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इलाज के दौरान मरीज की मौत, अस्पताल वसूलता रहा पैसे

राजधानी लखनऊ में इलाज के लिए आए मरीज से एक प्राइवेट अस्पताल द्वारा तीन दिन के भीतर तीन लाख रुपये वसूलने का आरोप है. आरोप यहां तक है कि मरीज की मौत होने के बाद भी अस्पताल परिजनों से पैसे वसूलता रहा.

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इलाज के दौरान मरीज की मौत
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Published : Jul 12, 2021, 10:05 PM IST

लखनऊ : राजधानी में इलाज के लिए आए मरीज को सस्ते इलाज का झांसा देकर एम्बुलेंस चालक ने उसे एक निजी अस्पताल में भर्ती करा दिया.आरोप है कि अस्पताल में मनमाने पैसे वसूले गए. इसके साथ ही घंटों मौत को छिपाया गया.

दरअसल रायबरेली निवासी रामकांत त्रिवेदी और उनकी पत्नी दीपा दुर्घटना का शिकार हो गई थीं. उन्हें आठ जुलाई को रायबरेली के अस्पताल में भर्ती कराया गया, यहां जांच में दीपा के हाथ में फ्रैक्चर पाया गया. वहीं रमाकांत त्रिवेदी के सिर और पेट में चोटें मिलीं. ऐसे में डॉक्टर ने मरीज को केजीएमयू रेफर किया. उनके पुत्र अविनाश ने पिता को एम्बुलेंस से लेकर केजीएमयू रवाना हुए. इसी दौरान एम्बुलेंस चालक ने बेहतर और सस्ते इलाज का झांसा दिया. चालक मरीज को गोमतीनगर के विक्रांतखंड स्थित एशिया हॉस्पिटल लेकर पहुंचा.

आरोप है कि डॉक्टरों ने मरीज को 70 हजार रुपये में इलाज करने का वादा किया. भर्ती के बाद मरीज की एमआरआई जांच के लिए जियामऊ स्थित निजी संस्थान भेजा गया, यहां रिपोर्ट में ब्रेन में अंदरूनी चोट मिली.

आरोप है कि डॉक्टर पैसा वसूलने के चक्कर में हीलाहवाली करते रहे. परिजनों ने मरीज को रेफर करने का दबाव बनाना शुरू किया, तब डॉक्टरों ने मरीज की मृत्यु होने की जानकारी दी, जिसके बाद नाराज तीमारदारों ने जमकर हंगामा किया. अवधेश के मुताबिक उनसे तीन दिन में तीन लाख रुपये वसूले गए. यही नहीं मरीज की मौत के बाद भी अस्पताल पैसे वसूलता रहा.

परिजनों ने सीएमओ से मामले की शिकायत की बात कही है. वहीं सीएमओ डॉ संजय भटनागर ने कहा कि मामले की पड़ताल कराई जाएगी. गड़बड़ी मिलने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी. वहीं एशिया अस्पताल के संचालक डॉ आलोक कुमार के मुताबिक आरोप बेबुनियाद है.

लखनऊ : राजधानी में इलाज के लिए आए मरीज को सस्ते इलाज का झांसा देकर एम्बुलेंस चालक ने उसे एक निजी अस्पताल में भर्ती करा दिया.आरोप है कि अस्पताल में मनमाने पैसे वसूले गए. इसके साथ ही घंटों मौत को छिपाया गया.

दरअसल रायबरेली निवासी रामकांत त्रिवेदी और उनकी पत्नी दीपा दुर्घटना का शिकार हो गई थीं. उन्हें आठ जुलाई को रायबरेली के अस्पताल में भर्ती कराया गया, यहां जांच में दीपा के हाथ में फ्रैक्चर पाया गया. वहीं रमाकांत त्रिवेदी के सिर और पेट में चोटें मिलीं. ऐसे में डॉक्टर ने मरीज को केजीएमयू रेफर किया. उनके पुत्र अविनाश ने पिता को एम्बुलेंस से लेकर केजीएमयू रवाना हुए. इसी दौरान एम्बुलेंस चालक ने बेहतर और सस्ते इलाज का झांसा दिया. चालक मरीज को गोमतीनगर के विक्रांतखंड स्थित एशिया हॉस्पिटल लेकर पहुंचा.

आरोप है कि डॉक्टरों ने मरीज को 70 हजार रुपये में इलाज करने का वादा किया. भर्ती के बाद मरीज की एमआरआई जांच के लिए जियामऊ स्थित निजी संस्थान भेजा गया, यहां रिपोर्ट में ब्रेन में अंदरूनी चोट मिली.

आरोप है कि डॉक्टर पैसा वसूलने के चक्कर में हीलाहवाली करते रहे. परिजनों ने मरीज को रेफर करने का दबाव बनाना शुरू किया, तब डॉक्टरों ने मरीज की मृत्यु होने की जानकारी दी, जिसके बाद नाराज तीमारदारों ने जमकर हंगामा किया. अवधेश के मुताबिक उनसे तीन दिन में तीन लाख रुपये वसूले गए. यही नहीं मरीज की मौत के बाद भी अस्पताल पैसे वसूलता रहा.

परिजनों ने सीएमओ से मामले की शिकायत की बात कही है. वहीं सीएमओ डॉ संजय भटनागर ने कहा कि मामले की पड़ताल कराई जाएगी. गड़बड़ी मिलने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी. वहीं एशिया अस्पताल के संचालक डॉ आलोक कुमार के मुताबिक आरोप बेबुनियाद है.

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