लखनऊ: राजधानी के चारबाग बस स्टेशन पर बसों के इंतजार में सैकड़ों यात्री इधर-उधर भटक रहे हैं. लॉकडाउन के चलते 22 मार्च से ही बसों का संचालन पूरी तरह ठप है. ऐसे में यात्री अपने घरों को नहीं पहुंच पा रहे हैं. यात्री कभी ड्यूटी रूम के कमरे में दौड़कर पूछने जा रहे हैं कि उन्हें उनके घर जाने के लिए बस कब मिलेगी. कभी बस स्टेशन पर मौजूद पुलिसकर्मियों से उन्हें भेजने की गुहार लगा रहे हैं. बस स्टेशन पर खड़ी बसें रूट पर रवाना ही नहीं हो रही हैं. सबसे बड़ी दिक्कत छोटे-छोटे मासूमों को हो रही है. उन्हें दूध नहीं मिल रहा है. मासूम बिलख रहे हैं.
चारबाग बस स्टेशन पर अभी भी सैकड़ों की तादाद में यात्रियों को अपने घर जाने का इंतजार है. उन्हें उम्मीद है कि रोडवेज प्रशासन बसें चलाकर उन्हें घर भेजेगा, लेकिन उनकी यह उम्मीद पिछले कई दिनों से नाउम्मीदी में तब्दील होती जा रही है. बच्चे, बुजुर्ग, महिला, पुरुष यानी हर वर्ग बस स्टेशन पर अपने घरों को जाने के लिए मौजूद है, लेकिन बस संचालन न होने के चलते उन्हें समस्या झेलनी पड़ रही है.
जिला प्रशासन की तरफ से बस स्टेशन पर मौजूद यात्रियों को खाना तो मुहैया कराया जा रहा है, लेकिन बस की व्यवस्था नहीं कराई जा रही है. यहां पर कई ऐसी महिलाएं भी मौजूद हैं, जिनके छोटे-छोटे से मासूम बच्चे हैं. किसी तरह बड़े बुजुर्ग भूखे रहकर भी अपना काम चला सकते हैं, लेकिन बच्चों को दूध न मिलने से उन्हें ज्यादा दिक्कत हो रही है.
इसे भी पढ़ें:- रायबरेली में लगा 'सोनिया गांधी लापता' का पोस्टर
समरीन नाम की यात्री फैजाबाद जाने के लिए सुबह से ही स्टेशन पर बस के इंतजार में हैं. उनकी गोद में छोटा सा बच्चा है, जो दूध पीता है. बच्चे को दूध नहीं मिल रहा है. उन्हें उम्मीद है कि बस जरूर चलेगी और वे अपने घर पहुंच जाएंगी. समरीन ने कहा कि हमें तो खाना मिला है, लेकिन बच्चे को दूध नहीं मिल पा रहा है. नाजिया नाम की यात्री को भी फैजाबाद जाना है. वे भी सुबह से ही बस के इंतजार में हैं, उनकी भी गोद में छोटा सा बच्चा है. बच्चे को लेकर दूध की समस्या का सामना करना पड़ रहा है.
चांदनी शर्मा को भी सुलतानपुर के पास इन्हौना तक जाना है. वे भी बस स्टेशन पर अन्य यात्रियों की तरह बस का इंतजार कर रही हैं. उनका कहना है कि अधिकारी कह तो रहे हैं कि बस मिल जाएगी, लेकिन मिल नहीं रही है. बहुत दिक्कत हो रही है. नीरज नाम के यात्री ने कहा कि मैं तो पिछले काफी दिनों से लखनऊ में ही हूं. अब 22 तारीख से घर जाना चाहता हूं, लेकिन तब से बस ही बंद है. कई बार बस स्टेशन आ चुका हूं. कहा जाता है कि चलेगी, लेकिन बस चलती ही नहीं है.