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ऑपरेशन से पहले सादे पेपर पर तीमारदार के हस्ताक्षर मान्य नहीं - अपर मुख्य सचिव अमित मोहन प्रसाद

प्रदेश के सभी निजी अस्पतालों को अब मरीज के तीमारदारों से सम्पूर्ण फॉर्म भरवाना पड़ेगा, अब केवल हस्ताक्षर से काम नहीं चलेगा. इस बारे में अपर मुख्य सचिव अमित मोहन प्रसाद ने सभी जनपदों के सीएमओ को आदेश भेजा है.

लखनऊ
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Published : May 25, 2021, 9:30 PM IST

लखनऊ : निजी अस्पतालों में मरीजों के बढ़ते शोषण पर यूपी सरकार सख्त हो गई है. अब ऑपरेशन से पहले हर अस्पताल को तीमारदार से सम्पूर्ण फॉर्म भरवाना होगा. उनसे सादे कागज पर हस्ताक्षर कराकर बाद में उस पर मनमानी भाषा लिखने की आजादी अस्पतालों की नहीं मिलेगी.

निजी अस्पतालों को भरवाने होंगे फॉर्म

अपर मुख्य सचिव अमित मोहन प्रसाद ने सभी जनपदों के सीएमओ को आदेश भेजा है. उन्होंने कहा कि ऑपरेशन से पूर्व परिवारजनों को कई अस्पताल पूरी जानकारी नहीं देते हैं. सादे कागज पर उनके हस्ताक्षर करा लिए जाते हैं. ऐसे में ऑपरेशन के बाद मरीज के परिवारजन व अस्पताल संचालकों में विवाद की घटनाएं हो रही हैं. मारपीट-तोड़फोड़ से कानून व्यवस्था की स्थिति उत्पन्न हो जाती है. ऐसे में सभी निजी अस्पतालों में ऑपरेशन से पूर्व निर्धारित प्रारूप के फॉर्म-सहमति पत्र पर हस्ताक्षर कराए जाएं. सादे कागज पर हस्ताक्षर मान्य नहीं होंगे.

इसे भी पढ़ें- कूड़े के ढेर में मिली वैक्सीन से भरी 29 सिरिंज, जांच के आदेश


कोरोना में जान गंवाने वाले स्टाफ का मांगा ब्योरा

डीजी हेल्थ डॉ डीएस नेगी ने सभी जनपदों के सीएमओ से कोरोना में मौत का शिकार हुए हेल्थ वर्कर, डॉक्टर का ब्यौरा तलब किया. इसमें स्थाई, आउट सोर्सिंग, संविदा पर तैनात रहे सभी कर्मियों की लिस्ट मांगी गई है. मृतकों की लिस्ट में 20 मार्च के बाद वाले नाम शामिल होंगे. इसके बाद इनके अन्य देय का भुगतान किया जाएगा.

लखनऊ : निजी अस्पतालों में मरीजों के बढ़ते शोषण पर यूपी सरकार सख्त हो गई है. अब ऑपरेशन से पहले हर अस्पताल को तीमारदार से सम्पूर्ण फॉर्म भरवाना होगा. उनसे सादे कागज पर हस्ताक्षर कराकर बाद में उस पर मनमानी भाषा लिखने की आजादी अस्पतालों की नहीं मिलेगी.

निजी अस्पतालों को भरवाने होंगे फॉर्म

अपर मुख्य सचिव अमित मोहन प्रसाद ने सभी जनपदों के सीएमओ को आदेश भेजा है. उन्होंने कहा कि ऑपरेशन से पूर्व परिवारजनों को कई अस्पताल पूरी जानकारी नहीं देते हैं. सादे कागज पर उनके हस्ताक्षर करा लिए जाते हैं. ऐसे में ऑपरेशन के बाद मरीज के परिवारजन व अस्पताल संचालकों में विवाद की घटनाएं हो रही हैं. मारपीट-तोड़फोड़ से कानून व्यवस्था की स्थिति उत्पन्न हो जाती है. ऐसे में सभी निजी अस्पतालों में ऑपरेशन से पूर्व निर्धारित प्रारूप के फॉर्म-सहमति पत्र पर हस्ताक्षर कराए जाएं. सादे कागज पर हस्ताक्षर मान्य नहीं होंगे.

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कोरोना में जान गंवाने वाले स्टाफ का मांगा ब्योरा

डीजी हेल्थ डॉ डीएस नेगी ने सभी जनपदों के सीएमओ से कोरोना में मौत का शिकार हुए हेल्थ वर्कर, डॉक्टर का ब्यौरा तलब किया. इसमें स्थाई, आउट सोर्सिंग, संविदा पर तैनात रहे सभी कर्मियों की लिस्ट मांगी गई है. मृतकों की लिस्ट में 20 मार्च के बाद वाले नाम शामिल होंगे. इसके बाद इनके अन्य देय का भुगतान किया जाएगा.

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