लखनऊ: कोरोना वायरस के संक्रमण के बीच राजधानी में बेलगाम हुए अस्पतालों पर भी कार्रवाई तेज हो गई है. कोरोना संक्रमित मरीजों की भर्ती के लिए दी गई गाइडलाइंस और सरकार द्वारा जारी किए गए दिशा-निर्देशों के तहत इलाज न करने के चलते चंदन अस्पताल में कोरोना संक्रमित मरीजों की भर्ती पर रोक लगा दी गई है. वहीं गलत रिपोर्ट देने की शिकायत के बाद चरक डायग्नोस्टिक में भी जांच पर रोक लगा दी गई है.
गोमती नगर स्थित चंदन अस्पताल में कुछ दिनों पहले ही कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों के इलाज की अनुमति दी गई थी. इसी के साथ सरकार द्वारा बनाई गई गाइडलाइंस का अनुपालन करने का निर्देश भी दिया गया था, लेकिन अस्पताल प्रशासन द्वारा मरीजों की भर्ती और इलाज के लिए बनाई गई गाइडलाइंस की जमकर धज्जियां उड़ाई गईं.
कोरोना संक्रमित मरीजों और 11 संक्रमित मरीजों के प्रवेश द्वार को अलग नहीं किया गया. इसकी वजह से चंदन अस्पताल के मुख्य द्वार से कोरोना संक्रमित मरीज भी कोविड-19 वार्ड में भर्ती हो रहे थे. साथ ही अन्य विभागों के मरीजों को भी इसी गेट से ही जाना पड़ रहा था.
अस्पताल प्रशासन को सख्त निर्देश
इस पूरे मामले की भनक सोमवार देर रात लखनऊ के नए सीएमओ डॉ. आरपी सिंह को मिली. इसके बाद तत्काल रूप से सीएमओ ने चंदन अस्पताल में संक्रमित मरीजों की भर्ती पर रोक लगा दी और अग्रिम आदेशों तक अस्पताल प्रशासन को सख्त निर्देश दिए हैं.
सीएमओ डॉ. आरपी सिंह के अनुसार सोमवार की देर शाम को चंदन अस्पताल में एक ही दरवाजे से कोरोना संक्रमित और अन्य मरीजों को प्रवेश दिया जा रहा था. इसके साथ ही अस्पताल में सरकार द्वारा बनाए गए कोविड-19 के गाइडलाइंस का भी उल्लंघन किया जा रहा था. इस वजह से अस्पताल में कोरोना संक्रमित मरीजों की भर्ती पर अब रोक लगा दी गई है.
पैथोलॉजी लैब पर रोक
इसके अलावा कोरोना वायरस के संक्रमण की जांच करने वाले कई निजी पैथोलॉजी लैब से सही रिपोर्ट न मिलने की शिकायत मिल रही थी. इसी कड़ी में चौक स्थित चरक डायग्नोस्टिक में कोरोना वायरस की होने वाली जांच रिपोर्ट में फर्जीवाड़े की शिकायत आने पर जांच पर रोक लगा दी गई है.
सीएमओ के अनुसार पिछले कई दिनों से चरक डायग्नोस्टिक से कोरोना वायरस की गलत जांच रिपोर्ट मिलने की शिकायत मिल रही थी. इसका संज्ञान लेते हुए तत्काल रूप से कार्रवाई की गई और चरक में होने वाली कोरोना वायरस की जांच को अग्रिम आदेशों तक रोक दिया गया है. इसके साथ ही चरक में अब तक हुई सभी जांचों को दोबारा केजीएमयू में कराने के निर्देश भी दिए गए हैं.