हमारे जीवन में कुछ शाश्वत सत्य होते हैं और उन्हें टाला या झुठलाया नहीं जा सकता. ऐसा ही एक सत्य है व्यक्ति के जीवन में कभी न कभी शनि की साढ़े साती (shani ki sadhe sati) या ढैय्या का आना. किसी भी राशि की कोई भी ऐसी कुंडली नहीं मिलेगी जिसमें किसी न किसी कालावधि में शनि की साढ़े सात साल या ढाई साल की विशेष दशा न हो. लोग शनि के प्रभाव की आशंका से घबराने लगते हैं, जबकि वास्तविकता में शनि न्याय के देवता हैं और उनके अनुकूल कार्य होने पर व्यक्ति को सुख-समृद्धि प्रदान करते हैं.
जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है कि शनि (Shani Dev) की साढ़े साती सात साल की और ढैय्या ढाई साल की अवधि की होती है. किसी व्यक्ति के जीवन पर साढ़े साती या ढैय्या का प्रभाव क्या होगा, यह उस व्यक्ति की जन्मकुंडली में शनि की स्थिति पर निर्भर है. यदि किसी की जन्मकुंडली में शनि कमजोर स्थिति में होंगे तो उसे तमाम परेशानियों का सामना करना पड़ता है. दूसरी तरफ यदि कुंडली में उच्च के शनि होने पर साढ़ेसाती से भी लाभ मिलने की संभावना प्रबल होती है.
इन राशियों पर शुरू होगी शनि की ढैय्या
अगले साल अप्रैल के अंत में (29 अप्रैल 2022) शनि मकर राशि से निकलकर कुंभ राशि में गोचर करेंगे. जिससे मकर, कुंभ और मीन राशि वाले शनि की साढ़े साती के प्रभाव में आएंगे जबकि रहेगी. वृश्चिक व कर्क राशि पर शनि की ढैय्या लगेगी. वर्ष 2023 और 2024 में शनि के राशि परिवर्तन का योग नहीं है. इसके बाद 29 मार्च 2025 में 29 शनि का गोचर मीन राशि में होगा. इसके फलस्वरूप मीन, कुंभ और मेष राशि पर शनि की साढ़ेसाती का प्रभाव पड़ेगा.
इसके उपरांत शनि का 3 जून 2028 को गोचर मेष राशि मे होगा और इसके परिणाम से मेष, मीन और वृषभ राशि वाले जातक शनि की साढ़े साती से प्रभावित रहेंगे. इस दौरान कन्या और मकर राशि शनि की ढैय्या की चपेट में रहेगी. 8 अगस्त 2029 को शनि का गोचर वृषभ राशि में होगा. इस कारण वृषभ, मेष और मिथुन राशि पर शनि की साढ़े साती रहेगी. तुला और कुंभ राशि वालों पर शनि की ढैय्या का प्रभाव रहेगा. इसके अगले दो वर्ष अर्थात 2030 और 2031 में शनि के राशि परिवर्तन का योग नहीं है.
सिंह राशि वालों के लिए खुशखबरी
ज्योतिषाचार्य बताते हैं कि ग्रहों के वर्तमान कालचक्र में धनु, कुंभ और मकर राशि वाले लोग शनि की साढ़े साती से प्रभावित हैं. इनमें धनु राशि के लोगों पर शनि की साढ़े साती का अंतिम चरण, कुंभ राशि वालों पर पहला और मकर राशि वालों पर दूसरा चरण चल रहा है. इसके साथ ही तुला और मिथुन राशि के लोगों पर शनि की ढैय्या का प्रभाव चल रहा है.
इस बीच शनि के नाम को लेकर भयभीत रहने वाले लोगों में सिंह राशि के जातकों के लिए अच्छी सूचना है. आने वाले दस साल में सिंह राशि पर शनि की साढ़ेसाती का प्रभाव नहीं होगा. यद्यपि कि इस राशि पर शनि की ढैय्या आएगी.
उपाय
मेष राशि
- काले घोड़े की नाल का छल्ला पहनें
- शनिवार के दिन हनुमान मंदिर जाएं और प्रसाद चढ़ाएं.
- शनि ग्रह से संबंधित वस्तुओं का दान सात शनिवार तक करें.
- रोज एक माला महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें.
वृषभ राशि
- वृषभ राशि के जातक चांदी की अंगुठी में नीलम रत्न जड़वाकर मध्यमा अंगुली में धारण करें.
- शनि के स्तोत्र का जाप करें.
- शनिवार के दिन पीपल के पेड़ के नीचे तेलक का दीपक जलाएं.
मिथुन राशि
- घर के मुख्य द्वार के पास काले रंग के पत्थर की शिला की स्थापना करें
- हर शनिवार के दिन काले कुत्ते को मीठी रोटी खिलाएं
कर्क राशि
- शनि ग्रह से संबंधित वस्तुओं का दान सात शनिवार तक करें.
- रोज एक माला महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें.
सिंह राशि
- मध्यमा अंगुली में काले घोड़े की नाल का छल्ला धारण करें.
- शनि ग्रह से संबंधित वस्तुओं का दान सात शनिवार तक करें.
- पारद शिवलिंग के समक्ष महामृत्युंजय मंत्र का एक माला जाप करें.
कन्या राशि
- घर में शनि यंत्र की स्थापना करें.
- शनिवार के दिन नारियल और बादाम को जल में प्रवाहित करें.
तुला राशि
- शनिवार के दिन किसी भिखारी को काली उड़द की दाल दान में दें.
- रोज पारद शिवलिंग की पूजा करें.
वृश्चिक राशि
- ग्रह पीड़ा की शांति के लिए अपने घर में शनि यंत्र की स्थापना करें.
- बहते जल में तांबे का सिक्का प्रवाहित करें.
- पारद शिवलिंग के समक्ष महामृत्युंजय मंत्र का एक माला जाप करें.
धनु राशि
- धनु राशि के जातक शनिवार के व्रत रखें.
- शनिवार के दिन साबुत उड़द का दान करें.
- शिवलिंग के समक्ष महामृत्युंजय मंत्र का एक माला जाप करें.
मकर राशि
- नियमित रूप से हनुमान जी की उपासना करें.
- शनिवार के दिन तामसिक पदार्थों और शराब का सेवन न करें.
- घर में शनि यंत्र की स्थापना करें.
कुंभ राशि
- नीलम या उसका उपरत्न धारण करें.
मीन राशि
- काले कुत्ते को रोटी खिलाएं.
- पीपल के पेड़ पर जल चढ़ाएं.