लखनऊ : पुलिस की वर्दी पहनने वालों के ऊपर कई सारी जिम्मेदारियां होती हैं. उन्हीं में से एक सुरक्षा की भी जिम्मेदारी होती है. देशवासियों को यह लगना चाहिए कि हमारी रक्षा के लिए हमारे देश के सिपाही तैनात हैं. लेकिन यही वर्दी जब किसी का घर उजाड़ने लगे, बेवजह परेशान करने लगे, तो जाहिर है लोग वर्दीधारी से नफरत ही करेंगे. ऐसा ही एक मामला राजधानी लखनऊ से आया है. एक दारोगा की करतूतों ने पूरे पुलिस विभाग को शर्मसार कर दिया है.
दरअसल, राजधानी लखनऊ के चारबाग रेलवे स्टेशन पर RPF-NR थाना अंतर्गत इंस्पेक्टर व दारोगा के कारनामे ने पुलिस विभाग को शर्मशार कर दिया है. रेखा नामक महिला चारबाग रेलवे स्टेशन के बाहर वीआईपी शौचालय के बगल में छोटे सिलेंडर से चुल्हे पर बच्चों के लिए खाना बना रही थी. आरोप है कि इसी बीच इंस्पेक्टर व दारोगा मौके पर पहुंचे और अपशब्द कहते हुए उसे उस जगह से हटने के लिए कहा. लेकिन गैस पर खाना चढ़ा होने की वजह से उसको थोड़ा समय लग गया. बस फिर क्या था दारोगा साहब लाल-पीले हो गए. आग बबूला हुए दारोगा ने गरीब महिला के खाने पर लात मारते हुए गिरा दिया. लेकिन इस घटना से महिला व उसका मासूम बच्चा झुलस गए. दारोगा की करतूतों से महिला और मासूम बच्चे के शरीर पर बड़े-बड़े छाले पड़ गए हैं.
मिली जानकारी के मुताबिक, चारबाग के रेलवे स्टेशन पर बने शौचालय के बगल में यह गरीब परिवार रहता है. ये लोग रेलवे में पुश्तैनी आरपीएफ-जीआरपी में शव उठाने का कार्य करते हैं. इसीलिए इनको नजदीक फुटपाथ पर जगह दिया गया था. फिर भी इंस्पेक्टर को इस गरीब परिवार पर तरस नहीं आया. अब सवाल उठ रहे हैं महिला की गलती क्या थी, जो इंस्पेक्टर के आदेश पर दारोगा ने कुकर में बन रहे गरम दाल पर लात क्यों मारी. गरीब परिवार ने तो कहा ही था कि थोड़ी देर में खाली कर देंगे. दारोगा की करतूत से मासूम बच्चा और महिला दर्द से तड़प रहे हैं.
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वहीं, इस मामले पर जब जीआरपी कार्यालय फोन कर जानकारी हासिल करने की कोशिश की गई तो उन्होंने अपने सिरे से खारिज करते हुए मामले को आरपीएफ का बताकर किनारा कर लिया. दूसरी ओर जब आरपीएफ अधिकारी से इस बारे में सवाल किया गया, तो उनका कहना था कि मामले की जांच कराई जाएगी. इसमें दोषी कौन है इसकी पूरी जानकारी हासिल होने पर कार्रवाई की जाएगी.