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ऑक्सीजन मिलने से अस्पतालों को मिली सांस

लखनऊ में अस्पतालों को ऑक्सीजन मिलने के बाद थोड़ी राहत मिली है. लेकिन अभी भी अस्पतालों में ऑक्सीजन नहीं पहुंच पाई है. जिससे चिंता भी बनी हुई है.

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Published : Apr 26, 2021, 5:08 AM IST

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लखनऊ: जिले में ऑक्सीजन आने से अस्पतालों ने कुछ राहत की सांस ली है. लेकिन अभी भी सभी बेड पर मरीजों की भर्ती चालू नहीं हो पाई है. वहीं छोटे अस्पतालों में ऑक्सीजन कि किल्लत बरकरार है. कुछ अस्पतालों ने मरीजों की भर्ती शर्तों के साथ शुरू की है. जिसमें तीमारदारों को मरीज की जरूरत के हिसाब से ऑक्सीजन सिलेंडर का इंतजाम करने को कहा गया है. एरा मेडिकल कॉलेज को लिक्विड और सिलेंडर से ऑक्सीजन की आपूर्ति की गई है. इससे कोरोना मरीजों के बेहतर इलाज की आस जगी है. लोकबंधु अस्पताल में रोजाना 256 ऑक्सीजन सिलेंडर की खपत है. अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अजय शंकर त्रिपाठी के मुताबिक ऑक्सीजन मिलने से काफी राहत मिली है. तीन गाड़ियां लगी हैं जो खाली सिलेंडर को भरवाकर ला रही हैं. अभी ऑक्सीजन की ज्यादा किल्लत नहीं है. बलरामपुर अस्पताल में भी ऑक्सीजन की उपलब्धता में 20 फीसदी का सुधार आया है. अस्पताल में रोजाना 325 से लेकर 350 ऑक्सीजन सिलेंडर की खपत हो रही है. अभी भी मांग के मुताबिक ऑक्सीजन की उपलब्धता नहीं हो पा रही है. अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. हिमांशु चतुर्वेदी के मुताबिक पहले से स्थिति बेहतर हुई है.

यह भी पढ़ें: 30 अप्रैल तक लखनऊ का सर्राफा बाजार बंद, कारोबारियों ने लिया निर्णय

1546 मरीजों को राहत

ऑक्सीजन की आपूर्ति की व्यवस्था में धीरे-धीरे सुधार हो रहा है. इससे गंभीर मरीजों को नई जिंदगी मिलने की आस जगी है. कोविड अस्पतालों में ऑक्सीजन आपूर्ति शुरू होने से करीब 1546 मरीजों ने राहत की सांस ली है. बाकी केजीएमयू, पीजीआई, लोहिया संस्थान में 20-20 हजार किलो लीटर के लिक्विड ऑक्सीजन टैंक लगे हैं.

निजी कोविड अस्पतालों में हाहाकार

शेखर अस्पताल में ऑक्सीजन सिलेंडर की आपूर्ति में कुछ सुधार हुआ है. अस्पताल प्रशासन का कहना है कि नए मरीजों की भर्ती सीमित संख्या में की जा रही है. मेयो हॉस्पिटल में स्थिति जस की तस बनी हुई है. यही वजह है कि अस्पताल में अभी भी नए मरीजों की भर्ती चालू नहीं हो पा रही है. इसी तरह छोटे कोविड अस्पतालों में ऑक्सीजन को लेकर हाहाकार मचा है. हेरीटेज हॉस्पिटल में ऑक्सीजन सिलेंडर का इंतजाम तीमारदारों को करने की शर्त पर ही मरीज भर्ती किए जा रहे हैं. अस्पताल कर्मचारियों का कहना है कि अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी है. लिहाजा उसी मरीज की भर्ती संभव है, जो खुद से ऑक्सीजन का इंतजाम कर सकेगा. इसी तरह रायबरेली रोड के निजी कोविड अस्पताल ने भी मरीजों की भर्ती रोक रखी है. बीकेटी स्थित निजी अस्पताल में भी नए मरीजों की भर्ती नहीं हो पा रही है. अधिकारियों का कहना है कि बेड ऑक्सीजन की उपलब्धता अभी नहीं हो पा रही है. लिहाजा नए मरीजों की भर्ती कठिन है.

