लखनऊ: हत्या के प्रयास के एक मामले में गवाह पेश न करने पर जब अदालत ने सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता के माध्यम से इंस्पेक्टर मलिहाबाद से बात करनी चाही तो उन्होंने तपाक से जवाब दिया की वह गवाह कहां से पैदा कर दें. अदालत ने इंस्पेक्टर मलिहाबाद के कृत्य को गंभीरता से लेते हुए स्पष्टीकरण के लिए आगामी 4 जुलाई को व्यक्तिगत रूप से न्यायालय में तलब किया है.
भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के विशेष न्यायाधीश लोकेश वरुण द्वारा इंस्पेक्टर मलिहाबाद को भेजी गई नोटिस में कहा गया है कि उनके न्यायालय में हत्या के प्रयास से संबंधित मलिहाबाद थाने की एक पत्रावली आरोपी सुमेर आदि के विरुद्ध चल रही है जिसमें गवाह पेश न होने पर उन्हें गत 29 जून को व्यक्तिगत रूप से न्यायालय में उपस्थित होकर गवाह को जारी सम्मन की जिम्मेदारी से तमीला न कराने के बाबत व्यक्तिगत रूप से तलब किया गया था लेकिन वह उपस्थित नहीं हुए.
नोटिस में कहा गया है कि न्यायालय द्वारा जब सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता अभय कुमार त्रिपाठी को पैरोकार मलिहाबाद के माध्यम से मोबाइल से बात कराने का प्रयास किया गया तो इंस्पेक्टर ने कहा कि वह गवाह कहां से पैदा कर दें. अदालत ने अपनी नोटिस में कहा है कि ऐसा प्रतीत होता है कि इंस्पेक्टर मलिहाबाद न्यायालय के आदेशों का पालन गंभीरता से नहीं कर रहे हैं और उनका व्यवहार भी उचित नहीं है. इसके अलावा वह न्यायालय में उपस्थित न होकर न्यायालय की गरिमा को धूमिल करने का प्रयास कर रहे हैं. अदालत ने स्पष्ट चेतावनी देकर कहा है कि अगर वह आगामी 4 जुलाई को न्यायालय के समक्ष उपस्थित होकर अपना स्पष्टीकरण प्रस्तुत नहीं करते तो उनके विरुद्ध वाद दर्ज करके कार्यवाही अमल में लाई जाएगी तथा उनके उच्चाधिकारियों को कार्यवाही के लिए सूचित कर दिया जाएगा.
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