लखनऊ: भारत-नेपाल मैत्री बस सेवा उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के अफसरों की लापरवाही की भेंट चढ़ गई. इस बस सेवा का उद्घाटन सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने किया था. यह मैत्री बस सेवा उनके ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल है. अब आगामी 21 नवंबर को अयोध्या से जनकपुर के लिए भव्य राम बारात यात्रा निकलनी है और इसमें सीएम के साथ पीएम के शामिल होने की संभावना है. सूत्रों के मुताबिक नेपाल का राजपरिवार भी इसमें हिस्सा ले सकता है. ऐसे में एक बार फिर अधिकारियों को पिछले साल शुरू हुई और सितंबर माह में बंद हो गई भारत-नेपाल मैत्री बस सेवा के संचालन की याद आई है. बता दें कि परमिट इश्यू होने के चलते यह बस सेवा 10 सितंबर से ठप पड़ी हुई है.
लापरवाही की भेंट चढ़ी भारत-नेपाल मैत्री ड्रीम बस सेवा
- भारत-नेपाल मैत्री बस सेवा के तहत पिछले साल शुरू की गई लखनऊ-जनकपुर वाया अयोध्या बस सेवा 2 माह पहले बंद हो गई थी.
- सीएम के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल इस मैत्री बस सेवा को संचालित करने का उद्देश्य नेपाल के तीर्थ स्थल जनकपुर को अयोध्या और लखनऊ से जोड़ना था.
- पिछले साल नवंबर माह में ही लखनऊ के आलमबाग बस टर्मिनल से सीएम योगी आदित्यनाथ ने जनकपुर बस सेवा को हरी झंडी दिखाई थी.
- एक जोड़ी जनरथ बस सेवा को नेपाल सरकार ने संचालन का ग्रीन सिग्नल दिया था.
- परमिट रिनुअल नहीं होने के कारण यह बस सेवा सितंबर माह से ठप पड़ी हुई है.
- बस आलमबाग टर्मिनल से रोजाना दोपहर दो बजे से चलकर अगले दिन सुबह जनकपुर पहुंचती थी.
- वापसी में दोपहर 12 बजे जनकपुर से चलकर अगले दिन सुबह चार बजे आलमबाग पहुंचती थी.
- लखनऊ से जनकपुर के बीच 692 किलोमीटर की यात्रा पर प्रति यात्री 928 रुपये किराया निर्धारित किया गया था.
- यह बस आलमबाग से गोरखपुर, पिपराकोठी, मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी और भिट्ठा मोड़ के रास्ते जनकपुर तक जाती थी.
- रोडवेज के अधिकारी इन कोशिशों में जुटे हुए हैं कि कैसे भी 21 नवंबर से पहले इस सेवा को फिर से शुरू करा दिया जाए.
हालांकि अभी तक परमिट के नवीनीकरण को लेकर कोई बात बन नहीं पाई है.ऐसे में यह संशय बना हुआ है कि 21 नवंबर तक भारत नेपाल मैत्री बस सेवा फिर से शुरू हो पाएगी भी या नहीं.