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Lucknow News : इंजीनियरिंग स्टूडेंट्स ने पेश किए अनोखे और उपयोगी उपकरण, जीते पुरस्कार

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Published : Apr 29, 2023, 11:05 PM IST

इंजीनियरिंग स्टूडेंट्स को प्लेटफार्म देने के उद्देश्य से काउंसिल ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी के तहत सीएसटीयूपी इंजीनियरिंग प्रोजेक्ट ग्रांट स्कीम शुरू की गई. इंदिरा गांधी नक्षत्र शाला में शनिवार को आयोजित प्रोजेक्टस की प्रदर्शनी में कई अनोखे और उपयोगी इनोवेशन देखने को मिले.

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Lucknow News : इंजीनियरिंग स्टूडेंट्स ने पेश किए अनोखे और उपयोगी उपकरण, जीते पुरस्कार

लखनऊ : इंजीनियरिंग किए हुए स्टूडेंट्स को एक प्लेटफार्म देने के उद्देश्य से इंदिरा गांधी नक्षत्र शाला में शनिवार को काउंसिल ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी के तहत सीएसटीयूपी इंजीनियरिंग प्रोजेक्ट ग्रांट स्कीम शुरू की गई. इस स्कीम के तहत इंजीनियरिंग छात्रों में नवाचार, अनुसंधान और विज्ञान के प्रति रुचि का विकास करना. स्थानीय समस्याओं के समाधान में प्रौद्योगिकी का उपयोग प्रोत्साहित करना. और इंजीनियरिंग छात्रों को सार्वजनिक उपयोगिताओं के लिए परियोजनाओं का निर्माण करने के लिए प्रोत्साहित करना है. इस दौरान प्रथम पुरस्कार उत्कर्ष मिश्र, हार्दिक पांडे को द्वितीय पुरस्कार और वंशिका गोएल को तृतीय पुरस्कार मिला है.

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद, उत्तर प्रदेश ने वर्ष 2022-23 के लिए इंजीनियरिंग प्रोजेक्टस को आमंत्रित किया है. कुल 58 प्रोजेक्टस को 20 हजार रुपये की अनुदान राशि के लिए चुना गया. इन्हीं 58 प्रोजेक्टस के प्रदर्शन के लिए शनिवार को विद्यार्थियों की टीमों एवं उनके गाइड के साथ प्रदर्शनी में आमंत्रित किया गया. नौ सदस्य तकनीकी विषय विशेषज्ञ समिति द्वारा उनके प्रोजेक्ट का अंतिम मूल्यांकन किया गया. उनमें से तीन विजेताओं को भी चयनित किया गया. जिन्हें एक लाख 75 हजार और 50 हजार रुपये की धनराशि एवं प्रमाण पत्र विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद, उप्र की ओर से प्रदान किया गया. इन्जीनियरिंग के प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय वर्ष में पढ़ाई कर रहे स्टूडेंट्स भी इस प्रदर्शनी का भ्रमण किया. इस दौरान आम पब्लिक भी नक्षत्रशाला में इंजीनियरिंग स्टूडेंट के द्वारा विकसित किए गए प्रेजेंटेशन को देखने के लिए पहुंचे. इसमें मुख्य अतिथि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के प्रमुख सचिव आलोक कुमार और विज्ञान और प्रौद्योगिकी परिषद उत्तर प्रदेश के सचिव शिवप्रसाद व विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी उत्तर प्रदेश के निदेशक अनिल यादव, वैज्ञानिक सुमित श्रीवास्तव मौजूद रहे.

इंदिरा गांधी नक्षत्र शाला के निदेशक अनिल यादव ने बताया कि इस प्रतियोगिता में फरीद 400 से अधिक स्टूडेंट्स 38 इंजीनियरिंग कॉलेज से मौजूद रहे और हर कॉलेज के स्टूडेंट के ग्रुप में एक इनोवेशन किया. जिसे उन्होंने इस प्रतियोगिता में प्रदर्शित किया. विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद, उत्तर प्रदेश (विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, उत्तर प्रदेश) के पास अपना एक इनोवेशन ब्लॉक है. इनोवेशन ब्लॉक को उत्तर प्रदेश में जमीनी स्तर के नवप्रवर्तकों को प्रोत्साहित करने के लिए स्थापित किया गया है. वर्तमान में राधेलाल, संयुक्त निदेशक इनोवेशन ब्लॉक के प्रभारी हैं. संदीप द्विवेदी इनोवेशन ब्लॉक में इनोवेशन अधिकारी के रूप में कार्यरत हैं. इनोवेशन ब्लॉक द्वारा इस परियोजना को वर्ष 2017 में प्रारम्भ किया गया.

