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किसान मेला में सुगंधित तेलों के उत्पाद और निर्यात को बढ़ावा देने की किसानों को दी गई जानकारी - डॉक्टर अरुण चंदन

लखनऊ में 31 जनवरी 2022 के मध्य चलने वाले सीएसआईआर-सीमैप ने 10 दिवसीय किसान मेला का आयोजन किया. डॉक्टर संजय कुमार ने किसान मेला-2022 में आए हुए कृषकों और अतिथियों का स्वागत एवं अभिनंदन किया.

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किसानों को दी गई जानकारी
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Published : Jan 26, 2022, 7:51 PM IST

लखनऊः राजधानी में 31 जनवरी 2022 के मध्य चलने वाले सीएसआईआर-सीमैप के द्वारा 10 दिवसीय किसान मेला का आयोजन किया गया है. डॉक्टर संजय कुमार ने किसान मेला-2022 में आए हुए कृषकों और अतिथियों का स्वागत एवं अभिनंदन किया. किसान मेला में होने वाले कार्यक्रमों के बारे में बताया गया. किसान मेला में उपस्थित डॉक्टर अरुण चंदन, क्षेत्रीय निदेशक, राष्ट्रीय औषधीय पादप बोर्ड, आयुष मंत्रालय, नई दिल्ली का स्वागत और अभिनंदन किया गया.

डॉक्टर अरुण चंदन ने किसानों को राष्ट्रीय औषधीय पादक बोर्ड द्वारा चलाई जा रही विभिन्न परियोजनाओं और वित्तीय सहायता किसानों के लाभ हेतु जानकारी दिया. उन्होंने आगे कहा कि किसानों को औषधीय पौधों की वैज्ञानिक खेती, उन्नत प्रजातियों और प्रमाणीकरण और भंडारीकरण को अपनाएं ताकि उत्पादन की गुणवत्ता बनी रहे, जिससे अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय बाजार में अच्छा मूल्य मिल सके.

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किसान मेला

राष्ट्रीय औषधीय पादप बोर्ड की वेबसाइट पर या ई चरक एप को डाउन लोड कर, उत्पादित औषधीय पौधों की जानकारी देकर बिक्री और खरीदारी कर सकते हैं. औषधीय पौधों की खेती को ग्रामीण मंत्रालय के द्वारा चलाई जा रही मनरेगा परियोजना से भी जोड़ा जा चुका है. किसानों ने औषधीय खेती में लगाई गई लागत का 30 फीसदी तक का अनुदान भी प्राप्त कर सकते हैं.

डॉक्टर करुणा शंकर, वरिष्ठ प्रधान वैज्ञानिक, सीएसआईआर-सीमैप ने किसानों को बताया कि आज-कल आर्गेनिक खेती की मांग बढ़ रही है. इसलिए किसानों को आर्गेनिक खेती करनी चाहिए. लेकिन इसके लिए क्वालिटी काउंसिल ऑफ इंडिया से आर्गेनिक खेती को प्रमाणित कराना बेहद जरूरी होगा. इसके लिए करीब तीन साल तक अपने उत्पाद का गुणवत्ता परीक्षण कराना अनिवार्य होता है. अजमल ग्रुप, मुंबई के प्रतिनिधि जमील अहमद ने सुगंधित तेलों की बढ़ती मांग व खरीदारी के बारे में बताया. उन्होंने कहा कि सुगंधित तेलों की क्वालिटी बरकरार रखना बहुत जरूरी है, ताकि किसानों को अच्छा मूल्य मिल सके.

डॉ. संतोष केदार, वैज्ञानिक सीएसआईआर-सीमैप ने औषधीय एवं सुगंधित पौधों को हानि पहुंचाने वाले कीटों का नियंत्रण कैसे किया जाये, इसकी भी जानकारी किसानों से साझा की. एक ओर डॉ. राम सुरेश शर्मा ने नीबूघास और डॉ. ऋषिकेश एन. भिसे ने पामरोजा की उन्नत कृषि तकनीकी को किसानों के साथ साझा की.

इसे भी पढ़ें- काशी के 125 वर्षीय बाबा शिवानंद को मिला पद्मश्री...सुनिए पीएम मोदी के बारे में क्या बोले

सवाल-जवाब सत्र में उपस्थित डॉ. सौदान सिंह, मुख्य वैज्ञानिक, डॉ. वी. आर. सिंह, मुख्य वैज्ञानिक, डॉ. संजय कुमार, प्रधान वैज्ञानिक, डॉ. आर. के. श्रीवास्तव, वरिष्ठ वैज्ञानिक, डॉ. राम सुरेश शर्मा, वरिष्ठ वैज्ञानिक, डॉ. ऋषिकेश एन. भिसे, वैज्ञानिक, डॉ. संतोष कुमार केदार समेत कई वैज्ञानिक उपस्थित रहे.

लखनऊः राजधानी में 31 जनवरी 2022 के मध्य चलने वाले सीएसआईआर-सीमैप के द्वारा 10 दिवसीय किसान मेला का आयोजन किया गया है. डॉक्टर संजय कुमार ने किसान मेला-2022 में आए हुए कृषकों और अतिथियों का स्वागत एवं अभिनंदन किया. किसान मेला में होने वाले कार्यक्रमों के बारे में बताया गया. किसान मेला में उपस्थित डॉक्टर अरुण चंदन, क्षेत्रीय निदेशक, राष्ट्रीय औषधीय पादप बोर्ड, आयुष मंत्रालय, नई दिल्ली का स्वागत और अभिनंदन किया गया.

डॉक्टर अरुण चंदन ने किसानों को राष्ट्रीय औषधीय पादक बोर्ड द्वारा चलाई जा रही विभिन्न परियोजनाओं और वित्तीय सहायता किसानों के लाभ हेतु जानकारी दिया. उन्होंने आगे कहा कि किसानों को औषधीय पौधों की वैज्ञानिक खेती, उन्नत प्रजातियों और प्रमाणीकरण और भंडारीकरण को अपनाएं ताकि उत्पादन की गुणवत्ता बनी रहे, जिससे अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय बाजार में अच्छा मूल्य मिल सके.

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किसान मेला

राष्ट्रीय औषधीय पादप बोर्ड की वेबसाइट पर या ई चरक एप को डाउन लोड कर, उत्पादित औषधीय पौधों की जानकारी देकर बिक्री और खरीदारी कर सकते हैं. औषधीय पौधों की खेती को ग्रामीण मंत्रालय के द्वारा चलाई जा रही मनरेगा परियोजना से भी जोड़ा जा चुका है. किसानों ने औषधीय खेती में लगाई गई लागत का 30 फीसदी तक का अनुदान भी प्राप्त कर सकते हैं.

डॉक्टर करुणा शंकर, वरिष्ठ प्रधान वैज्ञानिक, सीएसआईआर-सीमैप ने किसानों को बताया कि आज-कल आर्गेनिक खेती की मांग बढ़ रही है. इसलिए किसानों को आर्गेनिक खेती करनी चाहिए. लेकिन इसके लिए क्वालिटी काउंसिल ऑफ इंडिया से आर्गेनिक खेती को प्रमाणित कराना बेहद जरूरी होगा. इसके लिए करीब तीन साल तक अपने उत्पाद का गुणवत्ता परीक्षण कराना अनिवार्य होता है. अजमल ग्रुप, मुंबई के प्रतिनिधि जमील अहमद ने सुगंधित तेलों की बढ़ती मांग व खरीदारी के बारे में बताया. उन्होंने कहा कि सुगंधित तेलों की क्वालिटी बरकरार रखना बहुत जरूरी है, ताकि किसानों को अच्छा मूल्य मिल सके.

डॉ. संतोष केदार, वैज्ञानिक सीएसआईआर-सीमैप ने औषधीय एवं सुगंधित पौधों को हानि पहुंचाने वाले कीटों का नियंत्रण कैसे किया जाये, इसकी भी जानकारी किसानों से साझा की. एक ओर डॉ. राम सुरेश शर्मा ने नीबूघास और डॉ. ऋषिकेश एन. भिसे ने पामरोजा की उन्नत कृषि तकनीकी को किसानों के साथ साझा की.

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सवाल-जवाब सत्र में उपस्थित डॉ. सौदान सिंह, मुख्य वैज्ञानिक, डॉ. वी. आर. सिंह, मुख्य वैज्ञानिक, डॉ. संजय कुमार, प्रधान वैज्ञानिक, डॉ. आर. के. श्रीवास्तव, वरिष्ठ वैज्ञानिक, डॉ. राम सुरेश शर्मा, वरिष्ठ वैज्ञानिक, डॉ. ऋषिकेश एन. भिसे, वैज्ञानिक, डॉ. संतोष कुमार केदार समेत कई वैज्ञानिक उपस्थित रहे.

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