लखनऊ : मरणोपरांत परमवीर चक्र से अलंकृत जांबाज कैप्टन मनोज पांडेय के 24वें शहादत दिवस पर सोमवार को लखनऊ छावनी में रेस कोर्स के पास कैप्टन मनोज पांडेय चौक पर पुष्पांजलि समारोह आयोजित किया गया. 11 गोरखा राइफल्स रेजिमेंटल सेंटर (11GRRC) के कार्यवाहक कमांडेंट कर्नल आरएस रावत ने पूर्व सैनिकों और सेवारत सैनिकों के साथ कैप्टन मनोज पांडेय के पिता और भाई की उपस्थिति में कैप्टन मनोज पांडेय की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की.
उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले के रूढ़ा गांव में जन्मे कैप्टन मनोज पांडेय लखनऊ सैनिक स्कूल के पूर्व छात्र और राष्ट्रीय रक्षा अकादमी से पास आउट हुए थे. कैप्टन मनोज पांडेय को जून 1997 में 1/11 गोरखा राइफल्स में कमीशन मिला था. वह कारगिल में ऑपरेशन विजय के दौरान प्लाटून कमांडर थे. कैप्टन मनोज कुमार पांडे 24 साल 7 दिन की उम्र में ही अपने देश के लिए शहीद हो गए. उन्हें मरणोपरांत सेना का सर्वोच्च मेडल परम वीर चक्र दिया गया.
जुलाई 1999 की सुबह मनोज पांडेय ने अदम्य साहस का प्रदर्शन करते हुए अपने सैनिकों से आगे बढ़कर गोलियों की बौछार के साथ दुश्मन पर जोरदार हमला बोल दिया. अपने सिर पर घातक चोट लगने के बावजूद उन्होंने दुश्मन को मार गिराया और अपनी कंपनियों के लिए एक महत्वपूर्ण मजबूत आधार प्रदान किया. जिसके कारण आखिरकार खालुबार पर कब्जा हो गया. परम वीरता, अदम्य साहस, उत्कृष्ट नेतृत्व और जीवन का सर्वोच्च बलिदान प्रदर्शित करने के लिए उन्हें मरणोपरांत सर्वोच्च वीरता पदक परमवीर चक्र से अलंकृत किया गया था.