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लखनऊ: राजधानी में रिवायती अंदाज में निकाला गया शाही मेहंदी का जुलूस

यूपी की राजधानी लखनऊ में शाही मेंहदी का जुलूस निकाला गया. ये जुलूस हुसैनाबाद ट्रस्ट की ओर से निकाला गया था, जिसमें हर समुदाय के लोगों ने अपनी आस्था के अनुसार शिरकत किया. जुलूस को शांतिपूर्ण तरीके से निकालने के लिए पुलिस ने सुरक्षा के कड़े प्रबंध किये थे.

शाही मेंहदी जुलूस
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Published : Sep 8, 2019, 4:47 AM IST

लखनऊ: राजधानी के हुसैनाबाद ट्रस्ट की ओर से अपने रिवायती अंदाज में शाही मेहंदी का जुलूस निकाला गया. ये जुलूस पुराने लखनऊ स्थित बड़े इमामबाड़े से छोटे इमामबाड़े तक निकाला गया. कर्बला के शहीद इमाम हसन के बेटे और हजरत इमाम हुसैन के भतीजे हजरत कासिम की याद में निकाले गए इस शाही जुलूस में बड़ी तादाद में लोगों ने शिरकत की.

शाही अंदाज में निकला मेंहदी जुलूस.

शाही मेंहदी जुलूस का रहा है पुराना इतिहास
अजादारी का केंद्र कहे जाने वाले अदब के शहर लखनऊ में हुसैनाबाद ट्रस्ट की ओर शाही मेहंदी का जुलूस निकाला गया. हजरत इमाम हुसैन और कर्बला के शहीदों की याद में आज भी लखनऊ में नवाबी तौर तरीकों के साथ मोहर्रम अपने रिवायती अंदाज में मनाया जाता है. सन 1839 में मोहम्मद अली शाह बहादुर, जो अवध के तीसरे बादशाह थे, उन्होंने हुसैनाबाद ट्रस्ट कायम किया था. इसी के तहत आज तक लखनऊ में इमाम हुसैन की याद में इन शाही जुलूसों का आयोजन होता आ रहा है.

पहली मोहर्रम से लेकर आठ रबी अव्वल तक इन जुलूसों और मजलिस मातम का दौर जारी रहेगा. इसमें हर समुदाय के लोग अपनी आस्था के अनुसार शिरकत करते है और इमाम हुसैन की शहादत का गम मनाते है.

इसे भी पढ़ें-लखनऊ: अमेठी में रेलवे स्टेशनों के विकास के बारे में जानने डीआरएम ऑफिस पहुंचीं स्मृति ईरानी

प्रशासन ने किए सुरक्षा के कड़े प्रबंध
इस जुलूस में जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन ने कड़े बंदोबस्त किए थे. डीएम और एसएसपी संग आईजी लखनऊ जोन खुद जुलूस मार्ग पर सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा करते नजर आये. वहीं जुलूस पर ड्रोन और सीसीटीवी से भी नजर रखी गयी.

लखनऊ: राजधानी के हुसैनाबाद ट्रस्ट की ओर से अपने रिवायती अंदाज में शाही मेहंदी का जुलूस निकाला गया. ये जुलूस पुराने लखनऊ स्थित बड़े इमामबाड़े से छोटे इमामबाड़े तक निकाला गया. कर्बला के शहीद इमाम हसन के बेटे और हजरत इमाम हुसैन के भतीजे हजरत कासिम की याद में निकाले गए इस शाही जुलूस में बड़ी तादाद में लोगों ने शिरकत की.

शाही अंदाज में निकला मेंहदी जुलूस.

शाही मेंहदी जुलूस का रहा है पुराना इतिहास
अजादारी का केंद्र कहे जाने वाले अदब के शहर लखनऊ में हुसैनाबाद ट्रस्ट की ओर शाही मेहंदी का जुलूस निकाला गया. हजरत इमाम हुसैन और कर्बला के शहीदों की याद में आज भी लखनऊ में नवाबी तौर तरीकों के साथ मोहर्रम अपने रिवायती अंदाज में मनाया जाता है. सन 1839 में मोहम्मद अली शाह बहादुर, जो अवध के तीसरे बादशाह थे, उन्होंने हुसैनाबाद ट्रस्ट कायम किया था. इसी के तहत आज तक लखनऊ में इमाम हुसैन की याद में इन शाही जुलूसों का आयोजन होता आ रहा है.

पहली मोहर्रम से लेकर आठ रबी अव्वल तक इन जुलूसों और मजलिस मातम का दौर जारी रहेगा. इसमें हर समुदाय के लोग अपनी आस्था के अनुसार शिरकत करते है और इमाम हुसैन की शहादत का गम मनाते है.

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प्रशासन ने किए सुरक्षा के कड़े प्रबंध
इस जुलूस में जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन ने कड़े बंदोबस्त किए थे. डीएम और एसएसपी संग आईजी लखनऊ जोन खुद जुलूस मार्ग पर सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा करते नजर आये. वहीं जुलूस पर ड्रोन और सीसीटीवी से भी नजर रखी गयी.

Intro:लखनऊ में हुसैनाबाद ट्रस्ट की ओर से अपने रिवायती अंदाज़ में शाही मेहंदी का जुलूस पुराने लखनऊ स्तिथ बड़े इमामबाड़े से छोटे इमामबाड़े तक निकाला गया। कर्बला के शहीद इमाम हसन के बेटे और हज़रत इमाम हुसैन के भतीजे हज़रत कासिम की याद में इस शाही जुलूस में बड़ी तादाद में लोगों ने शिरकत की। इस दौरान पुलिस और जिला प्रशासन के आला अधिकारी भी मौजूद रहे।


Body:अज़ादारी का केंद्र कहे जाने वाले अदब के शहर लखनऊ में हुसैनाबाद ट्रस्ट की ओर शाही मेहंदी का जुलूस निकाला जाता है। हज़रत इमाम हुसैन और कर्बला के शहीदों की याद में आज भी लखनऊ में नवाबी तौर और तरीको के साथ मोहर्रम अपने रिवायती अंदाज़ में मनाया जाता है। सन 1839 में मोहम्मद अली शाह बहादुर जो अवध के तीसरे बादशाह थे उन्होंने हुसैनाबाद ट्रस्ट कायम किया था इसी के तहत आज तक लखनऊ में इमाम हुसैन की याद में इन शाही जुलूसों का आयोजन होता आ रहा है। पहली मोहर्रम से लेकर आठ रबी अव्वल तक इन जुलूसों और मजलिस मातम का दौर जारी रहेगा जिसमें हर समुदाय के लोग अपनी आस्था के अनुसार शिरकत करते है और इमाम हुसैन की शहादत का गम मनाते है।

इस जुलूस में जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन ने कड़े बंदोबस्त किए थे और डीएम और एसएसपी संग आईजी लखनऊ ज़ोन खुद जुलूस मार्ग पर मोयना करते नज़र आये वहीं जुलूस पर ड्रोन और सीसीटीवी कैमरे से नज़र रखी जो कि देर रात हुसैनाबाद स्तिथ छोटे इमामबाड़े पर सकुशल सम्पन्न हुआ।

बाइट- नवाब जाफर मीर अब्दुल्लाह, नवाबीन ए अवध


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