लखनऊ : बेटी के साथ दुराचार का प्रयास (attempted rape) करने के आरोपी एक कलियुगी पिता को फास्ट ट्रैक कोर्ट के अपर सत्र न्यायाधीश फूलचंद्र कुशवाहा (Additional Sessions Judge Phoolchandra Kushwaha) ने पांच वर्ष के कठोर कारावास व नौ हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई है. मामले में अपने पिता के खिलाफ खुद पीड़िता बेटी ने एफआईआर दर्ज कराई थी.
कोर्ट में अभियोजन की ओर से बहस करते हुए एडीजीसी धीरज सिंह (ADGC Dheeraj Singh) ने बताया कि इस प्रकरण में आरोपी के विरुद्ध 13 जुलाई 2019 को पीड़िता ने स्वयं सहादतगंज थाने (Sahadatganj Police Station) में रिपोर्ट दर्ज कराई थी. एफआईआर में पीड़िता ने आरोप लगाया था कि वर्ष 2014 से ही उसके पिता की उस पर नीयत खराब हो गई थी. जिसको लेकर घर में काफी झगड़ा भी हुआ था तथा उसके पिता ने उसे और उसकी मां को घर से निकाल दिया था. आरोपी पिता उसे गलत धंधों में लगाना चाहता था. यह भी आरोप है कि आरोपी पीड़िता द्वारा मुकदमा लिखाने की धमकी देकर लोगों को ब्लैक मेल करता था व अवैध वसूली करता था.
अदालत ने अपने निर्णय में कहा है कि पीड़िता ने आरोप लगाया है कि आरोपी उसकी जिंदगी बर्बाद करना चाहता था तथा उसके चरित्र का भी हनन करना चाहता था. यह भी कहा गया है कि आरोपी ने पीड़िता के अश्लील वीडियो भी वायरल किए थे. इसके अलावा उसने पीड़िता के साथ जबरन दुराचार करने का प्रयास भी किया था. सुनवाई के बाद अदालत ने पिता को दोषी मानते हुए पांच वर्ष के कठोर कारावास व नौ हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई है.