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लखनऊः किसानों का तकनीक पर बढ़ रहा रुझान, स्ट्रॉबेरी की कर रहे खेती

देश की अधिकतर आबादी कृषि पर आधारित है. किसानों को खेती में फसल का उचित दाम न मिलने की वजह से अधिकतर किसानी से मुंह मोड़ रहे थे. लेकिन बदलती तकनीक से अब किसान खेती को व्यवसाय की नजरों से देख रहे हैं.

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ड्रिप इरिगेशन के जरिए स्ट्रॉबेरी की खेती.
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Published : Jan 1, 2020, 6:21 PM IST

लखनऊ: मोहनलाल गंज विकास खंड के अंतर्गत गांव गोपाल खेड़ा के किसान ने मिसाल पेश की है. किसान राजेश सिंह ने तकनीक की सहायता से स्ट्रॉबेरी की खेती कर जिले का नाम रोशन किया है. राजेश सिंह राजधानी लखनऊ के पहले ऐसे किसान हैं, जिन्होंने ड्रिप इरिगेशन के जरिए स्ट्रॉबेरी की खेती की है.

ड्रिप इरिगेशन के जरिए स्ट्रॉबेरी की खेती.

किसान राजेश सिंह ने बताया कि उनका छोटा भाई अमेरिका से पढ़कर आया है. उसने तकनीक के जरिए व्यवसायिक खेती की शुरुआत की. राजेश के मुताबकि ड्रिप इरिगेशन के जरिए खेती करने के लिए उन्होंने पहले काफी लोगों से जानकारी इकट्ठा की और बिना किसी सरकारी सहायता के स्ट्रॉबेरी की खेती शुरू की.

तकनीक के जरिए खेती तो मुनाफा दोगुना

  • मोहनलाल गंज के किसान ने खेती में मिसाल पेश की है.
  • किसान राजेश सिंह ने ड्रिप इरिगेशन के जरिए स्ट्रॉबेरी की खेती की है.
  • एक पौधे में लगभग 400 से 500 ग्राम स्ट्रॉबेरी पैदा होती है.
  • 1 एकड़ में लगभग 10 से 12 टन उत्पादन होता है.
  • ड्रिप इरिगेशन के जरिए मुनाफा 3 से 4 गुना बढ़ जाता है.

इसे भी पढें- लखनऊ महोत्सव में पहली बार मिलेगी 'हेलिकॉप्टर' सवारी, दिखेगा शहर का नजारा

किसान राजेश सिंह ने बताया कि उन्होंने 1 एकड़ में स्ट्रॉबेरी की खेती की है, जिसकी बुवाई सितंबर माह में शुरू की थी. एक पौधे में लगभग 400 से 500 ग्राम और पूरे 1 एकड़ में लगभग 10 से 12 टन का उत्पादन होता है, जिससे मुनाफा 3 से 4 गुना बढ़ जाता है.

लखनऊ: मोहनलाल गंज विकास खंड के अंतर्गत गांव गोपाल खेड़ा के किसान ने मिसाल पेश की है. किसान राजेश सिंह ने तकनीक की सहायता से स्ट्रॉबेरी की खेती कर जिले का नाम रोशन किया है. राजेश सिंह राजधानी लखनऊ के पहले ऐसे किसान हैं, जिन्होंने ड्रिप इरिगेशन के जरिए स्ट्रॉबेरी की खेती की है.

ड्रिप इरिगेशन के जरिए स्ट्रॉबेरी की खेती.

किसान राजेश सिंह ने बताया कि उनका छोटा भाई अमेरिका से पढ़कर आया है. उसने तकनीक के जरिए व्यवसायिक खेती की शुरुआत की. राजेश के मुताबकि ड्रिप इरिगेशन के जरिए खेती करने के लिए उन्होंने पहले काफी लोगों से जानकारी इकट्ठा की और बिना किसी सरकारी सहायता के स्ट्रॉबेरी की खेती शुरू की.

