राशि है जिसे पहले ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2023 का लक्ष्य बनाया गया था. हालांकि विदेशों में मिले बेहतरीन रिस्पॉन्स के बाद लक्ष्य को 10 लाख करोड़ से बढ़ाकर 17 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया. अभी देश के विभिन्न शहरों और प्रदेश के मंडल मुख्यालयों व कई जिलों में रोड शो/इन्वेस्टर्स समिट होनी हैं.

दो विभागों ने पार किया एक लाख करोड़ का आंकड़ा : विदेशों में हुए रोड शो में यूपी के प्रतिनिधिमंडलों को मिले जबर्दस्त रिस्पॉन्स के बाद प्रदेश सरकार की ओर से सभी विभागों को निवेश जुटाने के लिए नए टारगेट दिए गए. जानकारी के अनुसार 10 जनवरी तक सरकार ने 9.10 लाख करोड़ रुपये के एमओयू साइन हो गए हैं. प्रदेश सरकार के दो विभागों ने एमओयू के माध्यम से सबसे ज्यादा निवेश हासिल किया हैं. डिपार्टमेंट एडिशनल सोर्सेज ऑफ एनर्जी को 60 हजार करोड़ के निवेश का लक्ष्य मिला था, लेकिन विभाग ने लक्ष्य से तीन गुना अधिक 1.73 लाख करोड़ से अधिक के एमओयू साइन किए हैं. इसी तरह यूपीसीडा को एक लाख करोड़ रुपये का संशोधित लक्ष्य मिला था और उसने एक लाख करोड़ से ज्यादा के एमओयू करने में सफलता प्राप्त की है.


23 सेक्टर्स में हो चुके हैं एमओयू : सरकार की ओर से कुल 37 सेक्टर्स को निवेश के लिए चिन्हित किया गया था. इनमें 23 सेक्टर्स में एमओयू साइन किए जा चुके हैं. 10 जनवरी तक पर्यटन विभाग ने 38 हजार करोड़ से ज्यादा के एमओयू कर लिए हैं. उन्हें 40 हजार करोड़ का लक्ष्य दिया गया था. इसी तरह ऊर्जा विभाग ने एक लाख करोड़ के संशोधित लक्ष्य के सापेक्ष 75 हजार से अधिक के एमओयू किए हैं. यमुना एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी (यीडा) ने 80 हजार करोड़ के संशोधित लक्ष्य की तुलना में 57 हजार करोड़ से अधिक के निवेश एमओयू हासिल किए हैं. आईटी एंड इलेक्ट्रॉनिक्स डिपार्टमेंट को सबसे ज्यादा 1.60 लाख करोड़ का लक्ष्य दिया गया था. जिसके लिए उसने अब तक 97 हजार करोड़ से एमओयू पर सहमति प्राप्त कर ली है. एमएसएमई ने 55 हजार करोड़ और हैंडलूम व टेक्सटाइल ने भी करीब 27 हजार करोड़ के एमओयू हासिल किए हैं. आईआईडीडी ने भी 53 हजार करोड़ के एमओयू प्राप्त किए हैं.


सात हजार से ज्यादा हुए एमओयू : निवेश सारथी पोर्टल के डैशबोर्ड के अनुसार प्रदेश सरकार को 8 हजार से ज्यादा निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं. इसमें से 7 हजार से ज्यादा को प्रदेश सरकार एमओयू में तब्दील करने में कामयाब रही है. इन एमओयू के माध्यम से प्रदेश में 10 करोड़ रोजगार के नए अवसर सृजित होने की संभावना है. अभी भी 1400 से ज्यादा निवेश के प्रस्ताव प्रगति पर हैं, जिनकी कुल कॉस्ट 3.76 लाख करोड़ रुपये है. यदि ये प्रस्ताव भी एमओयू में तब्दील हुए तो 20 लाख से ज्यादा रोजगार के अवसर पैदा होंगे.

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