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जानिए विश्व साइकिल दिवस पर डॉक्टरों से साइकिलिंग के फायदे

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Published : Jun 3, 2019, 12:01 AM IST

वर्ष 2018 से 3 जून को विश्व साइकिल दिवस मनाया जाता है. साइकिलिंग करने से न्यूरोलॉजिकल बीमारियां होने का खतरा कम होता है. साथ ही हड्डियां भी मजबूत होती हैं.

विश्व साइकिल दिवस पर ईटीवी भारत ने डॉक्टर्स से की बातचीत.

लखनऊ: वर्ष 2018 से 3 जून को विश्व साइकिल दिवस मनाया जाता है. इसका उद्देश्य लोगों को साइकिल चलाकर अपनी सेहत और पर्यावरण के प्रति जागरूक करना होता है. वहीं विश्व साइकिल दिवस पर ईटीवी भारत ने डॉक्टरों से साइकिलिंग के बारे में बात की.

विश्व साइकिल दिवस पर ईटीवी भारत ने डॉक्टर्स से की बातचीत.
जानिए विश्व साइकिल दिवस पर डॉक्टरों की राय-डॉ प्रिंसी ने कहा कि दिन भर बैठ कर पढ़ने और रीडिंग रूम में रहने की वजह से धीरे-धीरे हाइपरटेंशन और कुछ अन्य बीमारियां घर कर जाती हैं. इसलिए हम साइकिलिंग को प्रमोट करने की कोशिश कर रहे हैं. ताकि वह बीमारियों से बच सकें.


डॉ. राहुल का कहना है कि हड्डियों को मजबूती देने के लिए साइकिलिंग एक बेहद अच्छा उपाय हो सकता है. इससे न केवल हड्डियां बल्कि मांसपेशियां भी मजबूत होती हैं. साथ ही साथ घुटने के कार्टिलेज को भी साइकिलिंग क्षरण होने से बचा सकती है. दिल की बीमारियों के साथ सांस से संबंधित तमाम बीमारियों को रोकने और कम करने में साइकिलिंग बेहद कारगर साबित हो सकती है. इसके अलावा डायबिटीज, हाइपरटेंशन, ब्लड प्रेशर जैसी तमाम बीमारियों से बच सकते हैं.


इसके अलावा डॉ. सोफिया ने कहा कि बच्चों में अभी से इस बात की ओर जागरूकता लानी चाहिए कि इनडोर गेम्स के बजाए आउटडोर गेम्स और साइकिलिंग को वह महत्व दें. ताकि वह खुद बीमारियों से बच कर रह सकें. बच्चों में देखा गया है कि वह बैठे-बैठे एक ही जगह पर गेम्स खेलते हैं. इस वजह से अभी से उनमें डायबिटीज और हाइपरटेंशन समेत कई ऐसी बीमारियां देखने को मिल रही है. साइकिलिंग करने से उनकी हड्डियों मजबूत होती हैं.


वहीं डॉ. हिमांशु का कहना है कि साइकिलिंग सोचने की शक्ति को भी काफी सकारात्मक रूप से प्रभावशाली बनाता है. साइकिलिंग करने से न्यूरोलॉजिकल बीमारियां होने का खतरा काफी हद तक कम हो जाता है. इसके अलावा कार्डियोवैस्कुलर सिस्टम भी साइकिल से मजबूत होता है.

लखनऊ: वर्ष 2018 से 3 जून को विश्व साइकिल दिवस मनाया जाता है. इसका उद्देश्य लोगों को साइकिल चलाकर अपनी सेहत और पर्यावरण के प्रति जागरूक करना होता है. वहीं विश्व साइकिल दिवस पर ईटीवी भारत ने डॉक्टरों से साइकिलिंग के बारे में बात की.

विश्व साइकिल दिवस पर ईटीवी भारत ने डॉक्टर्स से की बातचीत.
जानिए विश्व साइकिल दिवस पर डॉक्टरों की राय-डॉ प्रिंसी ने कहा कि दिन भर बैठ कर पढ़ने और रीडिंग रूम में रहने की वजह से धीरे-धीरे हाइपरटेंशन और कुछ अन्य बीमारियां घर कर जाती हैं. इसलिए हम साइकिलिंग को प्रमोट करने की कोशिश कर रहे हैं. ताकि वह बीमारियों से बच सकें.


डॉ. राहुल का कहना है कि हड्डियों को मजबूती देने के लिए साइकिलिंग एक बेहद अच्छा उपाय हो सकता है. इससे न केवल हड्डियां बल्कि मांसपेशियां भी मजबूत होती हैं. साथ ही साथ घुटने के कार्टिलेज को भी साइकिलिंग क्षरण होने से बचा सकती है. दिल की बीमारियों के साथ सांस से संबंधित तमाम बीमारियों को रोकने और कम करने में साइकिलिंग बेहद कारगर साबित हो सकती है. इसके अलावा डायबिटीज, हाइपरटेंशन, ब्लड प्रेशर जैसी तमाम बीमारियों से बच सकते हैं.


इसके अलावा डॉ. सोफिया ने कहा कि बच्चों में अभी से इस बात की ओर जागरूकता लानी चाहिए कि इनडोर गेम्स के बजाए आउटडोर गेम्स और साइकिलिंग को वह महत्व दें. ताकि वह खुद बीमारियों से बच कर रह सकें. बच्चों में देखा गया है कि वह बैठे-बैठे एक ही जगह पर गेम्स खेलते हैं. इस वजह से अभी से उनमें डायबिटीज और हाइपरटेंशन समेत कई ऐसी बीमारियां देखने को मिल रही है. साइकिलिंग करने से उनकी हड्डियों मजबूत होती हैं.


