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मेरठ में 200 छात्रों के डूबे 10 करोड़ रुपये, 750 का भविष्य अधर में, जानिए FIITJEE कोचिंग सेंटर क्यों बंद हुआ? - FIITJEE COACHING CENTER

FIIT JEE पर ताले से तनाव में तैयारी करने वाले सैकड़ों छात्र और उनके पैरेटंस, इंजिनियर बनने के सपने पर लगा ग्रहण

मेरठ में FIITJEE कोचिंग सेंटर.
मेरठ में FIITJEE कोचिंग सेंटर. (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jan 24, 2025, 4:55 PM IST

मेरठः चर्चित FIIT JEE के कोचिंग सेंटर अचानक से पूरे देश में बंद हो गए हैं. यूपी के भी कई जिले में खुले FIIT JEE कोचिंग सेंटर भी बिना कुछ बताए ही बंद कर दिए गए. छात्र जब सुबह सेंटर पर पहुंचे तो सेंटरों पर ताला लगा मिला. इसके साथ ही कोई जवाब भी नहीं दिया गया सेंटर बंद क्यों किए जा रहे हैं. इसी कड़ी में मेरठ के मंगलपाण्डेय नगर में FIIT JEE कोचिंग सेंटर अचानक बंद हो गया. जिससे अभिभावकों में बच्चों के भविष्य को लेकर तनाव बढ़ गया है. यहां इंजीनिरिंग की तैयारी कराने के नाम पर लगभग 4 लाख से लेकर 6 लाख रुपये तक एक छात्र से फीस वसूली गई है.

750 बच्चे रजिस्टर्डः मेरठ के मंगलपाण्डेय नगर में FIIT JEE के सेंटर में लगभग 750 स्टूडेंट पंजीकृत थे. जिनमें से दो सौ से ढाई सौ बच्चों की फीस 2025-2026 तक के लिए एडवांस में ही जमा हैं. अभिभवाकों के अनुसार मेरठ में छात्रों से करीब 10 करोड़ रुपये फीस जमा कराई गई है, लेकिन बीच में सेंटर पर ताला लग गया है. अब पैसा भी गया और बच्चे की पढ़ाई भी बर्बाद हो गई.

मेरठ में FIITJEE कोचिंग सेंटर क्यों बंद हुआ? (Video Credit; ETV Bharat)

पॉलिसी तोड़कर बच्चे की दी थी एडवांस फीसः ईटीवी भारत ने कोचिंग सेंटर पर पहुंचकर सच्चाई जानने की कोशिश की. गेट पर गार्ड बैठा हुआ मिला, जबकि सेंटर में ताला लगा था. सिक्योरिटी गार्ड संजीव कुमार ने बताया कि कई महीने से यहां नौकरी कर रहा हूं. पिछले कई महीनों की सैलरी नहीं मिली है, जिससे वह परेशान है. गार्ड ने बताया कि जो यहां पढ़ाने आते थे, उन्होंने कहीं और कहीं पढ़ाना शुरू कर दिया है. 19 जनवरी के बाद कोचिंग सेंटर पर कोई नहीं आता है. कभी-कभी कोचिंग पढ़ने वाले बच्चों के अभिभावक आते हैं. एक अभिभाव ने बताया कि उन्होंने अपनी पॉलिसी को तुड़वा कर बेटे के कोचिंग के लिए फीस जमा की थी. 2026 तक की टोटल फीस एडवांस में कोचिंग सेंटर वालों ने जमा कराया था. लेकिन रातों रात सेंटर में ताला डालकर सभी फरार हो गये.

4 लाख रुपये लेकर सिर्फ 7 महीने पढ़ायाः FIIT JEE में इंजिनियर बनने का सपना लेकर आए एक स्टूडेंट के पिता मनोज शर्मा ने बताया कि उनके बेटे को मंगल पाण्डेय नगर सेंटर में 80 फीसदी स्कॉलरशिप भी मिली थी और EWS भी लगाया था. 2023 के नवंबर माह में बेटे का रजिस्ट्रेशन कराया था. 80 फीसदी स्कॉलरशिप के बाद भी लगभग 3 लाख 32 हजार रुपये कोचिंग सेंटर को दिए थे, जो कि 2026 तक के लिए एडवांस फीस थी. जबकि कोचिंग में पढ़ाई अप्रैल 2024 से शुरू हुईं थी. इसके अलावा 62 हजार रुपये स्टडी मेटेरियल के नाम पर अलग से लिए गये. कुछ किताबें भी दी गई हैं.

