लखनऊ : मौसम में परिवर्तन के चलते लोग बीमार पड़ रहे हैं. सबसे ज्यादा मरीज संदिग्ध बुखार के हैं. इन मरीजों में डेंगू और मलेरिया के लक्षण होने के बावजूद जांच निगेटिव आ रही है. कई मरीजों को भर्ती करना पड़ रहा है. अस्पतालों में आने वाले मरीजों की संख्या 40 फीसदी तक बढ़ गई है. मरीजों की संख्या बढ़ने के कारण अस्पतालों की ओपीडी में भीड़ देखने को मिल रही है.
हजरतगंज स्थित डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी (सिविल) अस्पताल के सीएमएस डॉ. राजेश श्रीवास्तव ने बताया कि 'इस समय मौसम में काफी उतार-चढ़ाव हो रहा है. इससे वायरल फीवर के मरीजों की तादात बढ़ी है. उन्होंने बताया कि बदन में तेज दर्द, गले में खराश और दर्द, त्वचा पर हल्के धब्बे पड़ना, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द, कमजोरी महसूस होना, सिर दर्द होने के साथ तेज बुखार, खांसी की शिकायत के लक्षण वायरल फीवर से जुड़े है. लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है. वैसे तो हर साल मौसम बदलने पर ऐसी समस्या आती है, लेकिन इस बार बुखार में लक्षण कुछ अलग तरह के हैं. मरीजों की संख्या बढ़ने के कारण डॉक्टरों को विशेष निर्देश दिए गए हैं.'
बलरामपुर अस्पताल के सीएमएस डॉ. अतुल मेहरोत्रा ने बताया कि 'इधर कुछ दिनों से वायरल और त्वचा रोग के मरीज बढ़ गए हैं. इलाज के लिए चिकित्सकों को विशेष निर्देश दिए गए हैं. वायरल बुखार के करीब दो दर्जन गंभीर मरीजों को रोजाना भर्ती करना पड़ रहा है, वहीं ओपीडी के जहां रोजाना करीब तीन से चार हजार के आसपास मरीज आते थे. इस समय यह संख्या छह से सात हजार तक पहुंच गई है. पर्चा काउंटर, दवा वितरण व जांच सैंपल काउंटर पर अतिरिक्त स्टॉफ लगाया गया है. मरीजों की संख्या बढ़ने पर डॉक्टर भी तय समय से अधिक समय तक बैठ रहे हैं. इसके बाद इमरजेंसी में भी मरीजों को प्राथमिकता के साथ देखा जा रहा है.'
लोकबंधु अस्पताल के अधीक्षक डॉ. अजय शंकर त्रिपाठी ने बताया कि 'अगस्त के आखिरी सप्ताह से वायरल बुखार के मरीज बढ़े हैं. इसके लक्षण भी अलग हैं. मरीजों को चिकित्सकों को दिखाकर ही दवा लेनी चाहिए. अपनी मर्जी से दवा लेना घातक हो सकता है. उन्होंने बताया कि इन दिनों वायरल बुखार से पीड़ित मरीजों की संख्या काफी ज्यादा बढ़ गई है, वहीं नेत्र रोग विभाग में आई फ्लू से पीड़ित मरीजों की संख्या में गिरावट दर्ज हुई है. इस समय जितने भी मरीज आ रहे हैं. उन्हें तेज बुखार के साथ बदन में दर्द की समस्या है. इसके अलावा बहुत से मरीज ऐसे आ रहे हैं, जिन्हें बुखार उतरने का नाम नहीं ले रहा है. बुखार नहीं उतरने के चलते उन्हें अस्पताल में भर्ती भी किया जा रहा है.'