लखनऊ : राजधानी में गरीबों के लिए बनाए गए करीब चार EWS आवासों में बेनामी (Lucknow News) कब्जे हैं. जिन लोगों ने इन आवासों पर कब्जा किया हुआ है उनके पास वैध कागज नहीं हैं. लखनऊ विकास प्राधिकरण अब इन अवैध कब्जेदारों को लंबे समय से जमे होने की वजह से वर्तमान दर में कीमत लेकर रजिस्ट्री करने की तैयारी में लगा हुआ है. संबंध में लखनऊ विकास प्राधिकरण के बोर्ड से प्रस्ताव भी पास किया जा चुका है, जिसमें कब्जेदारों की पात्रता की पहले जांच होगी. पात्रता में सब कुछ ठीक पाए जाने के बाद इन आवासों की वर्तमान दर पर कीमत लेकर कब्जेदार के नाम ही आवंटन और रजिस्ट्री करा दी जाएगी. लखनऊ विकास प्राधिकरण ने अब प्रक्रिया शुरू कर दी है.
गौरतलब है कि एलडीए लखनऊ में लंबे समय से EWS और एलआईजी आवासों का आवंटन करता रहता है. प्रत्येक आवासीय योजना में 20% EWS और एलआईजी आवासों का आवंटन किया जाता है, जिसके चलते हजारों की संख्या में ऐसे आवास लखनऊ में बनाए गए हैं. पहले इन आवासों के आवंटन में बड़ी संख्या में घालमेल का मामला सामने आया था, जिसमें बाबूओं ने अंजान लोगों के नाम पर आवंटन पत्र जारी करके अपने ही लोगों को इन मकानों पर कब्जा दिलवा दिया था. साजिश यह थी कि आने वाले समय में इनका आवंटन अपने ही परिवार के किसी सदस्य के नाम पर कर लिया जाएगा, लेकिन दिन पर दिन सख्ती बढ़ जाने और आधार के आने की वजह से यह हो नहीं सका. इसी संबंध में बोर्ड मीटिंग में प्रस्ताव पास किया गया है.
लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष डॉ इंद्रमणि त्रिपाठी ने बताया कि 'हमने प्रस्ताव पास किया है. ऐसे करीब चार हजार गरीब आवास हैं जहां अवैध कब्जेदार जमे हुए हैं, जबकि इनके वैध आवंटी का कोई कागज नहीं मिल रहा है. इसलिए अब अवैध कब्जेदारों को ही हम वैध कर देंगे. सबसे पहले कब्जेदारों की आय सीमा और अन्य पात्रता जानी जाएगी, जिसके बाद में आगे की प्रक्रिया चलेगी.'