ETV Bharat / state

अजित सिंह मर्डर: शिवेंद्र ने उगले राज, जेल से होता था पैसे का इंतजाम

author img

By

Published : Mar 18, 2021, 4:12 AM IST

मऊ के मोहम्मदाबाद गोहना के पूर्व ब्लॉक प्रमुख अजीत सिंह की हत्या में आरोपी शूटर शिवेंद्र सिंह उर्फ अंकुर ने बुधवार को पूछताछ में कई राज उगले. कस्टडी रिमांड पर आए शिवेंद्र ने बताया कि उसे शूटरों के ठहरने से लेकर शूटरों के खाने-पीने तक का इंतजाम करना होता था. इसके लिए धन आजमगढ़ जेल में बंद अखंड सिंह उपलब्ध कराता था.

अजीत सिंह हत्याकांड.
अजीत सिंह हत्याकांड.

लखनऊ: मऊ के मोहम्मदाबाद गोहना के पूर्व ब्लॉक प्रमुख अजीत सिंह की हत्या में आरोपी शूटर शिवेंद्र सिंह उर्फ अंकुर ने बुधवार को पूछताछ में कई राज उगले. कस्टडी रिमांड पर आए शिवेंद्र ने बताया कि उसे शूटरों के ठहरने से लेकर शूटरों के खाने-पीने तक का इंतजाम करना होता था. इसके लिए धन आजमगढ़ जेल में बंद अखंड सिंह उपलब्ध कराता था. अखंड ये काम पूर्व सांसद धनंजय सिंह के इशारे पर करता था. शिवेंद्र ने बताया कि राजधानी में दो स्थानों पर शूटरों के रुकने का इंतजाम किया गया था.

पूर्व सांसद धनंजय सिंह.
पूर्व सांसद धनंजय सिंह.

एक साल से की जा रही थी रेकी
प्रभारी निरीक्षक विभूतिखंड चंद्रशेखर सिंह के मुताबिक, अजीत सिंह की हत्या के लिए करीब एक साल पहले से तैयारी की जा रही थी. अजीत पर निगरानी केे लिए राजधानी दो फ्लैट लिए गए थे. अजीत की 6 जनवरी की रात को कठौता चौराहे पर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. शिवेंद्र सिंह उर्फ अंकुर ने भी अजीत को गोलियां मारी थीं. इसके बाद पुलिस को चकमा देकर उसने लखनऊ कोर्ट में समर्पण कर दिया था. सोमवार को विभूतिखंड पुलिस ने शिवेंद्र की कस्टडी रिमांड की अर्जी दाखिल की थी. मंगलवार को कोर्ट ने आदेश दिया कि पुलिस दिन के उजाले में उससे पूछताछ करेगी. इसके लिए सुबह 9 बजे से शाम 7 बजे तक का समय निर्धारित किया गया था. बुधवार सुबह 9 बजे पुलिस ने शिवेंद्र को जिला जेल से अपनी कस्टडी में लिया. इसके बाद थाने लाकर शाम पांच बजे तक पूछताछ की. पूछताछ के बाद उसे जेल भेज दिया गया. बृहस्पतिवार को भी उससे पूछताछ की जाएगी.

यह भी पढ़ेंः लखनऊ गैंगवार में मारा गया हिस्ट्रीशीटर अजीत सिंह

प्रदीप कबूतरा का सगा साढू है शिवेंद्र
पुलिस के मुताबिक, शिवेंद्र सिंह उर्फ अंकुर गोमतीनगर विस्तार स्थित शारदा अपार्टमेंट में रहने वाले शातिर अपराधी प्रदीप कबूतरा का सगा साढू है. शिवेंद्र आजमगढ़ जेल में बंद रहे अखंड सिंह का करीबी है. अखंड के इशारे पर शिवेंद्र ने कई वारदात को अंजाम दिया है. अजीत की हत्या की साजिश रचने के बाद अखंड ने शिवेंद्र के जरिए ही लखनऊ में फ्लैट बुक कराए थे. एक फ्लैट शारदा अपार्टमेंट में किराए पर लिया गया था, जबकि दूसरा अलकनंदा में. वारदात से जुड़े ज्यादातर शूटरों ने शारदा अपार्टमेंट में ही शरण ली थी. अलकनंदा में डॉक्टर उर्फ गिरधारी उर्फ कन्हैया जैसे शूटर रहते थे. वहीं पर हत्या का पूर प्लान तैयार किया गया. वारदात को अंजाम देने के बाद शूटरों ने सभी असलहे शिवेंद्र को दे दिए थे. शिवेंद्र ने इन असलहों को आजमगढ़ के शूटर रवि यादव के भाई संजय यादव को दे दिया. उसी ने वारदात में प्रयुक्त किए गए असलहों को छिपाया था.

यह भी पढ़ेंः लखनऊ गैंगवारः 50 सेकेंड में चलीं 30 गोलियां

वारदात के बाद मुंबई में ली थी शरण
पुलिस के मुताबिक, वारदात को अंजाम देने के बाद शिवेंद्र सिंह उर्फ अंकुर ने मुंबई में शरण ली थी. वारदात के बाद जिस डस्टर गाड़ी से शूटर फरार हुए थे, वह भी मुंबई के एक कारोबारी की थी. कारोबारी ठाकुर प्रसाद ने शिवेंद्र को मुंबई में शरण दी थी. पुलिस इस कारोबारी के बारे में जानकारी हासिल कर रही है. उससे भी पूछताछ की जाएगी. मुंबई से कुछ दिन पहले ही शिवेंद्र वापस अपने गांव आजमगढ़ गया था. वहां से वकील से संपर्क कर लखनऊ की सीजेएम कोर्ट में 5 मार्च को समर्पण कर दिया था.

यह भी पढ़ेंः अजीत हत्याकांड के आरोपी गिरधारी का एनकाउंटर

शिवेंद्र के जरिए उपलब्ध होता था धन
पुलिस के मुताबिक, पूछताछ में शिवेंद्र ने बताया कि उसके जरिए ही वारदात से जुड़े सभी शूटरों और अन्य मददगारों की जरूरत पूरी होती थी. इसके लिए पूर्व सांसद धनंजय सिंह जेल में बंद अखंड सिंह को इशारा करता था. अखंड जेल से ही शिवेंद्र को धन उपलब्ध कराता था. फ्लैट किराए पर लेने के लिए अखंड ने सबसे पहले 50 हजार रुपये भेजे थे. इसके बाद हर सप्ताह 25 से 30 हजार रुपये भेजे जाते थे. वह यह रकम अखंड द्वारा बताए गए लोगों से वसूलकर शूटरों को देता था. यह रकम पूरे एक साल तक उपलब्ध कराई जाती रही.

लखनऊ: मऊ के मोहम्मदाबाद गोहना के पूर्व ब्लॉक प्रमुख अजीत सिंह की हत्या में आरोपी शूटर शिवेंद्र सिंह उर्फ अंकुर ने बुधवार को पूछताछ में कई राज उगले. कस्टडी रिमांड पर आए शिवेंद्र ने बताया कि उसे शूटरों के ठहरने से लेकर शूटरों के खाने-पीने तक का इंतजाम करना होता था. इसके लिए धन आजमगढ़ जेल में बंद अखंड सिंह उपलब्ध कराता था. अखंड ये काम पूर्व सांसद धनंजय सिंह के इशारे पर करता था. शिवेंद्र ने बताया कि राजधानी में दो स्थानों पर शूटरों के रुकने का इंतजाम किया गया था.

पूर्व सांसद धनंजय सिंह.
पूर्व सांसद धनंजय सिंह.

एक साल से की जा रही थी रेकी
प्रभारी निरीक्षक विभूतिखंड चंद्रशेखर सिंह के मुताबिक, अजीत सिंह की हत्या के लिए करीब एक साल पहले से तैयारी की जा रही थी. अजीत पर निगरानी केे लिए राजधानी दो फ्लैट लिए गए थे. अजीत की 6 जनवरी की रात को कठौता चौराहे पर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. शिवेंद्र सिंह उर्फ अंकुर ने भी अजीत को गोलियां मारी थीं. इसके बाद पुलिस को चकमा देकर उसने लखनऊ कोर्ट में समर्पण कर दिया था. सोमवार को विभूतिखंड पुलिस ने शिवेंद्र की कस्टडी रिमांड की अर्जी दाखिल की थी. मंगलवार को कोर्ट ने आदेश दिया कि पुलिस दिन के उजाले में उससे पूछताछ करेगी. इसके लिए सुबह 9 बजे से शाम 7 बजे तक का समय निर्धारित किया गया था. बुधवार सुबह 9 बजे पुलिस ने शिवेंद्र को जिला जेल से अपनी कस्टडी में लिया. इसके बाद थाने लाकर शाम पांच बजे तक पूछताछ की. पूछताछ के बाद उसे जेल भेज दिया गया. बृहस्पतिवार को भी उससे पूछताछ की जाएगी.