सीएम योगी ले संज्ञानः मनोज शर्मा बताते हैं कि 2026 में बेटे की कोचिंग पूरी होती, लेकिन उससे पहले ही उनके सभी अरमानों पर पानी फिर गया. सीएम योगी खुद संज्ञान लें और बच्चों के जीवन के साथ इस तरह का खिलवाड़ करने वालों को दंडित किया जाए. मनोज शर्मा कहते हैं कि अब उन्हें समझ नहीं आ रहा कि अपने होनहार बच्चे के भविष्य को संवारने के लिए क्या करें. टीचर भी दूसरा कोचिंग सेंटर ज्वाइन कर बच्चों को बीच मंझधार में छोड़ दिया है.

टीचरों को कई महीनों से नहीं मिली सैलरीः मेरठ FIIT JEE के पूर्व सेंटर कुमार गौरव ने 2024 में साल की शुरुआत के साथ ही कोचिंग संस्थान में समस्याएं आनी शुरू हो गई थीं. इसके बाद से कुछ भी ठीक नहीं चल रहा था. बिल्डिंग के किराए से लेकर अन्य खर्च के लिए पैसे नहीं आ रहे थे. कुमार गौरव ने बताया कि 2024 वर्ष के आखिरी चार महीने वह बेहद ही परेशान रहे हैं. किसी भी फेकल्टी को सैलरी तक नसीब नहीं हुई. जबकि यहां लगभग साढ़े सात सौ स्टूडेंट्स कोचिंग में पंजीकृत हैं.

मैनेजमेंट नहीं दे रहा था कोई जवाबः कुमार गौर ने बताया कि वह काफी अवसाद में थे, क्योंकि बिना सैलरी की जरूरतें पूरी नहीं हो सकती थीं. उन्होंने इस बारे में कई बार संस्थान के हायर मैनेजमेंट से जुड़े लोगों से सम्पर्क करके बात करने की कोशिश भी की, मेल भी किए, लेकिन उनका फोन ही अब कोई रिसीव नही करता न हीं कोई जवाब ही आया. कुमार गौरव का कहना है कि बीते कई माह से FIIT JEE में वह मानसिक परेशानियों का सामना कर रहे थे. अब और क्षमताएं नहीं बची थीं, जिस वजह से उन्होंने मेरठ में ही अपने कई अन्य साथी टीचर्स के साथ अन्य इंस्टीट्यूट में ज्वाइन कर लिया है.

सिटी मजिस्ट्रेट और सीओ को जांच सौंपीः डीएम विजय कुमार सिंह के स्टाफ द्वारा व्यस्त बताते हुए जानकारी दी गई कि कोचिंग सेंटर बंद होने के मामले में सिटी मजिस्ट्रेट और संबंधित सर्किल के सीओ को जांच सौंपी गई है. बीते दिनों काफी संख्या में स्टूडेंट्स और उनके गार्जियन ने इंसाफ की गुहार लगाते हुए प्रशासन से उचित कार्रवाई की मांग की थी.

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मेरठः चर्चित FIIT JEE के कोचिंग सेंटर अचानक से पूरे देश में बंद हो गए हैं. यूपी के भी कई जिले में खुले FIIT JEE कोचिंग सेंटर भी बिना कुछ बताए ही बंद कर दिए गए. छात्र जब सुबह सेंटर पर पहुंचे तो सेंटरों पर ताला लगा मिला. इसके साथ ही कोई जवाब भी नहीं दिया गया सेंटर बंद क्यों किए जा रहे हैं. इसी कड़ी में मेरठ के मंगलपाण्डेय नगर में FIIT JEE कोचिंग सेंटर अचानक बंद हो गया. जिससे अभिभावकों में बच्चों के भविष्य को लेकर तनाव बढ़ गया है. यहां इंजीनिरिंग की तैयारी कराने के नाम पर लगभग 4 लाख से लेकर 6 लाख रुपये तक एक छात्र से फीस वसूली गई है.

750 बच्चे रजिस्टर्डः मेरठ के मंगलपाण्डेय नगर में FIIT JEE के सेंटर में लगभग 750 स्टूडेंट पंजीकृत थे. जिनमें से दो सौ से ढाई सौ बच्चों की फीस 2025-2026 तक के लिए एडवांस में ही जमा हैं. अभिभवाकों के अनुसार मेरठ में छात्रों से करीब 10 करोड़ रुपये फीस जमा कराई गई है, लेकिन बीच में सेंटर पर ताला लग गया है. अब पैसा भी गया और बच्चे की पढ़ाई भी बर्बाद हो गई.

