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कई मामलों में केजीएमयू के कुलसचिव के खिलाफ जांच के आदेश, मंडलायुक्त करेंगे जांच - लखनऊ लेटेस्ट न्यूज

विधायक व जन प्रतिनिधियों की तरफ से केजीएमयू के कुलसचिव की कई मामलों में शिकायत के बाद शासन ने जांच के आदेश दिए हैं. मंडलायुक्त 20 दिनों के भीतर जांच पूरी कर रिपोर्ट शासन को सौंप देंगे.

केजीएमयू के कुलसचिव के खिलाफ जांच के आदेश
केजीएमयू के कुलसचिव के खिलाफ जांच के आदेश
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Published : Dec 26, 2021, 9:57 PM IST

लखनऊ: कई मामलों में केजीएमयू के कुलसचिव की शिकायत के बाद जांच के आदेश दिए गए हैं. विधायक व जन प्रतिनिधियों ने कुलसचिव के खिलाफ पत्र दिए थे. जिसके बाद शासन ने रविवार को कुलसचिव के खिलाफ जांच के आदेश दिए हैं. यह जिम्मेदारी मंडलायुक्त को दी गई. कुलसचिव के खिलाफ जांच कर मंडलायुक्त को 20 दिनो में रिपोर्ट शासन को भेजनी होगी.

बता दें कि केजीएमयू में कुलसचिव पद पर मृतक आश्रित सेवा नियमावली के उल्लंघन के आरोप हैं. शासन के निर्देश के बाद भी कुलसचिव ने अधिष्ठान प्रभारी के मामले का निस्तारण नहीं किया. वहीं साइंटिफिक कनवेंशन सेंटर में लाखों रुपयों के गबन के दोषी को भी बचाया जा रहा है. दंत संकाय में पेपर लीक मामले में कार्रवाई स्थगित है. साथ ही डॉक्टरों की नियुक्त के विज्ञापन में आरक्षण की अनदेखी समेत अन्य कई मामले में कोताही बरतने के आरोप हैं.

केजीएमयू के कुलसचिव के खिलाफ जांच के आदेश
केजीएमयू के कुलसचिव के खिलाफ जांच के आदेश

इसके चलते चिकित्सा शिक्षा विभाग के विशेष सचिव अशोक कुमार ने मंडलायुक्त को जांच सौपी है. मंडलायुक्त 20 दिनों के भीतर जांच पूरी कर रिपोर्ट शासन को सौंप देंगे. संस्थान के प्रवक्ता डॉ. सुधीर सिंह ने कहा कि जांच अधिकारी की तरफ से जो भी दस्तावेज या तथ्य मांगे जाएंगे, वह उपलब्ध कराए जाएंगे. वहीं मामले पर पक्ष जानने के लिए फोन किया गया तो कुलसचिव का फोन नहीं उठा.

यह भी पढ़ें- शहीद विंग कमांडर हर्षित सिन्हा पंचतत्व में विलीन, बैकुंठ धाम में परिजनों ने नम आंखों से दी अंतिम विदाई..

जानकारी के मुताबिक कुलसचिव के खिलाफ कई विधायकों व जन प्रतिनिधियों ने शिकायत की है. इसमें जौनपुर विधायक सीमा तिवारी, भाजपा विधायक गोरखनाथ बाबा, बस्ती विधायक रवि सोनकर, विधायक अभिजीत सिंह सांगा, एमएलसी रमा निरंजन समेत कांग्रेस व अन्य पार्टी के नेताओं समेत 13 लोगों ने शिकायत दर्ज कराई है.

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लखनऊ: कई मामलों में केजीएमयू के कुलसचिव की शिकायत के बाद जांच के आदेश दिए गए हैं. विधायक व जन प्रतिनिधियों ने कुलसचिव के खिलाफ पत्र दिए थे. जिसके बाद शासन ने रविवार को कुलसचिव के खिलाफ जांच के आदेश दिए हैं. यह जिम्मेदारी मंडलायुक्त को दी गई. कुलसचिव के खिलाफ जांच कर मंडलायुक्त को 20 दिनो में रिपोर्ट शासन को भेजनी होगी.

बता दें कि केजीएमयू में कुलसचिव पद पर मृतक आश्रित सेवा नियमावली के उल्लंघन के आरोप हैं. शासन के निर्देश के बाद भी कुलसचिव ने अधिष्ठान प्रभारी के मामले का निस्तारण नहीं किया. वहीं साइंटिफिक कनवेंशन सेंटर में लाखों रुपयों के गबन के दोषी को भी बचाया जा रहा है. दंत संकाय में पेपर लीक मामले में कार्रवाई स्थगित है. साथ ही डॉक्टरों की नियुक्त के विज्ञापन में आरक्षण की अनदेखी समेत अन्य कई मामले में कोताही बरतने के आरोप हैं.

केजीएमयू के कुलसचिव के खिलाफ जांच के आदेश
केजीएमयू के कुलसचिव के खिलाफ जांच के आदेश

इसके चलते चिकित्सा शिक्षा विभाग के विशेष सचिव अशोक कुमार ने मंडलायुक्त को जांच सौपी है. मंडलायुक्त 20 दिनों के भीतर जांच पूरी कर रिपोर्ट शासन को सौंप देंगे. संस्थान के प्रवक्ता डॉ. सुधीर सिंह ने कहा कि जांच अधिकारी की तरफ से जो भी दस्तावेज या तथ्य मांगे जाएंगे, वह उपलब्ध कराए जाएंगे. वहीं मामले पर पक्ष जानने के लिए फोन किया गया तो कुलसचिव का फोन नहीं उठा.

यह भी पढ़ें- शहीद विंग कमांडर हर्षित सिन्हा पंचतत्व में विलीन, बैकुंठ धाम में परिजनों ने नम आंखों से दी अंतिम विदाई..

जानकारी के मुताबिक कुलसचिव के खिलाफ कई विधायकों व जन प्रतिनिधियों ने शिकायत की है. इसमें जौनपुर विधायक सीमा तिवारी, भाजपा विधायक गोरखनाथ बाबा, बस्ती विधायक रवि सोनकर, विधायक अभिजीत सिंह सांगा, एमएलसी रमा निरंजन समेत कांग्रेस व अन्य पार्टी के नेताओं समेत 13 लोगों ने शिकायत दर्ज कराई है.

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