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लखनऊ में पैर फैला रही अवैध कॉलोनियां, एलडीए वेबसाइट पर जारी करेगा सूची

लखनऊ विकास प्राधिकरण की ओर से अवैध कॉलोनियों की पूरी डिटेल रजिस्ट्री विभाग को भी उपलब्ध कराई जाएगी. इसे रजिस्ट्री कार्यालय के बाहर सूचना बोर्ड पर लगाकर सार्वजनिक किया जाएगा.

लखनऊ में पैर फैला रही अवैध कॉलोनियां, एलडीए वेबसाइट पर जारी करेगा सूची
लखनऊ में पैर फैला रही अवैध कॉलोनियां, एलडीए वेबसाइट पर जारी करेगा सूची
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Published : Jul 4, 2021, 4:54 AM IST

लखनऊ : राजधानी में अवैध कालोनियां पैर फैला रही हैं. भू-माफिया लोगों को गुमराह कर जमीन बेच रहे हैं. लखनऊ विकास प्राधिकरण की ओर से अब इस पर लगाम लगाने की तैयारी की जा रही है. न सिर्फ अवैध कॉलोनियों के खिलाफ अभियान तेज कर करवाई होगी बल्कि इनकी पूरी सूची एलडीए की वेबसाइट पर अपलोड की जाएगी.

इससे प्लॉट या मकान खरीदने की योजना बना रहे लोग भूमाफिया के चंगुल में फंसने से बच जाएंगे. इतना ही नहीं, एलडीए की तरफ रजिस्ट्री विभाग को भी अवैध कॉलोनी की सूची मुहैया कराई जाएगी जिसे रजिस्ट्री कार्यालय के बाहर सूचना बोर्ड पर चस्पा किया जाएगा.

यह भी पढ़ें : Lucknow : पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह की तबीयत खराब, लोहिया अस्पताल में भर्ती


एक सप्ताह का दिया गया समय

एलडीए उपाध्यक्ष अभिषेक प्रकाश ने इसको लेकर शनिवार को दिशा निर्देश जारी किया. एलडीए उपाध्यक्ष अभिषेक प्रकाश ने अधिकारियों को एक सप्ताह की मोहलत दी है. उन्हें इस अवधि में ज़ोनवार अवैध कॉलोनाइजर की सूची बनाकर रिपोर्ट सौंपनी होगी. फिर इन सभी के खिलाफ संबंधित थानों में सिलसिलेवार मुकदमे दर्ज कराए जाएंगे.

यह दिशा-निर्देश किए गए जारी

- सभी अभियंता अपने क्षेत्र में भ्रमणशील रहकर अवैध काॅलोनियों के निर्माण को सक्रियता से रोकें.


- सभी अवैध कॉलोनाइजर्स खुलेआम विज्ञापन देकर अपनी योजना का प्रचार करते हैं. लिहाजा इन विज्ञापनों पर नजर रखते हुए भी कार्रवाई अमल में लायी जाए.

- अवैध कॉलोनी के पनपने की सूरत में उस क्षेत्र के जेई व सुपरवाइजर सीधे तौर पर जिम्मेदार होंगे और उनके खिलाफ करवाई की जाएगी.

- अवैध कॉलोनियों की पूरी डिटेल रजिस्ट्री विभाग को भी उपलब्ध कराई जाएगी. इसे रजिस्ट्री कार्यालय के बाहर सूचना बोर्ड पर लगाकर सार्वजनिक किया जाएगा.

- अवैध कॉलोनियों के खिलाफ चलाए जाने वाले अभियान की पूरी रिपोर्ट रेरा को भी दी जाएगी.

- अब शहर की सेटेलाइट इमेज का डाटा संकलित करने का काम किया जाएगा.

- अब हर 6 महीने के अंतराल में शहर की गूगल सेटेलाइट इमेज लेकर संकलित की जाएगी. इन तस्वीरों की मदद से अवैध निर्माण व अवैध काॅलोनियों का पूरा कच्चा चिट्ठा समय रहते ही खुल जाएगा.

