लखनऊ : इंडिया इंटरनेशनल साइंस फेस्टिवल (आईआईएसएफ) अंतरिक्ष विभाग, परमाणु ऊर्जा विभाग और विज्ञान भारती के सहयोग से विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय और पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की सहयोगी पहल है, जो स्वदेशी भावना के साथ देश के वैज्ञानिकों द्वारा संचालित एक विज्ञान आंदोलन है. पहला आईआईएसएफ 2015 में नई दिल्ली में आयोजित किया गया था और तब से इस आयोजन ने जनमानस की भलाई के लिए वैज्ञानिक कार्य करने का आनंद उठाने के लिए दुनियाभर के छात्रों, नागरिकों, शोधकर्ताओं, इनोवेटर्स और कलाकारों को एक साथ लाने में एक लंबा सफर तय किया है. यह बातें गुरुवार को आईआईटीआर के निदेशक डॉ. भास्कर नारायण ने अंतरराष्ट्रीय विज्ञान दिवस के मौके पर कहीं. अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के मौके पर आईआईटीआर में आयोजित कार्यक्रम के दौरान आईआईआरटी के शोधकर्ता अलग-अलग शोध को लेकर स्टॉल लगाए हुए थे.
इस वर्ष विज्ञान समारोह का विषय ‘साइंस एंड टेक्नोलोजी पब्लिक आउटरीच इन अमृत काल’ है. साइंस फेस्टिवल 2023 के अंतर्गत ट्रांसलेशनल हेल्थ साइंस एंड टेक्नोलॉजी इंस्टीट्यूट, एनसीआर बायोटेक साइंस क्लस्टर, फरीदाबाद में 17 से 20 जनवरी, 2024 के दौरान 17 कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा. आईआईएसएफ-2023 के संदेश का प्रचार-प्रसार करने के लिए, सीएसआईआर-भारतीय विषविज्ञान अनुसंधान संस्थान (सीएसआईआर-आईआईटीआर) ने एक आउटरीच कार्यक्रम का आयोजन किया. जिसमें प्रौद्योगिकी प्रदर्शनी (टेक्नोलोजी एक्स्पो), विज्ञान प्रश्नोत्तरी, वैज्ञानिकों-छात्रों और जनमानस की बीच बातचीत तथा विज्ञान संबंधी फिल्म दिखाना सम्मिलित था. छात्रों ने सीएसआईआर-आईआईटीआर के एस एंड टी एक्सपो का भ्रमण किया, जहां मानव तथा पर्यावरणीय स्वास्थ्य को प्रभावित करने वाले अणुओं, परमाणुओं, और जैवाणु (बायोमोलिक्युलर) की जटिलता को समझने के लिए दैनिक जीवन में शामिल विज्ञान के बारे में प्रदर्शन किया गया.
आउटरीच कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण नए लोगों के लिए उद्यमशीलता (एंटरप्रेन्योरशिप ) पर आयोजित कार्यशाला थी. कार्यशाला का विषय "विज्ञान से उद्यम तक (फ्रोम साइन्स टू इंटरप्राइस)" था. कार्यशाला के अंतर्गत प्रतिभागियों को इफेक्टिव ग्रांट अप्लीकेशन राइटिंग के बारे में प्रशिक्षित किया गया. डॉ. अरिजीत भट्टाचार्जी, आईआईटी कानपुर ने "फ्रोम आइडिया टू इम्पैक्ट: अ डीप डाइव इंटू बीआईआरएसी बीआईजी स्कीम" पर एक व्याख्यान दिया. अतिथि, डॉ. अजीत कुमार शासनी, निदेशक, सीएसआईआर-राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान संस्थान ने चार दिवसीय समारोह के दौरान छात्रों से बड़ी संख्या में भाग लेने और नियोजित विभिन्न सत्रों से अधिकतम लाभ उठाने हेतु प्रोत्साहित किया.
समारोह के मुख्य अतिथि प्रो. राम लखन सिंह, जैव रसायन विभाग, डॉ. राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय ने वैश्विक कल्याण में भारतीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के योगदान की बढ़ती पहचान के बारे में चर्चा की. उन्होंने देश के युवाओं में वैज्ञानिक जिज्ञासु स्वभाव को जीवित रखने की आवश्यकता को दोहराया व कहा कि आईआईएसएफ जैसे समारोह इस हेतु एक सुदृढ़ आधार रखने में सहायता करते हैं. डॉ. भास्कर नारायण, निदेशक, सीएसआईआर-भारतीय विषविज्ञान अनुसंधान संस्थान ने कहा कि जिस प्रकार लोगों में वैज्ञानिक मानसिकता सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है, वैसे ही वैज्ञानिक समुदाय और समाज के बीच एक मजबूत जुड़ाव सुनिश्चित करना भी उतना ही आवश्यक है. इसके पूर्व डॉ. आर पार्थासारथी, प्रधान वैज्ञानिक, सीएसआईआर-आईआईटीआर ने सभा का स्वागत किया तथा अतिथिगण का परिचय कराया. डॉ. वीपी शर्मा, मुख्य वैज्ञानिक, सीएसआईआर-आईआईटीआर ने धन्यवाद ज्ञापन दिया.
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