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दहेज के लिए आत्महत्या मामले में पति व सास को सात साल की कैद

जनपद के थाना गाजीपुर (Thana Ghazipur) में दहेज के लिए प्रताड़ित कर आत्महत्या के लिए मजबूर करने वाले मामले में पति व सास को सात-सात साल की कारावास की सजा सुनाई गई.

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दहेज के लिए आत्महत्या मामले में पति व सास को सात साल की कारावास
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Published : Sep 22, 2022, 10:15 PM IST

लखनऊः विशेष जज नरेन्द्र कुमार, तृतीय ने दहेज हत्या के एक मामले में दोषी करार दिए गए अभियुक्त पति राकेश रमन सिन्हा व सास कान्ती देवी को सात-सात साल कैद की सजा सुनाई है. कोर्ट ने अभियुक्तों पर पांच-पांच हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है.


बता दें कि इस मामले की एफआईआर 23 जुलाई, 2004 को हरदेव प्रसाद सिन्हा ने थाना गाजीपुर में दर्ज कराई थी. एफआईआर में कहा गया कि करीब तीन माह पहले वादी ने अपनी पुत्री निशा सिन्हा की शादी पटना निवासी राकेश से की थी. सरकारी वकील कृष्ण कुमार साहू के मुताबिक निशा को ससुराल में दहेज के लिए प्रताड़ित किया जाने लगा. जिससे तंग आकार वह अपने मायके आ गई और सुसाइट नोट लिखकर दुप्पटे से फांसी लगाकर आत्महत्या कर लिया.

यह भी पढ़ें-लखनऊ, वाराणसी समेत UP में PFI के ठिकानों पर NIA की छापेमारी, 8 संदिग्ध गिरफ्तार


फर्जी रजिस्ट्री कराने के मामले अभियुक्त की जमानत अर्जी खारिज
वहीं भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के विशेष जज मोहिन्दर कुमार (Special Judge Mohinder Kumar)ने एलडीए के एक भूखंड की रजिस्ट्री फर्जी तरीके से किसी दूसरे के नाम कराने के मामले में निरुद्ध अभियुक्त शेषमणि पांडेय की जमानत अर्जी खारिज कर दी है. कोर्ट ने प्रथम दृष्टया अभियुक्त के अपराध को गंभीर करार दिया है. सरकारी वकील कौशलेंद्र द्विवेदी व सोमदत्त वाजपेई के मुताबिक इस मामले की एफआईआर एलडीए के अनुभाग अधिकारी विद्या प्रसाद ने थाना गोमती नगर में दर्ज कराई थी. एलडीए से विभूति खंड में एक भूखंड अनिल कुमार तिवारी को आवंटित हुआ था. 22 सितंबर, 2010 को अनिल कुमार की मृत्यु हो गई थी. 28 जनवरी, 2011 को एक फर्जी आदमी को अनिल कुमार तिवारी बताकर भूखंड की रजिस्ट्री करा ली गई. वर्ष 2018 में एलडीए में इस बात की शिकायत विमलेश तिवारी ने की थी.

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लखनऊः विशेष जज नरेन्द्र कुमार, तृतीय ने दहेज हत्या के एक मामले में दोषी करार दिए गए अभियुक्त पति राकेश रमन सिन्हा व सास कान्ती देवी को सात-सात साल कैद की सजा सुनाई है. कोर्ट ने अभियुक्तों पर पांच-पांच हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है.


बता दें कि इस मामले की एफआईआर 23 जुलाई, 2004 को हरदेव प्रसाद सिन्हा ने थाना गाजीपुर में दर्ज कराई थी. एफआईआर में कहा गया कि करीब तीन माह पहले वादी ने अपनी पुत्री निशा सिन्हा की शादी पटना निवासी राकेश से की थी. सरकारी वकील कृष्ण कुमार साहू के मुताबिक निशा को ससुराल में दहेज के लिए प्रताड़ित किया जाने लगा. जिससे तंग आकार वह अपने मायके आ गई और सुसाइट नोट लिखकर दुप्पटे से फांसी लगाकर आत्महत्या कर लिया.

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फर्जी रजिस्ट्री कराने के मामले अभियुक्त की जमानत अर्जी खारिज
वहीं भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के विशेष जज मोहिन्दर कुमार (Special Judge Mohinder Kumar)ने एलडीए के एक भूखंड की रजिस्ट्री फर्जी तरीके से किसी दूसरे के नाम कराने के मामले में निरुद्ध अभियुक्त शेषमणि पांडेय की जमानत अर्जी खारिज कर दी है. कोर्ट ने प्रथम दृष्टया अभियुक्त के अपराध को गंभीर करार दिया है. सरकारी वकील कौशलेंद्र द्विवेदी व सोमदत्त वाजपेई के मुताबिक इस मामले की एफआईआर एलडीए के अनुभाग अधिकारी विद्या प्रसाद ने थाना गोमती नगर में दर्ज कराई थी. एलडीए से विभूति खंड में एक भूखंड अनिल कुमार तिवारी को आवंटित हुआ था. 22 सितंबर, 2010 को अनिल कुमार की मृत्यु हो गई थी. 28 जनवरी, 2011 को एक फर्जी आदमी को अनिल कुमार तिवारी बताकर भूखंड की रजिस्ट्री करा ली गई. वर्ष 2018 में एलडीए में इस बात की शिकायत विमलेश तिवारी ने की थी.

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