लखनऊ के अमेठी यूनिवर्सिटी के वैभव शेखर सिंह ने बताया कि आधार कार्ड की वेबसाइट का इनोवेशन किया है. अपनी इस आइडिया को यहां पर प्रेजेंट किया है. इस वेबसाइट के जरिए किसी भी आधार को बनाने में या अपडेट करने में अधिक समय नहीं लगेगा. चार से पांच दिन में तैयार हो जाएगा. यह आम पब्लिक के लिए काफी अच्छा होगा क्योंकि नॉर्मल जब कोई व्यक्ति अपना आधार बनवाने के लिए जाता है या उसे अपडेट करवाने के लिए चाहता है तो एक हफ्ते से एक महीने तक का समय लग जाता है, लेकिन इस इनोवेशन के तहत आधार का काम जल्द से जल्द हो सकेगा.

कानपुर के एक्सिस इंजीनियरिंग कॉलेज से हर्ष यादव ने बताया कि इस प्रतियोगिता में वह एक मॉडल कार लेकर आए हैं. जिसमें मौजूदा समय के हिसाब से चीजों को बैलेंस किया गया है. उन्होंने बताया कि मैंने जब कार चलाना शुरू किया उस समय मुझे जिन डिफिकल्टीज का सामना करना पड़ा उसी से प्रेरित होकर मैंने यह मॉडल कार का इनोवेशन किया है. इसमें एक मॉड्यूल सेटअप किया है जो चार फीचर्स को कंसिस्ट करता है. जिसमें से दो ऑटोमेटिक डिफॉल्ट फागिंग का है जो विंडो फ्रंट स्क्रीन पर फॉग आता है उसे क्लीन ऑटोमेटिक करता है और उसे डिडक्ट करेगा और जो इस्मार्ट डैशबोर्ड इलेक्ट्रिक व्हीकल में है उसको सिग्नल उपलब्ध करेगा.

प्रयागराज के यूनाइटेड इंजीनियरिंग कॉलेज से संजय कुमार यादव सहयोगी रजनीश यादव ने बताया कि उन्होंने एक फार्मिंग ड्रोन का इनोवेशन किया है. इस इनोवेशन में चीजें पहले से भी दिमाग में चल रही थी और इसे बनाने में एक महीना समय लग गया है और इसको बनाने में 28 हजार रुपये की लगात लगी है. संजय ने बताया कि वह एक मिडिल क्लास फैमिली से है और वह समय-समय पर गांव जाकर खेतों में भी काम के लिए चले जाते हैं. इस दौरान उन्हें यह महसूस हुआ कि खेतों पर काम करते वक्त कई बार किसान को काफी नुकसान होता है कई बार वे चोटिल हो जाते हैं या फिर किसी तरह का त्वचा संबंधित रोग हो जाता है. ऐसे में कीटनाशक के छिड़काव के लिए फार्मिंग ड्रोन बनाया है जो कि काफी ज्यादा किसानों के लिए मददगार है.

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद, उत्तर प्रदेश (विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, उत्तर प्रदेश) के द्वारा आयोजित किया जा रहा है. इस सीएसटी यूपी इंजीनियरिंग प्रोजेक्ट ग्रांट स्कीम के तहत उत्तर प्रदेश के प्रौद्योगिकी कॉलेज और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालयों में पढ़ाई कर रहे बीटेक अंतिम वर्ष के विद्यार्थियों से इंजीनियरिंग प्रोजेक्टस को आमंत्रित किया गया. सभी प्रोजेक्टस विभिन्न तकनीकी संस्थानों के विषय विशेषज्ञों द्वारा मूल्यांकन किया गया. मूल्यांकन के बाद सीएसटी द्वारा चयनित परियोजनाओं को दो भागों में 20 हजार रुपये का अनुदान दिया है. यह धनराशि छात्रों के बैंक खाते में सीधे भेजी गई. इस दौरान नक्षत्रशाला परिसर में तैयार प्रोजेक्टस की प्रदर्शनी लगाई गई. सर्वश्रेष्ठ तीन प्रोजेक्टस को इस योजना के अंतर्गत पहला पुरस्कार एक लाख रुपये, दूसरा 75 हजार रुपये और तीसरा पुरस्कार 50 हजार रुपये प्रदान किया गया.

