लखनऊ: यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में कई बाहुबली व उनके परिवार के सदस्य अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. माफिया धनंजय सिंह, विजय मिश्रा, मुख्तार अंसारी का बेटा अब्बास अंसारी समेत आधा दर्जन माफिया चुनावी संग्राम में कूद चुकें हैं, लेकिन सूबे की एक इकलौती सीट ऐसी है जहां दो बाहुबली आमने सामने है. अयोध्या की गोसाईगंज सीट जहां एक तरफ है समाजवादी पार्टी प्रत्याशी बाहुबली नेता अभय सिंह तो उनके सामने इस सीट से मौजूदा विधायक बाहुबली नेता खब्बू तिवारी की पत्नी आरती तिवारी हैं.
पूर्वांचल में जब बाहुबलियों की बात होती है तो अभय सिंह कहीं भी किसी से कम नहीं आंके जाते है. माफिया धनंजय सिंह से अदावत हो या फिर मुख्तार अंसारी से दोस्ती, जेलर की हत्या करने की वारदात हो या फिर अपनी दबंग इमेज को लेकर प्रसिद्धि. हर मामले में अभय सिंह दशकों से चर्चा में रहें हैं. ईटीवी ने बाहुबली नेता अभय सिंह से बातचीत में उन सभी सवालों का जवाब दिया. जिस पर अभय सिंह शायद पहले बोलने से बचते आये हैं.
ईटीवी भारत से बात करते हुए अभय ने धनंजय से दोस्ती के बाद शुरू हुई अदावत के पीछे का राज बताया तो मुख्तार से उनकी दोस्ती कैसे हुई उसके बारें में भी उन्होंने खुल कर कहा. 2005 में कृष्णानंद राय की हत्या के मामले में वायरल हुई ऑडियो के विषय में भी अभय ने खुलकर अपनी बात रखी है.
कैसे हुई मुख्तार अंसारी से दोस्ती ?
अभय सिंह ने मुख्तार अंसारी से दोस्ती के विषय में बोलते हुए कहा कि मुख्तार अंसारी से उनकी मुलाकात जेल में हुई और दोस्ती हो गई. बाद में मुख्तार के बड़े भाई सिबगतुल्लाह से संबंध बने, लेकिन 2005 में जेल जाने के बाद उनकी मुलाकात कभी भी मुख्तार से नहीं हुई.
कृष्णानंद राय हत्याकांड से जुड़ी ऑडियो पर बोले अभय
2005 में बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय की हत्याकांड से जुड़ा एक ऑडियो वायरल हुआ था. जिसमें बताया गया था कि मुख्तार अंसारी ठीक उसी वक्त अभय सिंह से बात कर रहे थे जब कृष्णानंद राय पर गोलियां चल रही थी. इसमें मुख्तार-अभय को कृष्णानंद की हत्या की जानकारी दे रहे थे. इस ऑडियो पर अभय ने कहा कि उनका कुछ पुलिसकर्मियों से विवाद चल रहा था. जिस कारण उन्हें उस वक्त फंसाने के लिए एक ऑडियो को तोड़ मोड़ कर पेश कर उन्हें फंसाने की साजिश रची गई थी.
धनंजय से क्यों हुई दुश्मनी
अभय सिंह के शुरुआती दिनों में ऐसे कई दोस्त बने जो आज उनके सबसे बड़े दुश्मन हैं. उनमें एक नाम पूर्वांचल के बाहुबली धनंजय सिंह हैं. धनंजय और अभय के बीच जितनी ही गहरी दोस्ती थी, दुश्मनी भी आज उतनी है.
धनंजय से दुश्मनी पर अभय ने कहा कि एक वक्त था जब वो दोनों अच्छे मित्र थे, लेकिन धनंजय ने उनके साथ विश्वासघात किया था. उन्होंने कहा कि धनंजय ने उनके एक रिश्तेदार को अभय के नाम से बुलाकर हत्याकर दी थी. इस हत्याकांड के बाद दोनों ही एक दूसरे के खून के प्यासे हो गए.
जेलर व सीएमओ हत्याकांड पर अभय सिंह का जवाब
लखनऊ जेल के जेलर आरके तिवारी व सीएमओ विनोद आर्या हत्याकांड पर अभय सिंह ने कहा कि उस वक्त जब हम पर आरोप लगा. उसके बाद मुकदमा लगा और उसके बाद कोर्ट से सीबीआई जांच के आदेश हुए थे. सीबीआई ने इस मामले में फाइनल रिपोर्ट लगाई और उसमें मेरा नाम नहीं है.
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