लखनऊ: मुख्यमंत्री आवास के पास सड़क किनारे एक लावारिस आदमी गंभीर हालत में मौत से जूझ रहा था. मुख्यमंत्री कार्यालय में तैनात एक युवक ने उस व्यक्ति को गंभीर हालत में सड़क किनारे तड़पता हुआ देखा और आनन-फानन में उसे सिविल हॉस्पिटल में इलाज के लिए भर्ती करवाया. लेकिन सिविल हॉस्पिटल के डॉक्टर उसका इलाज करने के बजाय उसे दूसरे हॉस्पिटल में रेफर करने लगे. इस पर युवक ने नाराजगी जाहिर की. इस पूरे मामले पर जब सिविल चिकित्सा अधिकारी से बात की गई तो उन्होंने जांच की बात कही.
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के कालिदास मार्ग स्थित सीएम आवास के बाहर एक व्यक्ति मौत से जूझ रहा था. उस व्यक्ति की हालत काफी गंभीर थी और बारिश के दौरान सड़क के किनारे पड़ा था. इसी दौरान मुख्यमंत्री कार्यालय में काम करने वाले युवक की नजर उस पर पड़ी. युवक ने उसे सिविल हॉस्पिटल इलाज के लिए भर्ती करवाया.
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अविनाश का कहना है कि करीब 35 वर्षीय व्यक्ति गंभीर हालत में मुख्यमंत्री आवास के पास पड़ा मिला. एंबुलेंस 108 को फोन करके गंभीर हालत में पड़े व्यक्ति को सिविल अस्पताल पहुंचाया. जहां डॉक्टर ने इंसानियत को शर्मसार करते हुए मरीज का इलाज नहीं किया.
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अविनाश ने बताया कि मरीज की पहचान हीरालाल नामक के रूप में हुई, जो कि संभल जिले का रहने वाला है. युवक ने बताया कि डॉक्टरों ने उसका इलाज करने से मना कर दिया और उसे दूसरे हॉस्पिटल में रेफर करने की कोशिश में लग गए. डॉक्टरों की असंवेदना कि जानकारी मीडिया को दी गई. इसके बाद डॉक्टरों ने पीड़ित का इलाज करना शुरू किया. इस मामले पर डायरेक्टर और चिकित्सा अधिकारी डॉ. आशुतोष दुबे ने कहा कि मामले की जांच की जाएगी. उन्होंने कहा कि लापरवाही और अभद्रता करने वाले डॉक्टरों और वार्ड बॉय के खिलाफ जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी.