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लखनऊ: आय से अधिक सम्पत्ति में अवर अभियंता को कारावास, पत्नी की शिकायत पर हुई थी जांच

यूपी की राजधानी लखनऊ में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के विशेष जज ने आय से अधिक सम्पति के एक मामले में लोक निर्माण विभाग के एक अवर अभियंता को दोषी करार दिया है. दोषी अवर अभियंता की पत्नी ने ही उसके खिलाफ शिकायत की थी.

अवर अभियंता को कारावास.
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Published : Nov 20, 2019, 12:23 PM IST

लखनऊ: भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के विशेष जज संदीप गुप्ता ने आय से अधिक सम्पति के एक मामले में लोक निर्माण विभाग, लखनऊ के अवर अभियंता रवींद्र कुमार गुप्ता को दोषी करार दिया है. कोर्ट ने दोषी को तीन साल कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही इस पर 25 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है. दोषी अवर अभियंता की पत्नी ने ही इस मामले में शिकायत की थी.

मामला दर्ज
सरकारी वकील शैलेंद्र यादव के मुताबिक 20 जनवरी, 2004 को इस मामले की एफआईआर भ्रष्टाचार निवारण संगठन, कानपुर के निरीक्षक आर.पी. शुक्ला ने थाना आशियाना में दर्ज कराई थी.

पत्नी ने की शिकायत
1 अक्टूबर, 2001 को खुद अभियुक्त की पत्नी मालती गुप्ता ने इस मामले की शिकायत की थी. शिकायत पर जांच में यह सामने आया कि तीन जून, 1972 से दिसंबर, 2001 तक समस्त ज्ञात स्रोतों से अभियुक्त की कुल आय करीब 15 लाख 61 हजार 161 रुपये थी, जबकि इस अवधि में अभियुक्त द्वारा चल-अचल सम्पति एकत्र करने व अन्य मदों में करीब 26 लाख 186 रुपये खर्च किए गए, जो अभियुक्त की आय की तुलना में करीब 10 लाख 32 हजार 24 रुपये अधिक है. जिसका अभियुक्त द्वारा कोई ठोस प्रमाण नहीं दिया जा सका. लिहाजा कोर्ट ने कहा कि अभियुक्त द्वारा उक्त रकम भ्रष्टाचार के माध्यम से एकत्र कर व्यय किया गया है. कोर्ट ने दोषी को तीन साल कारावास और 25 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है.

लखनऊ: भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के विशेष जज संदीप गुप्ता ने आय से अधिक सम्पति के एक मामले में लोक निर्माण विभाग, लखनऊ के अवर अभियंता रवींद्र कुमार गुप्ता को दोषी करार दिया है. कोर्ट ने दोषी को तीन साल कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही इस पर 25 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है. दोषी अवर अभियंता की पत्नी ने ही इस मामले में शिकायत की थी.

मामला दर्ज
सरकारी वकील शैलेंद्र यादव के मुताबिक 20 जनवरी, 2004 को इस मामले की एफआईआर भ्रष्टाचार निवारण संगठन, कानपुर के निरीक्षक आर.पी. शुक्ला ने थाना आशियाना में दर्ज कराई थी.

पत्नी ने की शिकायत
1 अक्टूबर, 2001 को खुद अभियुक्त की पत्नी मालती गुप्ता ने इस मामले की शिकायत की थी. शिकायत पर जांच में यह सामने आया कि तीन जून, 1972 से दिसंबर, 2001 तक समस्त ज्ञात स्रोतों से अभियुक्त की कुल आय करीब 15 लाख 61 हजार 161 रुपये थी, जबकि इस अवधि में अभियुक्त द्वारा चल-अचल सम्पति एकत्र करने व अन्य मदों में करीब 26 लाख 186 रुपये खर्च किए गए, जो अभियुक्त की आय की तुलना में करीब 10 लाख 32 हजार 24 रुपये अधिक है. जिसका अभियुक्त द्वारा कोई ठोस प्रमाण नहीं दिया जा सका. लिहाजा कोर्ट ने कहा कि अभियुक्त द्वारा उक्त रकम भ्रष्टाचार के माध्यम से एकत्र कर व्यय किया गया है. कोर्ट ने दोषी को तीन साल कारावास और 25 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है.

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आय से अधिक सम्पत्ति के मामले में अवर अभियंता को कारावास
पत्नी की शिकायत पर हुई थी जांच्

विधि संवाददाता

लखनऊ। भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के विशेष जज संदीप गुप्ता ने आय से अधिक सम्पति के एक मामले में लोक निर्माण विभाग, लखनऊ के अवर अभियंता रवींद्र कुमार गुप्ता को दोषी करार दिया है। कोर्ट ने उसे को तीन साल के कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही इस पर 25 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है।

सरकारी वकील शैलेंद्र यादव के मुताबिक 20 जनवरी, 2004 को इस मामले की एफआईआर भ्रष्टाचार निवारण संगठन, कानपुर के निरीक्षक आरपी शुक्ला ने थाना आशियाना में दर्ज कराई थी। एक अक्टूबर, 2001 को खुद अभियुक्त की पत्नी मालती गुप्ता ने इस मामले की शिकायत की थी। शिकायत पर जांच में यह सामने आया कि तीन जून, 1972 से दिसंबर, 2001 तक समस्त ज्ञात स़्त्रोतों से अभियुक्त की कुल आय करीब 15 लाख 61 हजार 161 रुपए थी। जबकि इस अवधि में अभियुक्त द्वारा चल-अचल सम्पति एकत्र करने व अन्य मदों में करीब 26 लाख 186 रुपए खर्च किए गए। जो अभियुक्त की आय की तुलना में करीब 10 लाख 32 हजार 24 रुपए अधिक है। जिसका अभियुक्त द्वारा कोई ठोस प्रमाण नहीं दिया जा सका। लिहाजा कोर्ट ने कहा कि अभियुक्त द्वारा उक्त रकम भ्रष्टाचार के माध्यम से एकत्र कर व्यय किया गया है।

 

 

 

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Chandan Srivastava
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