तकनीक के जरिए खेती तो मुनाफा दोगुना

  • मोहनलाल गंज के किसान ने खेती में मिसाल पेश की है.
  • किसान राजेश सिंह ने ड्रिप इरिगेशन के जरिए स्ट्रॉबेरी की खेती की है.
  • एक पौधे में लगभग 400 से 500 ग्राम स्ट्रॉबेरी पैदा होती है.
  • 1 एकड़ में लगभग 10 से 12 टन उत्पादन होता है.
  • ड्रिप इरिगेशन के जरिए मुनाफा 3 से 4 गुना बढ़ जाता है.

इसे भी पढें- लखनऊ महोत्सव में पहली बार मिलेगी 'हेलिकॉप्टर' सवारी, दिखेगा शहर का नजारा

किसान राजेश सिंह ने बताया कि उन्होंने 1 एकड़ में स्ट्रॉबेरी की खेती की है, जिसकी बुवाई सितंबर माह में शुरू की थी. एक पौधे में लगभग 400 से 500 ग्राम और पूरे 1 एकड़ में लगभग 10 से 12 टन का उत्पादन होता है, जिससे मुनाफा 3 से 4 गुना बढ़ जाता है.

Intro:updated- script भारत एक कृषि प्रधान देश है जिसकी 70% आबादी लगभग खेती व किसानी पर निर्भर करती है। खेती व किसानी में फसल का उचित दाम ना मिलने की वजह से किसानों ने खेती से अपना रुख मोड़ लिया था पर समय के साथ-साथ बदलती तकनीक की सहायता से किसान अब व्यवसाय खेती की ओर रुझान करने लगे हैं।


Body:राजधानी लखनऊ के मोहनलालगंज विकासखंड के अंतर्गत आने वाले गोपाल खेड़ा के किसान ने मिसाल पेश की है जिसने तकनीक की सहायता से स्ट्रॉबेरी की खेती कर जिले में नाम रोशन किया है। गोपाल खेड़ा गांव के रहने वाले राजेश सिंह राजधानी लखनऊ के पहले ऐसे किसान हैं जिन्होंने ड्रिप इरिगेशन के जरिए स्ट्रॉबेरी की खेती की है। जब हमने राजेश से बात की तो उन्होंने बताया कि उनके छोटे भाई अमेरिका से पढ़ कर आए थे जिसके बाद उन्होंने तकनीक के जरिए व्यवसायिक खेती की शुरुआत की। राजेश ने बताया कि ड्रिप इरिगेशन के जरिए खेती करने के लिए उन्होंने पहले तो काफी जानकारी लोगों से इकट्ठा की। जिसके बाद बिना किसी सरकारी सहायता के स्ट्रॉबेरी की खेती शुरू की। किसान राजेश ने बताया कि उन्होंने 1 एकड़ में स्ट्रॉबेरी की खेती की है जिसकी बुवाई सितंबर माह में शुरू की थी। एक पौधे में लगभग 400 से 500 ग्राम तथा पूरे 1 एकड़ में लगभग 10 से 12 टन का उत्पादन होगा। जिससे उनको 3 से 4 गुना ज्यादा फायदा मिलेगा। बताते चलें ड्रिप इरिगेशन के जरिए खेतों में फसलों की अच्छी पैदावार कम पानी की सहायता से की जाती है जिन क्षेत्रों में पानी की कमी होती है उन क्षेत्रों में इस तकनीक को अपनाकर अच्छी फसल की पैदावार कर सकते हैं। किसान राजेश ने ईटीवी भारत से बताया कि इस तकनीक की सहायता से खेती करने में किसान को दोगुना लाभ मिलेगा फिलहाल वह पहले लखनऊ के ऐसे किसान हैं जिन्होंने स्ट्रॉबेरी की खेती तकनीक के द्वारा की है। बाइट- राजेश सिंह (किसान) पीटीसी योगेश मिश्रा


Conclusion:राजधानी के एक छोटे से गांव के रहने वाले किसान राजेश सिंह ने तकनीक के जरिए खेती कर मिसाल पेश की है जिससे अन्य किसानों को भी प्रेरणा मिलेगी वहीं किसान तकनीकी खेती के जरिए उन्नत फसल की पैदावार कर सकेंगे जिससे उनकी आमदनी भी बढ़ सकती है। योगेश मिश्रा लखनऊ 7054179998
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