वहीं डॉ. हिमांशु का कहना है कि साइकिलिंग सोचने की शक्ति को भी काफी सकारात्मक रूप से प्रभावशाली बनाता है. साइकिलिंग करने से न्यूरोलॉजिकल बीमारियां होने का खतरा काफी हद तक कम हो जाता है. इसके अलावा कार्डियोवैस्कुलर सिस्टम भी साइकिल से मजबूत होता है.

Intro:3 जून वर्ल्ड बाइसिकल डे पर विशेष खबर शरीर और पर्यावरण को सुरक्षित रखने के लिए रोजाना करें साइकिलिंग लखनऊ। साईकल चलाने को लेकर अलग अलग लोगों की सोच अलग अलग तरह की होती है। कुछ लोगों को साइकिलिंग का शौक होता है तो कुछ लोगों को साइकिल चलाना उनकी मजबूरी। डॉक्टरी लिहाज से देखा जाए तो साइकिल चलाना न केवल आपके शरीर को मजबूती दे सकता है बल्कि आपकी सोच को एक बेहतरीन दिशा की तरफ भी ले जाता है। वर्ष 2018 से ही 3 जून को वर्ल्ड बाइसिकल डे मनाया जाता है इसका उद्देश्य लोगों को साइकिल चलाकर अपनी सेहत और पर्यावरण के प्रति जागरूक करना होता है।


Body:वीओ1 वर्ल्ड बाइसिकल डे पर हमने डॉक्टरों के ग्रुप से जानने की कोशिश की कि वह मरीजों को साइकिलिंग करने की सलाह किस तरह से देते हैं और उनके जीवन में साइकिलिंग का योगदान क्यों है। डॉक्टर भूपेंद्र ने बताया कि वर्ल्ड बाइसिकल डे मनाने के पीछे का मुख्य उद्देश्य क्या है और किस वजह से से शुरू किया गया तो वही डॉक्टरों के लिहाज से डॉ प्रिंसी कहती है मेडिकोज में भी दिन भर बैठ कर पढ़ने और रीडिंग रूम में रहने की वजह से धीरे-धीरे हाइपरटेंशन और कुछ अन्य बीमारियां घर कर जाती हैं। इसलिए हम अभी से अपने मेडीकोज के बीच में साइकिलिंग को प्रमोट करने की कोशिश कर रहे हैं ताकि आगे वह ताउम्र चलने वाली बीमारियों से बच सकें और हमारे आने वाली पीढ़ियों के लिए पर्यावरण को भी सुरक्षित कर सकें। इसके अलावा डॉ राहुल कहते हैं कि हड्डियों को मजबूती देने के लिए साइकिलिंग एक बेहद अच्छा उपाय हो सकता है। इससे न केवल हड्डियां बल्कि मांसपेशियां भी मजबूत होती है। साथ ही साथ घुटने के कार्टिलेज को भी साइकिलिंग काफी हद तक क्षरण होने से बचा सकती है। दिल की बीमारियों के साथ सांस से संबंधित तमाम बीमारियों को रोकने और कम करने में साइकिलिंग बेहद कारगर साबित हो सकती है। इसके अलावा डायबिटीज हाइपरटेंशन ब्लड प्रेशर जैसी तमाम बीमारियों से बच सकते हैं जो मेटाबॉलिक डिजीज के तहत आती हैं। बच्चों में इंडोर गेम्स आजकल ज्यादा ट्रेंड करते हैं ऐसे में डॉक्टर सोफ़िया कहती हैं कि बच्चों में अभी से इस बात की ओर जागरूकता लानी चाहिए कि इनडोर गेम्स के बजाय आउटडोर गेम्स और साइकिलिंग को वह महत्व दें ताकि वह खुद आने वाली तमाम बीमारियों से बच कर रह सकें। बच्चों में आजकल देखा गया है कि वह बैठे-बैठे एक ही जगह पर गेम खेलते हैं और इस वजह से अभी से उन में डायबिटीज और हाइपरटेंशन समेत कई ऐसी बीमारियां देखने को मिल रही है। बच्चों में साइकिलिंग न केवल उनकी हड्डियों को मजबूत कर सकता है बल्कि एक उन्हें अपने आसपास के देखने और समझने के कच्छे आदत को भी लगा सकता है। डॉ हिमांशु कहते हैं कि साइकिलिंग आपकी सोचने की शक्ति को भी काफी सकारात्मक रूप से प्रभावशाली बनाता है साइकिलिंग करने से न्यूरोलॉजिकल बीमारियां होने का खतरा काफी हद तक कम हो जाता है इसके अलावा कार्डियोवैस्कुलर सिस्टम भी साइकिल से मजबूत हो जाता है और जो रोजाना साइकिलिंग करते हैं उनको हृदय आघात होने का खतरा काफी कम होता है। इसलिए साइकिलिंग पर ध्यान देना हम सभी के लिए बेहद जरूरी है।


Conclusion:वर्ल्ड बाइसिकल डे पर किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के डॉक्टर्स अपील करते नजर आए कि न केवल लोग खुद साइकिल चलाएं बल्कि अपने बच्चों और आसपास के लोगों को भी साइकिलिंग पर जोडर दें। यहां तक कि डॉक्टर्स भी खुद अपने मरीजों को अपनी दिनचर्या में साइकिलिंग को शामिल करने का सुझाव देते हैं। वॉक थ्रू- भूपेंद्र सिंह, डॉ राहुल, डॉ प्रिंसी डॉ हिमांशु और डॉक्टर के साथ रामांशी मिश्रा का वॉक थ्रू
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