यह भी पढ़ें : भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह हुए भावुक, कहा- इससे बड़ा कष्ट का दिन जीवन में नहीं आया

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लखनऊ : इंजीनियरिंग किए हुए स्टूडेंट्स को एक प्लेटफार्म देने के उद्देश्य से इंदिरा गांधी नक्षत्र शाला में शनिवार को काउंसिल ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी के तहत सीएसटीयूपी इंजीनियरिंग प्रोजेक्ट ग्रांट स्कीम शुरू की गई. इस स्कीम के तहत इंजीनियरिंग छात्रों में नवाचार, अनुसंधान और विज्ञान के प्रति रुचि का विकास करना. स्थानीय समस्याओं के समाधान में प्रौद्योगिकी का उपयोग प्रोत्साहित करना. और इंजीनियरिंग छात्रों को सार्वजनिक उपयोगिताओं के लिए परियोजनाओं का निर्माण करने के लिए प्रोत्साहित करना है. इस दौरान प्रथम पुरस्कार उत्कर्ष मिश्र, हार्दिक पांडे को द्वितीय पुरस्कार और वंशिका गोएल को तृतीय पुरस्कार मिला है.

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद, उत्तर प्रदेश ने वर्ष 2022-23 के लिए इंजीनियरिंग प्रोजेक्टस को आमंत्रित किया है. कुल 58 प्रोजेक्टस को 20 हजार रुपये की अनुदान राशि के लिए चुना गया. इन्हीं 58 प्रोजेक्टस के प्रदर्शन के लिए शनिवार को विद्यार्थियों की टीमों एवं उनके गाइड के साथ प्रदर्शनी में आमंत्रित किया गया. नौ सदस्य तकनीकी विषय विशेषज्ञ समिति द्वारा उनके प्रोजेक्ट का अंतिम मूल्यांकन किया गया. उनमें से तीन विजेताओं को भी चयनित किया गया. जिन्हें एक लाख 75 हजार और 50 हजार रुपये की धनराशि एवं प्रमाण पत्र विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद, उप्र की ओर से प्रदान किया गया. इन्जीनियरिंग के प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय वर्ष में पढ़ाई कर रहे स्टूडेंट्स भी इस प्रदर्शनी का भ्रमण किया. इस दौरान आम पब्लिक भी नक्षत्रशाला में इंजीनियरिंग स्टूडेंट के द्वारा विकसित किए गए प्रेजेंटेशन को देखने के लिए पहुंचे. इसमें मुख्य अतिथि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के प्रमुख सचिव आलोक कुमार और विज्ञान और प्रौद्योगिकी परिषद उत्तर प्रदेश के सचिव शिवप्रसाद व विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी उत्तर प्रदेश के निदेशक अनिल यादव, वैज्ञानिक सुमित श्रीवास्तव मौजूद रहे.

इंदिरा गांधी नक्षत्र शाला के निदेशक अनिल यादव ने बताया कि इस प्रतियोगिता में फरीद 400 से अधिक स्टूडेंट्स 38 इंजीनियरिंग कॉलेज से मौजूद रहे और हर कॉलेज के स्टूडेंट के ग्रुप में एक इनोवेशन किया. जिसे उन्होंने इस प्रतियोगिता में प्रदर्शित किया. विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद, उत्तर प्रदेश (विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, उत्तर प्रदेश) के पास अपना एक इनोवेशन ब्लॉक है. इनोवेशन ब्लॉक को उत्तर प्रदेश में जमीनी स्तर के नवप्रवर्तकों को प्रोत्साहित करने के लिए स्थापित किया गया है. वर्तमान में राधेलाल, संयुक्त निदेशक इनोवेशन ब्लॉक के प्रभारी हैं. संदीप द्विवेदी इनोवेशन ब्लॉक में इनोवेशन अधिकारी के रूप में कार्यरत हैं. इनोवेशन ब्लॉक द्वारा इस परियोजना को वर्ष 2017 में प्रारम्भ किया गया.

