ETV Bharat / state

लॉकडाउन का हाल: गैरों ने रोटी छीनी, अपनों ने घर और जमीन

यूपी में दूसरे राज्यों से लौटे मजदूरों को लॉकडाउन के चलते रोजगार की समस्या से दो चार होना पड़ रहा है. वहीं अब इन श्रमिकों के समाने एक नई चुनौती आ खड़ी हुई है और वो है जमीन पर किसी और का कब्जा. अपने गांव लौटे कई मजदूरों की जमीन पर किसी अन्य या फिर परिवार के ही सदस्यों ने कब्जा कर रखा है.

Illegal occupation of laborers' lands
मजदूरों की जमीन पर अवैध कब्जा.
author img

By

Published : Jun 8, 2020, 3:14 PM IST

लखनऊ: कोरोना का सबसे व्यापक असर दिहाड़ी मजदूरों पर पड़ा है. जिंदा बचे रहने की आस ने इन मजदूरों को पैदल ही अपने घर वापसी के लिए मजबूर कर दिया. कोई अपनी मां को कंधे पर बैठाकर चल पड़ा तो कोई मां सूटकेस पर सोते अपने दुधमुंहे को खींचती निकल पड़ी. हजारों मीलों का सफर पैदल ही नाप डाला.

उत्तर प्रदेश में लौटे प्रवासी मजदूरों का आंकड़ा तकरीबन 30 लाख है और ये हम नहीं बाकायदा सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का आधिकारिक ट्विटर अकाउंट कह रहा है. जैसे-तैसे ये अपने घर की चौखट पर तो पहुंचे मगर इनकी दुश्वारियां अभी खत्म नहीं हुई. किसी ने अपना रोजगार खोया तो किसी ने नौकरी. किसी ने जिंदगी तो किसी ने अपनी जमीन खो दी.

जमीन पर कर रखा है कब्जा
वापस पहुंचे तमाम मजदूरों और श्रृमिकों का कुछ ऐसा ही हाल है. नौकरी, रोजगार छूटा तो लगा कि अपना गांव अपना देश अपनी पुश्तैनी जमीन ही है जो अब साथ देगी. घर गांव चलकर कुछ रोजगार करेंगे. मगर रोजगार की बात छोड़िए इनकी जमीन ही इनके हाथ से जाती रही. जी हां यही मजदूर जब अपने खेत खलिहान पहुंचे तो पता चला कि उनकी जमीन पर किसी और ने कब्जा कर रखा है.

मजदूरों की जमीन पर अवैध कब्जा.

10 साल बाद लौटे दुर्गेश की जमीन पर कब्जा
मामला आजमगढ़ जिले का है. कोरोना की मार से बचते बचाते 10 साल बाद जब दुर्गेश निषाद गुजरात से अपने घर पहुंचे तो पता चला उनके पट्टीदार ही उनके खेत खलिहानों पर जबरिया कब्जा कर बैठे हैं. ईटीवी भारत ने दुर्गेश से बात की. उन्होंने बताया कि लॉकडाउन के चलते पैसे खत्म होने पर गांव वापस आए तो यहां जमीन पर किसी और ने फसल उगा रखी थी. दुर्गेश ने इसकी शिकायत ग्राम प्रधान से की.

इसे भी पढ़ें- आजमगढ़: जब प्रवासी लॉकडाउन में पहुंचे घर तो पता चला जमीनों पर हो गया है कब्जा

ग्रामीणों की मदद से मामला हल करने की कोशिश
वहीं इस मामले पर ग्राम प्रधान ने कहा कि लॉकडाउन के चलते जो मजदूर गांव आए हैं उनके परिवार के ही लोगों ने मजदूरों की जमीनों पर कब्जा कर लिया है. यह एक बड़ी समस्या है. इसे ग्रामीणों की मदद से हल करने की कोशिश की जाएगी.

