लखनऊ: कोरोना की संभावित तीसरी लहर में बच्चों के संक्रमित होने का खतरा है. इस खतरे से निपटने के लिए अस्पतालों को दुरुस्त किया जाने लगा है. बलरामपुर और लोकबंधु अस्पताल में 100-100 बेड का पीडियाट्रिक आईसीयू बनाने के लिए कार्य शुरू हो गया है. इसके साथ ही बाल चिकित्सकों और उनके क्लीनिक में उपलब्ध सुविधाओं को भी सूचीबद्ध किया जा रहा है.
प्रभारी अधिकारी कोविड डॉ रोशन जैकब इस संदर्भ में बलरामपुर चिकित्सालय, सिविल अस्पताल, लोकबंधु चिकित्सालय के नोडल चिकित्साधिकारियों के साथ बैठक कर चर्चा कर चुकी हैं. संबंधित चिकित्सालयों में मैन पावर एवं चिकित्सीय उपकरण बनाए जाएंगे. इन अस्पतालों में पीआईसीयू बनाने के साथ-साथ पूरी क्षमता के साथ चलाने का निर्णय लिया गया. इसके लिए आवश्यक संसाधन का एक प्रस्ताव भी तैयार किया गया है, जिसे जिला प्रशासन के जरिए शासन को भेजा जाएगा.
निजी क्षेत्र में भी संभावनाएं तलाश रहे हैं अधिकारी
प्रभारी अधिकारी कोविड निजी क्षेत्रों में भी बच्चों के इलाज से संबंधित सुविधाओं और उपकरणों की स्थिति एकत्र करने में लगी हुई हैं ताकि आवश्यकता पड़ने पर इसका उपयोग किया जा सके. निजी क्षेत्र के चिकित्सालयों में ऑक्सीजन जनरेटर कंसंट्रेटर और प्लांट लगाए जाने के भी निर्देश दिए गए हैं.
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तैयार होगा बाल रोग विशेषज्ञों का पूल
सरकार राजधानी में पीआईसीयू बनाने के साथ-साथ विशेषज्ञ चिकित्सकों का एक पूल भी तैयार कर रही है. इसके माध्यम से अन्य चिकित्सकों को भी प्रशिक्षित करने पर विचार किया जा रहा है. प्रभारी अधिकारी कोविड ने इस संदर्भ में अपर निदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं से रिपोर्ट तलब की है. इसमें खास तौर पर बलरामपुर चिकित्सालय, लोकबंधु राजनारायण चिकित्सालय तथा सिविल अस्पताल की आवश्यकताओं से संबंधित विवरण शामिल है.