- यह भी तय हो सकेगा कि अवैध निर्माण होने के समयकाल में उस क्षेत्र में कौन अभियंता, सुपरवाइजर व संबंधित कर्मचारी तैनात थे तैनात थे. इससे लापरवाह अफसरों के खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित की जा सकेगी.

लखनऊ : राजधानी में अवैध कालोनियां पैर फैला रही हैं. भू-माफिया लोगों को गुमराह कर जमीन बेच रहे हैं. लखनऊ विकास प्राधिकरण की ओर से अब इस पर लगाम लगाने की तैयारी की जा रही है. न सिर्फ अवैध कॉलोनियों के खिलाफ अभियान तेज कर करवाई होगी बल्कि इनकी पूरी सूची एलडीए की वेबसाइट पर अपलोड की जाएगी.

इससे प्लॉट या मकान खरीदने की योजना बना रहे लोग भूमाफिया के चंगुल में फंसने से बच जाएंगे. इतना ही नहीं, एलडीए की तरफ रजिस्ट्री विभाग को भी अवैध कॉलोनी की सूची मुहैया कराई जाएगी जिसे रजिस्ट्री कार्यालय के बाहर सूचना बोर्ड पर चस्पा किया जाएगा.

यह भी पढ़ें : Lucknow : पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह की तबीयत खराब, लोहिया अस्पताल में भर्ती


एक सप्ताह का दिया गया समय

एलडीए उपाध्यक्ष अभिषेक प्रकाश ने इसको लेकर शनिवार को दिशा निर्देश जारी किया. एलडीए उपाध्यक्ष अभिषेक प्रकाश ने अधिकारियों को एक सप्ताह की मोहलत दी है. उन्हें इस अवधि में ज़ोनवार अवैध कॉलोनाइजर की सूची बनाकर रिपोर्ट सौंपनी होगी. फिर इन सभी के खिलाफ संबंधित थानों में सिलसिलेवार मुकदमे दर्ज कराए जाएंगे.

यह दिशा-निर्देश किए गए जारी

- सभी अभियंता अपने क्षेत्र में भ्रमणशील रहकर अवैध काॅलोनियों के निर्माण को सक्रियता से रोकें.


- सभी अवैध कॉलोनाइजर्स खुलेआम विज्ञापन देकर अपनी योजना का प्रचार करते हैं. लिहाजा इन विज्ञापनों पर नजर रखते हुए भी कार्रवाई अमल में लायी जाए.

- अवैध कॉलोनी के पनपने की सूरत में उस क्षेत्र के जेई व सुपरवाइजर सीधे तौर पर जिम्मेदार होंगे और उनके खिलाफ करवाई की जाएगी.

- अवैध कॉलोनियों की पूरी डिटेल रजिस्ट्री विभाग को भी उपलब्ध कराई जाएगी. इसे रजिस्ट्री कार्यालय के बाहर सूचना बोर्ड पर लगाकर सार्वजनिक किया जाएगा.

- अवैध कॉलोनियों के खिलाफ चलाए जाने वाले अभियान की पूरी रिपोर्ट रेरा को भी दी जाएगी.

- अब शहर की सेटेलाइट इमेज का डाटा संकलित करने का काम किया जाएगा.

- अब हर 6 महीने के अंतराल में शहर की गूगल सेटेलाइट इमेज लेकर संकलित की जाएगी. इन तस्वीरों की मदद से अवैध निर्माण व अवैध काॅलोनियों का पूरा कच्चा चिट्ठा समय रहते ही खुल जाएगा.

- यह भी तय हो सकेगा कि अवैध निर्माण होने के समयकाल में उस क्षेत्र में कौन अभियंता, सुपरवाइजर व संबंधित कर्मचारी तैनात थे तैनात थे. इससे लापरवाह अफसरों के खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित की जा सकेगी.

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