मेरठ में FIITJEE कोचिंग सेंटर क्यों बंद हुआ? (Video Credit; ETV Bharat)

पॉलिसी तोड़कर बच्चे की दी थी एडवांस फीसः ईटीवी भारत ने कोचिंग सेंटर पर पहुंचकर सच्चाई जानने की कोशिश की. गेट पर गार्ड बैठा हुआ मिला, जबकि सेंटर में ताला लगा था. सिक्योरिटी गार्ड संजीव कुमार ने बताया कि कई महीने से यहां नौकरी कर रहा हूं. पिछले कई महीनों की सैलरी नहीं मिली है, जिससे वह परेशान है. गार्ड ने बताया कि जो यहां पढ़ाने आते थे, उन्होंने कहीं और कहीं पढ़ाना शुरू कर दिया है. 19 जनवरी के बाद कोचिंग सेंटर पर कोई नहीं आता है. कभी-कभी कोचिंग पढ़ने वाले बच्चों के अभिभावक आते हैं. एक अभिभाव ने बताया कि उन्होंने अपनी पॉलिसी को तुड़वा कर बेटे के कोचिंग के लिए फीस जमा की थी. 2026 तक की टोटल फीस एडवांस में कोचिंग सेंटर वालों ने जमा कराया था. लेकिन रातों रात सेंटर में ताला डालकर सभी फरार हो गये.

4 लाख रुपये लेकर सिर्फ 7 महीने पढ़ायाः FIIT JEE में इंजिनियर बनने का सपना लेकर आए एक स्टूडेंट के पिता मनोज शर्मा ने बताया कि उनके बेटे को मंगल पाण्डेय नगर सेंटर में 80 फीसदी स्कॉलरशिप भी मिली थी और EWS भी लगाया था. 2023 के नवंबर माह में बेटे का रजिस्ट्रेशन कराया था. 80 फीसदी स्कॉलरशिप के बाद भी लगभग 3 लाख 32 हजार रुपये कोचिंग सेंटर को दिए थे, जो कि 2026 तक के लिए एडवांस फीस थी. जबकि कोचिंग में पढ़ाई अप्रैल 2024 से शुरू हुईं थी. इसके अलावा 62 हजार रुपये स्टडी मेटेरियल के नाम पर अलग से लिए गये. कुछ किताबें भी दी गई हैं.

सीएम योगी ले संज्ञानः मनोज शर्मा बताते हैं कि 2026 में बेटे की कोचिंग पूरी होती, लेकिन उससे पहले ही उनके सभी अरमानों पर पानी फिर गया. सीएम योगी खुद संज्ञान लें और बच्चों के जीवन के साथ इस तरह का खिलवाड़ करने वालों को दंडित किया जाए. मनोज शर्मा कहते हैं कि अब उन्हें समझ नहीं आ रहा कि अपने होनहार बच्चे के भविष्य को संवारने के लिए क्या करें. टीचर भी दूसरा कोचिंग सेंटर ज्वाइन कर बच्चों को बीच मंझधार में छोड़ दिया है.

टीचरों को कई महीनों से नहीं मिली सैलरीः मेरठ FIIT JEE के पूर्व सेंटर कुमार गौरव ने 2024 में साल की शुरुआत के साथ ही कोचिंग संस्थान में समस्याएं आनी शुरू हो गई थीं. इसके बाद से कुछ भी ठीक नहीं चल रहा था. बिल्डिंग के किराए से लेकर अन्य खर्च के लिए पैसे नहीं आ रहे थे. कुमार गौरव ने बताया कि 2024 वर्ष के आखिरी चार महीने वह बेहद ही परेशान रहे हैं. किसी भी फेकल्टी को सैलरी तक नसीब नहीं हुई. जबकि यहां लगभग साढ़े सात सौ स्टूडेंट्स कोचिंग में पंजीकृत हैं.

मैनेजमेंट नहीं दे रहा था कोई जवाबः कुमार गौर ने बताया कि वह काफी अवसाद में थे, क्योंकि बिना सैलरी की जरूरतें पूरी नहीं हो सकती थीं. उन्होंने इस बारे में कई बार संस्थान के हायर मैनेजमेंट से जुड़े लोगों से सम्पर्क करके बात करने की कोशिश भी की, मेल भी किए, लेकिन उनका फोन ही अब कोई रिसीव नही करता न हीं कोई जवाब ही आया. कुमार गौरव का कहना है कि बीते कई माह से FIIT JEE में वह मानसिक परेशानियों का सामना कर रहे थे. अब और क्षमताएं नहीं बची थीं, जिस वजह से उन्होंने मेरठ में ही अपने कई अन्य साथी टीचर्स के साथ अन्य इंस्टीट्यूट में ज्वाइन कर लिया है.

सिटी मजिस्ट्रेट और सीओ को जांच सौंपीः डीएम विजय कुमार सिंह के स्टाफ द्वारा व्यस्त बताते हुए जानकारी दी गई कि कोचिंग सेंटर बंद होने के मामले में सिटी मजिस्ट्रेट और संबंधित सर्किल के सीओ को जांच सौंपी गई है. बीते दिनों काफी संख्या में स्टूडेंट्स और उनके गार्जियन ने इंसाफ की गुहार लगाते हुए प्रशासन से उचित कार्रवाई की मांग की थी.

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