यह भी पढ़ेंः लखनऊ गैंगवार में मारा गया हिस्ट्रीशीटर अजीत सिंह

प्रदीप कबूतरा का सगा साढू है शिवेंद्र
पुलिस के मुताबिक, शिवेंद्र सिंह उर्फ अंकुर गोमतीनगर विस्तार स्थित शारदा अपार्टमेंट में रहने वाले शातिर अपराधी प्रदीप कबूतरा का सगा साढू है. शिवेंद्र आजमगढ़ जेल में बंद रहे अखंड सिंह का करीबी है. अखंड के इशारे पर शिवेंद्र ने कई वारदात को अंजाम दिया है. अजीत की हत्या की साजिश रचने के बाद अखंड ने शिवेंद्र के जरिए ही लखनऊ में फ्लैट बुक कराए थे. एक फ्लैट शारदा अपार्टमेंट में किराए पर लिया गया था, जबकि दूसरा अलकनंदा में. वारदात से जुड़े ज्यादातर शूटरों ने शारदा अपार्टमेंट में ही शरण ली थी. अलकनंदा में डॉक्टर उर्फ गिरधारी उर्फ कन्हैया जैसे शूटर रहते थे. वहीं पर हत्या का पूर प्लान तैयार किया गया. वारदात को अंजाम देने के बाद शूटरों ने सभी असलहे शिवेंद्र को दे दिए थे. शिवेंद्र ने इन असलहों को आजमगढ़ के शूटर रवि यादव के भाई संजय यादव को दे दिया. उसी ने वारदात में प्रयुक्त किए गए असलहों को छिपाया था.

यह भी पढ़ेंः लखनऊ गैंगवारः 50 सेकेंड में चलीं 30 गोलियां

वारदात के बाद मुंबई में ली थी शरण
पुलिस के मुताबिक, वारदात को अंजाम देने के बाद शिवेंद्र सिंह उर्फ अंकुर ने मुंबई में शरण ली थी. वारदात के बाद जिस डस्टर गाड़ी से शूटर फरार हुए थे, वह भी मुंबई के एक कारोबारी की थी. कारोबारी ठाकुर प्रसाद ने शिवेंद्र को मुंबई में शरण दी थी. पुलिस इस कारोबारी के बारे में जानकारी हासिल कर रही है. उससे भी पूछताछ की जाएगी. मुंबई से कुछ दिन पहले ही शिवेंद्र वापस अपने गांव आजमगढ़ गया था. वहां से वकील से संपर्क कर लखनऊ की सीजेएम कोर्ट में 5 मार्च को समर्पण कर दिया था.

यह भी पढ़ेंः अजीत हत्याकांड के आरोपी गिरधारी का एनकाउंटर

शिवेंद्र के जरिए उपलब्ध होता था धन
पुलिस के मुताबिक, पूछताछ में शिवेंद्र ने बताया कि उसके जरिए ही वारदात से जुड़े सभी शूटरों और अन्य मददगारों की जरूरत पूरी होती थी. इसके लिए पूर्व सांसद धनंजय सिंह जेल में बंद अखंड सिंह को इशारा करता था. अखंड जेल से ही शिवेंद्र को धन उपलब्ध कराता था. फ्लैट किराए पर लेने के लिए अखंड ने सबसे पहले 50 हजार रुपये भेजे थे. इसके बाद हर सप्ताह 25 से 30 हजार रुपये भेजे जाते थे. वह यह रकम अखंड द्वारा बताए गए लोगों से वसूलकर शूटरों को देता था. यह रकम पूरे एक साल तक उपलब्ध कराई जाती रही.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.