लखनऊ के अमेठी यूनिवर्सिटी के वैभव शेखर सिंह ने बताया कि आधार कार्ड की वेबसाइट का इनोवेशन किया है. अपनी इस आइडिया को यहां पर प्रेजेंट किया है. इस वेबसाइट के जरिए किसी भी आधार को बनाने में या अपडेट करने में अधिक समय नहीं लगेगा. चार से पांच दिन में तैयार हो जाएगा. यह आम पब्लिक के लिए काफी अच्छा होगा क्योंकि नॉर्मल जब कोई व्यक्ति अपना आधार बनवाने के लिए जाता है या उसे अपडेट करवाने के लिए चाहता है तो एक हफ्ते से एक महीने तक का समय लग जाता है, लेकिन इस इनोवेशन के तहत आधार का काम जल्द से जल्द हो सकेगा.

कानपुर के एक्सिस इंजीनियरिंग कॉलेज से हर्ष यादव ने बताया कि इस प्रतियोगिता में वह एक मॉडल कार लेकर आए हैं. जिसमें मौजूदा समय के हिसाब से चीजों को बैलेंस किया गया है. उन्होंने बताया कि मैंने जब कार चलाना शुरू किया उस समय मुझे जिन डिफिकल्टीज का सामना करना पड़ा उसी से प्रेरित होकर मैंने यह मॉडल कार का इनोवेशन किया है. इसमें एक मॉड्यूल सेटअप किया है जो चार फीचर्स को कंसिस्ट करता है. जिसमें से दो ऑटोमेटिक डिफॉल्ट फागिंग का है जो विंडो फ्रंट स्क्रीन पर फॉग आता है उसे क्लीन ऑटोमेटिक करता है और उसे डिडक्ट करेगा और जो इस्मार्ट डैशबोर्ड इलेक्ट्रिक व्हीकल में है उसको सिग्नल उपलब्ध करेगा.

प्रयागराज के यूनाइटेड इंजीनियरिंग कॉलेज से संजय कुमार यादव सहयोगी रजनीश यादव ने बताया कि उन्होंने एक फार्मिंग ड्रोन का इनोवेशन किया है. इस इनोवेशन में चीजें पहले से भी दिमाग में चल रही थी और इसे बनाने में एक महीना समय लग गया है और इसको बनाने में 28 हजार रुपये की लगात लगी है. संजय ने बताया कि वह एक मिडिल क्लास फैमिली से है और वह समय-समय पर गांव जाकर खेतों में भी काम के लिए चले जाते हैं. इस दौरान उन्हें यह महसूस हुआ कि खेतों पर काम करते वक्त कई बार किसान को काफी नुकसान होता है कई बार वे चोटिल हो जाते हैं या फिर किसी तरह का त्वचा संबंधित रोग हो जाता है. ऐसे में कीटनाशक के छिड़काव के लिए फार्मिंग ड्रोन बनाया है जो कि काफी ज्यादा किसानों के लिए मददगार है.

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद, उत्तर प्रदेश (विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, उत्तर प्रदेश) के द्वारा आयोजित किया जा रहा है. इस सीएसटी यूपी इंजीनियरिंग प्रोजेक्ट ग्रांट स्कीम के तहत उत्तर प्रदेश के प्रौद्योगिकी कॉलेज और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालयों में पढ़ाई कर रहे बीटेक अंतिम वर्ष के विद्यार्थियों से इंजीनियरिंग प्रोजेक्टस को आमंत्रित किया गया. सभी प्रोजेक्टस विभिन्न तकनीकी संस्थानों के विषय विशेषज्ञों द्वारा मूल्यांकन किया गया. मूल्यांकन के बाद सीएसटी द्वारा चयनित परियोजनाओं को दो भागों में 20 हजार रुपये का अनुदान दिया है. यह धनराशि छात्रों के बैंक खाते में सीधे भेजी गई. इस दौरान नक्षत्रशाला परिसर में तैयार प्रोजेक्टस की प्रदर्शनी लगाई गई. सर्वश्रेष्ठ तीन प्रोजेक्टस को इस योजना के अंतर्गत पहला पुरस्कार एक लाख रुपये, दूसरा 75 हजार रुपये और तीसरा पुरस्कार 50 हजार रुपये प्रदान किया गया.

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