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प्रेगनेंसी में जानलेवा हो सकता है डेंगू, विशेषज्ञ से जानिए लक्षण और बचाव के उपाय - प्रेग्नेंसी में डेंगू से कैसे बचें

अगर आपको सिरदर्द, त्वचा पर चेचक जैसे लाल चकत्ते व मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द हो रहा है तो बिना देर किए, तुरंत डॉक्टर के पास जाएं. ये सभी लक्षण डेंगू के हो सकते हैं. राजधानी लखनऊ के महिला अस्पतालों में डेंगू से बचाव को लेकर कार्यक्रम आयोजित हो रहा है. इसमें महिला विशेषज्ञ सभी को बताती हैं कि किस तरह से डेंगू से बचा जाए और प्रसव के दौरान अगर डेंगू की शुरुआत हो रही है तो उसे कैसे पहचाना जाए.

प्रेग्नेंसी में जानलेवा हो सकता है डेंगू
प्रेग्नेंसी में जानलेवा हो सकता है डेंगू
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Published : Sep 26, 2021, 11:16 PM IST

लखनऊ : डेंगू पूरे शहर में कहर बनकर बरपा है. हालांकि अभी तक महिला अस्पताल इससे बचा हुआ था. लेकिन अब ये भी इससे अछूता नहीं है. अब तक दो गर्भवती महिलाओं की प्रसव के बाद मौत हो चुकी है, क्योंकि उन्हें डेंगू हुआ था. गर्भवती महिलाएं डेंगू से पीड़ित थीं, इस बात की जानकारी डॉक्टरों को भी नहीं थी. क्योंकि प्रसव के दौरान महिलाओं को कई तरह की दिक्कतें होती हैं, उन दिक्कतों के बीच में किसी को समझ नहीं आया कि गर्भवती महिलाओं को डेंगू हुआ है. इसी को ध्यान में रखते हुए, गर्भवती महिलाओं को डेंगू से बचाने के लिए इन दिनों जागरूकता कार्यक्रम चल रहा है. इस दौरान गर्भवतियों को प्रेगनेंसी में डेंगू के लक्षण कैसे पहचानें, इसको लेकर जानकारी दी जा रही है.

वीरांगना झलकारीबाई अस्पताल की सीएमएस ने गर्भवतियों को बताया कि गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को अधिक सावधानी बरतनी चाहिए. अगर प्रेगनेंसी के दौरान महिला को डेंगू हो रहा है तो शुरुआती लक्षण में खाने और पीने का बिल्कुल भी मन नहीं करेगा. हो सकता है शरीर पर लाल रंग के चकत्ते पड़े. प्लेटलेट्स कम होने से हालत गंभीर हो जाएगी. बीपी कम या ज्यादा की समस्या हो सकती है.

इन चीजों से बचें और इनका करें सेवन

सीएमएस डॉ खरे के मुताबिक कोई महिला अगर प्रेग्नेंसी के दौरान डेंगू की शिकार है तो उसे कुछ केमिकल कंपोजिशन का सेवन करने से बचना चाहिए. इनमें इबुप्रोफेन, एस्पिरिन और डाइक्लोफेनाक सोडियम शामिल हैं. इस अवस्था में महिला को ज्यादा ये ज्यादा तरल पदार्थों का सेवन करना चाहिए. इसमें ओआरएस, नारियल पानी, सिकंजी, जूस के साथ-साथ घर का सादा भोजन करना चाहिए और दिन में कम से कम 2.5 लीटर पीने की सलाह दी जाती है.

