लखनऊ: हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन नम्बर प्लेट दो पहिया व चार पहिया वाहन स्वामियों के लिए सिरदर्द साबित हो रही हैं. उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ की बात करें तो एक अप्रैल 2019 के पहले के तकरीबन 23 लाख प्राइवेट वाहन हैं. 30 नवंबर तक इन वाहनों पर एचएसआरपी लगवाना जरूरी है, अगर ऐसा नहीं होता है तो आरटीओ कार्यालय में एक दिसंबर से वाहन संबंधी कोई भी काम कराने जाने पर बैरंग ही वापस लौटना पड़ेगा.
परिवहन विभाग के इस फैसले से निजी वाहन स्वामी काफी परेशान हैं. खास बात ये है कि राजधानी में जिन व्यवसायिक वाहनों की संख्या मात्र डेढ़ लाख है उन वाहनों पर एचएसआरपी लगवाने की समय सीमा 28 फरवरी कर दी गई है. निजी वाहन स्वामियों को कोई महोलत नहीं दी गई है.
एचएसआरपी नहीं तो न हों परेशान
30 नंबवर के बाद भी दो व चार पहिया वाहनों में हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन नम्बर प्लेट नहीं लगी है तो परेशान होने की आवश्यकता नहीं है. वजह है कि अभी एचएसआरपी नहीं भी है तो भी चालान नहीं होगा. ये बात जरूर है कि एचएसआरपी तब जरूरी होगी जब वाहन संबंधी काम कराने आरटीओ कार्यालय जाएंगे. इसमें वाहन का ट्रांसफर, डुप्लीकेट रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट, नाम और पता बदलवाना, बैंक लोन हटवाना शामिल है. ऐसे वाहन स्वामियों को काम कराने के समय एचएसआरपी की रसीद प्रस्तुत करनी होगी.
चालान की धनराशि अभी तय नहीं
परिवहन आयुक्त कार्यालय पर तैनात अपर परिवहन राजस्व अरविंद पांडेय बताते हैं कि निजी वाहनों में एचएसआरपी लगवाने की अंतिम तारीख 30 नवंबर ही है. अभी शासन की ओर से सिर्फ व्यवसायिक वाहनों को छूट दी गई है. निजी वाहनों में एक दिसंबर तक एचएसआरपी जरूरी है जिन्हें वाहन संबंधी कोई काम कराना पड़ेगा. हालांकि अभी चेकिंग के दौरान एचएसआरपी के लिए चालान की धनराशि तय नहीं है.
अब सिर्फ 10 दिन शेष
- अब तक 20 फीसदी गाड़ियों में फिट हुई एचएसआरपी.
- एचएसआरपी लगवाने के लिए 10 दिन बाकी, नहीं होगी समयसीमा में बढ़ोतरी
- आवेदकों की भीड़ से ठप हो रहा सर्वर.