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सजा पूरी होने के बाद भी कैदी जेल से रिहा क्यों नहीं हो रहे, हाईकोर्ट ने डीजी जेल को किया तलब - हरदोई जिला कारागार

High Court Lucknow Bench News : हरदोई जिला कारागार में बंद एक कैदी ने हाईकोर्ट में अपील दाखिल की है. उसका कहना है कि उसकी सजा पूरी हो गई, फिर भी उसे रिहा नहीं किया गया. इस संबंध में हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ले अधिकारियों से हलफनामा तलब किया है.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Dec 8, 2023, 10:38 AM IST

लखनऊ: हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने सजा पूरी होने के बावजूद एक कैदी को जेल से रिहा न किए जाने पर सख्त रुख अपनाते हुए, महानिदेशक कारागार को तलब कर लिया है. न्यायालय ने हलफनामा दाखिल कर उन्हें यह बताने का आदेश दिया है कि सजा पूरी होने के बावजूद कितने कैदी अभी जेल में बंद हैं. यह आदेश न्यायमूर्ति शमीम अहमद की एकल पीठ ने अरविन्द उर्फ नागा की ओर से दाखिल अपील पर दिया है.

अपीलार्थी हरदोई जेल में बंद है. न्यायालय ने हरदोई जिला कारागार के जेल अधीक्षक को भी व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल कर यह बताने के लिये कहा है कि सजा पूरी होने के बावजूद अपीलार्थी को अवैध रूप से क्यों जेल में रखा गया है. दरअसल, अपीलार्थी अरविन्द उर्फ नागा को 28 नवंबर 2022 को छेड़छाड़, मारपीट व जान से मारने की धमकी के आरोपों में दोष सिद्ध करते हुए, ट्रायल कोर्ट ने पांच साल की सजा सुनाई थी.

अपीलार्थी 20 दिसम्बर 2017 से ही जेल में बंद था. लिहाजा उसकी सजा दिसम्बर 2022 में ही पूरी हो गई. अपीलार्थी की ओर से दलील दी गई कि सजा अवधि पूरी होने के बावजूद हरदोई जेल प्रशासन ने उसे रिहा नहीं किया और वह पिछले 11 महीने से अवैध रूप से हरदोई जेल में निरुद्ध है. उसकी ओर से उक्त अवैध निरुद्धि के लिए मुआवजे की भी मांग की गई है.

वहीं सरकारी वकील ने मामले में निर्देश प्राप्त करने के लिए समय की मांग की है. मामले की गम्भीरता को देखते हुए न्यायालय ने कहा कि यह अपीलार्थी के जीवन की सुरक्षा व स्वतंत्रता का विषय है. न्यायालय ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 8 दिसम्बर की तिथि तय करते हुए, सरकारी वकील व लखनऊ बेंच के वरिष्ठ निबंधक को आदेशित किया है कि वे आदेश के संबंध में सम्बंधित अधिकारियों को अवगत कराएं.

ये भी पढ़ेंः लोगों की जमीन कब्जाने, प्रॉपर्टी डीलिंग करने वाले वकीलों पर हाईकोर्ट सख्त, कहा- कार्रवाई सरकार करे

लखनऊ: हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने सजा पूरी होने के बावजूद एक कैदी को जेल से रिहा न किए जाने पर सख्त रुख अपनाते हुए, महानिदेशक कारागार को तलब कर लिया है. न्यायालय ने हलफनामा दाखिल कर उन्हें यह बताने का आदेश दिया है कि सजा पूरी होने के बावजूद कितने कैदी अभी जेल में बंद हैं. यह आदेश न्यायमूर्ति शमीम अहमद की एकल पीठ ने अरविन्द उर्फ नागा की ओर से दाखिल अपील पर दिया है.

अपीलार्थी हरदोई जेल में बंद है. न्यायालय ने हरदोई जिला कारागार के जेल अधीक्षक को भी व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल कर यह बताने के लिये कहा है कि सजा पूरी होने के बावजूद अपीलार्थी को अवैध रूप से क्यों जेल में रखा गया है. दरअसल, अपीलार्थी अरविन्द उर्फ नागा को 28 नवंबर 2022 को छेड़छाड़, मारपीट व जान से मारने की धमकी के आरोपों में दोष सिद्ध करते हुए, ट्रायल कोर्ट ने पांच साल की सजा सुनाई थी.

अपीलार्थी 20 दिसम्बर 2017 से ही जेल में बंद था. लिहाजा उसकी सजा दिसम्बर 2022 में ही पूरी हो गई. अपीलार्थी की ओर से दलील दी गई कि सजा अवधि पूरी होने के बावजूद हरदोई जेल प्रशासन ने उसे रिहा नहीं किया और वह पिछले 11 महीने से अवैध रूप से हरदोई जेल में निरुद्ध है. उसकी ओर से उक्त अवैध निरुद्धि के लिए मुआवजे की भी मांग की गई है.

वहीं सरकारी वकील ने मामले में निर्देश प्राप्त करने के लिए समय की मांग की है. मामले की गम्भीरता को देखते हुए न्यायालय ने कहा कि यह अपीलार्थी के जीवन की सुरक्षा व स्वतंत्रता का विषय है. न्यायालय ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 8 दिसम्बर की तिथि तय करते हुए, सरकारी वकील व लखनऊ बेंच के वरिष्ठ निबंधक को आदेशित किया है कि वे आदेश के संबंध में सम्बंधित अधिकारियों को अवगत कराएं.

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