इसे भी पढे़ं- जानिए थकान को दूर रखने के लिए क्या करते हैं पीएम मोदी

कारण और लक्षण

डॉ खरे बताती हैं कि डेंगू एक तरह का हाईग्रेड फीवर है, जो कि एडीज एजिप्टी मच्छर के काटने से होता है. इस मच्छर की उत्पत्ति आस-पास जमे गंदे पानी से होती है. कई बार आप जहां रहते हैं वहां किसी गमले, कूलर, बर्तन या किसी सड़क-नाले में पानी जमा हो जाता है, जिससे डेंगू वायरस पनपता है. अगर आपको सिरदर्द, त्वचा पर चेचक जैसे लाल चकत्ते व मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द होता है तो बिना देर किए तुरंत डॉक्टर के पास जाएं. ये सभी लक्षण डेंगू के हो सकते हैं. इसलिए डेंगू से सावधानी रखने के लिए बेहतर होगा कि आप अपने आस-पास का वातावरण साफ रखें. किसी भी प्रकार से लंबे समय तक पानी कहीं भी इकट्ठा न होने दें.

लखनऊ : डेंगू पूरे शहर में कहर बनकर बरपा है. हालांकि अभी तक महिला अस्पताल इससे बचा हुआ था. लेकिन अब ये भी इससे अछूता नहीं है. अब तक दो गर्भवती महिलाओं की प्रसव के बाद मौत हो चुकी है, क्योंकि उन्हें डेंगू हुआ था. गर्भवती महिलाएं डेंगू से पीड़ित थीं, इस बात की जानकारी डॉक्टरों को भी नहीं थी. क्योंकि प्रसव के दौरान महिलाओं को कई तरह की दिक्कतें होती हैं, उन दिक्कतों के बीच में किसी को समझ नहीं आया कि गर्भवती महिलाओं को डेंगू हुआ है. इसी को ध्यान में रखते हुए, गर्भवती महिलाओं को डेंगू से बचाने के लिए इन दिनों जागरूकता कार्यक्रम चल रहा है. इस दौरान गर्भवतियों को प्रेगनेंसी में डेंगू के लक्षण कैसे पहचानें, इसको लेकर जानकारी दी जा रही है.

वीरांगना झलकारीबाई अस्पताल की सीएमएस ने गर्भवतियों को बताया कि गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को अधिक सावधानी बरतनी चाहिए. अगर प्रेगनेंसी के दौरान महिला को डेंगू हो रहा है तो शुरुआती लक्षण में खाने और पीने का बिल्कुल भी मन नहीं करेगा. हो सकता है शरीर पर लाल रंग के चकत्ते पड़े. प्लेटलेट्स कम होने से हालत गंभीर हो जाएगी. बीपी कम या ज्यादा की समस्या हो सकती है.

इन चीजों से बचें और इनका करें सेवन

सीएमएस डॉ खरे के मुताबिक कोई महिला अगर प्रेग्नेंसी के दौरान डेंगू की शिकार है तो उसे कुछ केमिकल कंपोजिशन का सेवन करने से बचना चाहिए. इनमें इबुप्रोफेन, एस्पिरिन और डाइक्लोफेनाक सोडियम शामिल हैं. इस अवस्था में महिला को ज्यादा ये ज्यादा तरल पदार्थों का सेवन करना चाहिए. इसमें ओआरएस, नारियल पानी, सिकंजी, जूस के साथ-साथ घर का सादा भोजन करना चाहिए और दिन में कम से कम 2.5 लीटर पीने की सलाह दी जाती है.

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कारण और लक्षण

डॉ खरे बताती हैं कि डेंगू एक तरह का हाईग्रेड फीवर है, जो कि एडीज एजिप्टी मच्छर के काटने से होता है. इस मच्छर की उत्पत्ति आस-पास जमे गंदे पानी से होती है. कई बार आप जहां रहते हैं वहां किसी गमले, कूलर, बर्तन या किसी सड़क-नाले में पानी जमा हो जाता है, जिससे डेंगू वायरस पनपता है. अगर आपको सिरदर्द, त्वचा पर चेचक जैसे लाल चकत्ते व मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द होता है तो बिना देर किए तुरंत डॉक्टर के पास जाएं. ये सभी लक्षण डेंगू के हो सकते हैं. इसलिए डेंगू से सावधानी रखने के लिए बेहतर होगा कि आप अपने आस-पास का वातावरण साफ रखें. किसी भी प्रकार से लंबे समय तक पानी कहीं भी इकट्ठा न होने दें.

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