मामले में थानों को दिए जाएं निर्देश
नरेंद्र प्रताप सिंह, ASP ने बताया कि जिले की इस समस्या को ए, बी, और सी कटेगरी में बांट दिया है. साथ ही इनके निपटारे के लिए अधिकारियों की टीम बना दी गई है. आईजी लॉ एंड ऑर्डर ज्योति नारायण ने बताया कि जनपद के जोन के सभी अधिकारी थानों को पुनः निर्देशित करें कि, गांव में अगर इस तरह की शिकायत मिल रही है तो तत्काल उसको चिन्हित कर कार्रवाई करें.

लखनऊ: कोरोना का सबसे व्यापक असर दिहाड़ी मजदूरों पर पड़ा है. जिंदा बचे रहने की आस ने इन मजदूरों को पैदल ही अपने घर वापसी के लिए मजबूर कर दिया. कोई अपनी मां को कंधे पर बैठाकर चल पड़ा तो कोई मां सूटकेस पर सोते अपने दुधमुंहे को खींचती निकल पड़ी. हजारों मीलों का सफर पैदल ही नाप डाला.

उत्तर प्रदेश में लौटे प्रवासी मजदूरों का आंकड़ा तकरीबन 30 लाख है और ये हम नहीं बाकायदा सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का आधिकारिक ट्विटर अकाउंट कह रहा है. जैसे-तैसे ये अपने घर की चौखट पर तो पहुंचे मगर इनकी दुश्वारियां अभी खत्म नहीं हुई. किसी ने अपना रोजगार खोया तो किसी ने नौकरी. किसी ने जिंदगी तो किसी ने अपनी जमीन खो दी.

जमीन पर कर रखा है कब्जा
वापस पहुंचे तमाम मजदूरों और श्रृमिकों का कुछ ऐसा ही हाल है. नौकरी, रोजगार छूटा तो लगा कि अपना गांव अपना देश अपनी पुश्तैनी जमीन ही है जो अब साथ देगी. घर गांव चलकर कुछ रोजगार करेंगे. मगर रोजगार की बात छोड़िए इनकी जमीन ही इनके हाथ से जाती रही. जी हां यही मजदूर जब अपने खेत खलिहान पहुंचे तो पता चला कि उनकी जमीन पर किसी और ने कब्जा कर रखा है.

मजदूरों की जमीन पर अवैध कब्जा.

10 साल बाद लौटे दुर्गेश की जमीन पर कब्जा
मामला आजमगढ़ जिले का है. कोरोना की मार से बचते बचाते 10 साल बाद जब दुर्गेश निषाद गुजरात से अपने घर पहुंचे तो पता चला उनके पट्टीदार ही उनके खेत खलिहानों पर जबरिया कब्जा कर बैठे हैं. ईटीवी भारत ने दुर्गेश से बात की. उन्होंने बताया कि लॉकडाउन के चलते पैसे खत्म होने पर गांव वापस आए तो यहां जमीन पर किसी और ने फसल उगा रखी थी. दुर्गेश ने इसकी शिकायत ग्राम प्रधान से की.

इसे भी पढ़ें- आजमगढ़: जब प्रवासी लॉकडाउन में पहुंचे घर तो पता चला जमीनों पर हो गया है कब्जा

ग्रामीणों की मदद से मामला हल करने की कोशिश
वहीं इस मामले पर ग्राम प्रधान ने कहा कि लॉकडाउन के चलते जो मजदूर गांव आए हैं उनके परिवार के ही लोगों ने मजदूरों की जमीनों पर कब्जा कर लिया है. यह एक बड़ी समस्या है. इसे ग्रामीणों की मदद से हल करने की कोशिश की जाएगी.

मामले में थानों को दिए जाएं निर्देश
नरेंद्र प्रताप सिंह, ASP ने बताया कि जिले की इस समस्या को ए, बी, और सी कटेगरी में बांट दिया है. साथ ही इनके निपटारे के लिए अधिकारियों की टीम बना दी गई है. आईजी लॉ एंड ऑर्डर ज्योति नारायण ने बताया कि जनपद के जोन के सभी अधिकारी थानों को पुनः निर्देशित करें कि, गांव में अगर इस तरह की शिकायत मिल रही है तो तत्काल उसको चिन्हित कर कार्रवाई करें.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.