और ऑक्सीजन की है जरूरत

जिन अस्पतालों को ऑक्सीजन की आपूर्ति की गई है वह नाकाफी साबित हो रही है. ज्यादातर अस्पतालों में चार से पांच घंटे का ही बैकअप है. लिहाजा अस्पताल प्रशासन ने जल्द से जल्द मांग के मुताबिक ऑक्सीजन आपूर्ति की मांग की है. अधिकारियों का कहना है कि कोविड अस्पताल में कम से कम 36 घंटे का बैकअप जरूरी है.

लखनऊ: जिले में ऑक्सीजन आने से अस्पतालों ने कुछ राहत की सांस ली है. लेकिन अभी भी सभी बेड पर मरीजों की भर्ती चालू नहीं हो पाई है. वहीं छोटे अस्पतालों में ऑक्सीजन कि किल्लत बरकरार है. कुछ अस्पतालों ने मरीजों की भर्ती शर्तों के साथ शुरू की है. जिसमें तीमारदारों को मरीज की जरूरत के हिसाब से ऑक्सीजन सिलेंडर का इंतजाम करने को कहा गया है. एरा मेडिकल कॉलेज को लिक्विड और सिलेंडर से ऑक्सीजन की आपूर्ति की गई है. इससे कोरोना मरीजों के बेहतर इलाज की आस जगी है. लोकबंधु अस्पताल में रोजाना 256 ऑक्सीजन सिलेंडर की खपत है. अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अजय शंकर त्रिपाठी के मुताबिक ऑक्सीजन मिलने से काफी राहत मिली है. तीन गाड़ियां लगी हैं जो खाली सिलेंडर को भरवाकर ला रही हैं. अभी ऑक्सीजन की ज्यादा किल्लत नहीं है. बलरामपुर अस्पताल में भी ऑक्सीजन की उपलब्धता में 20 फीसदी का सुधार आया है. अस्पताल में रोजाना 325 से लेकर 350 ऑक्सीजन सिलेंडर की खपत हो रही है. अभी भी मांग के मुताबिक ऑक्सीजन की उपलब्धता नहीं हो पा रही है. अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. हिमांशु चतुर्वेदी के मुताबिक पहले से स्थिति बेहतर हुई है.

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1546 मरीजों को राहत

ऑक्सीजन की आपूर्ति की व्यवस्था में धीरे-धीरे सुधार हो रहा है. इससे गंभीर मरीजों को नई जिंदगी मिलने की आस जगी है. कोविड अस्पतालों में ऑक्सीजन आपूर्ति शुरू होने से करीब 1546 मरीजों ने राहत की सांस ली है. बाकी केजीएमयू, पीजीआई, लोहिया संस्थान में 20-20 हजार किलो लीटर के लिक्विड ऑक्सीजन टैंक लगे हैं.

निजी कोविड अस्पतालों में हाहाकार

शेखर अस्पताल में ऑक्सीजन सिलेंडर की आपूर्ति में कुछ सुधार हुआ है. अस्पताल प्रशासन का कहना है कि नए मरीजों की भर्ती सीमित संख्या में की जा रही है. मेयो हॉस्पिटल में स्थिति जस की तस बनी हुई है. यही वजह है कि अस्पताल में अभी भी नए मरीजों की भर्ती चालू नहीं हो पा रही है. इसी तरह छोटे कोविड अस्पतालों में ऑक्सीजन को लेकर हाहाकार मचा है. हेरीटेज हॉस्पिटल में ऑक्सीजन सिलेंडर का इंतजाम तीमारदारों को करने की शर्त पर ही मरीज भर्ती किए जा रहे हैं. अस्पताल कर्मचारियों का कहना है कि अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी है. लिहाजा उसी मरीज की भर्ती संभव है, जो खुद से ऑक्सीजन का इंतजाम कर सकेगा. इसी तरह रायबरेली रोड के निजी कोविड अस्पताल ने भी मरीजों की भर्ती रोक रखी है. बीकेटी स्थित निजी अस्पताल में भी नए मरीजों की भर्ती नहीं हो पा रही है. अधिकारियों का कहना है कि बेड ऑक्सीजन की उपलब्धता अभी नहीं हो पा रही है. लिहाजा नए मरीजों की भर्ती कठिन है.

और ऑक्सीजन की है जरूरत

जिन अस्पतालों को ऑक्सीजन की आपूर्ति की गई है वह नाकाफी साबित हो रही है. ज्यादातर अस्पतालों में चार से पांच घंटे का ही बैकअप है. लिहाजा अस्पताल प्रशासन ने जल्द से जल्द मांग के मुताबिक ऑक्सीजन आपूर्ति की मांग की है. अधिकारियों का कहना है कि कोविड अस्पताल में कम से कम 36 घंटे का बैकअप जरूरी है.

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