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लखनऊ: 'अनलॉक' होते ही भूल गए गाइडलाइन, कपड़ा व्यापारी ट्रायल के लिए दे रहे इजाजत

यूपी की राजधानी लखनऊ में अनलॉक-1 के तहत मॉल्स और दुकानों को खोलने की इजाजत मिल गई है. ग्राहक लॉकडाउन के नियमों को भूलकर दुकानों पर कपड़ों का ट्रायल कर रहे हैं. हालांकि दुकानदार ट्रायल किए गए कपड़े को सैनिटाइज कर रहे हैं.

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अनलॉक-1 में खुले बाजार.
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Published : Jun 11, 2020, 11:49 AM IST

लखनऊः कोरोना के प्रसार एवं बचाव के लिए सरकार ने गाइडलाइंस जारी की हैं. अनलॉक-1 में बाजार खुल गए हैं, लेकिन इसकी गाइडलाइंस के बारे में आम जनता को कम ही पता है. वहीं दुकारदार अपनी तरफ से लोगों को जागरूक करने और संक्रमण से बचाव के उपाय कर रहे हैं. फिर भी लोग गाइडलाइंस के पालन में लापरवाही बरत रहे हैं.

कपड़ा व्यवसायी नितिन रस्तोगी कहते हैं कि अनलॉक-1 में जब दुकानें खुलना शुरू हो गई हैं तो हम कोविड-19 के संक्रमण से बचने के लिए कदम उठा रहे हैं. इस क्रम में किसी भी ग्राहक के आने पर उसकी स्क्रीनिंग की जा रही है. उनका हाथ सैनिटाइज करवाया जाता है. सोशल डिस्टेनसिंग का पालन किया जाता है.

ट्रायल न करवाने पर दे रहे जोर
नितिन रस्तोगी ने कहा कि पहले तो हम कपड़ों के ट्रायल न करवाने पर जोर देते हैं, लेकिन यदि ग्राहक ट्रायल करना चाहते ही हैं तो उन्हें हम पहले ही गाइडलाइंस के बारे में बता देते हैं. ट्रायल के लिए कोशिश की जाती है कि एक ही कपड़ा दिया जाए. नितिन कहते हैं कि ग्राहकों द्वारा ट्रायल किये कपड़ों को सैनिटाइज करने के साथ हम स्टीम आयरन भी करते हैं.

कपड़े की दुकानों में कपड़ों का हो रहा ट्रायल.

क्या कहते हैं विशेषज्ञ
केजीएमयू के रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. दर्शन बजाज कहते हैं कि अनलॉक में दुकानें खुल रही हैं और धीरे-धीरे सभी तरह व्यवसाय खुलेंगे. डॉ. दर्शन के अनुसार कपड़ा व्यवसायियों को सैनिटाइजेशन के लिए कुछ बातें और जरूरी कदम ध्यान में रखने जरूरी हैं. सबसे पहले यह जानना जरूरी है कि कपड़ों का सैनिटाइजेशन सिर्फ संक्रमण को रोकने में सहायक हो सकता है.

डॉ. दर्शन का कहना है अगर यदि कपड़ों को धुलवाना हो तो सोडियम हाइपोक्लोराइट या ब्लीचिंग पाउडर के 0.5% कंसंट्रेशन से ही कपड़ा सैनिटाइज हो सकता है. हाथों पर इस्तेमाल करने वाले सैनिटाइजर में 70% अल्कोहल शामिल होता है. डॉ. बजाज कहते हैं कि यह जानना भी बेहद जरूरी है कि वायरस किस तरह से ट्रांसमिट होता है.

दो तरीकों से फैलता है संक्रमण
दर्शन बजाज बताते हैं कि कोरोना संक्रमण फैलने के दो ही तरीके होते हैं. यह या तो मुंह के जरिए ट्रांसमिट होगा या फिर हाथों से एक व्यक्ति को दूसरे व्यक्ति में. इससे बचने के लिए कुछ अल्टरनेटिव इस्तेमाल किए जा सकते हैं. इन उपायों में ग्राहक जब दुकान में आएं तो सबसे पहले उसके हाथों को सैनिटाइज करवाया जाए और मास्क पहनने की हिदायत दी जाए.

डॉ. दर्शन कहते हैं कि इस बात पर ध्यान देने की जरूरत है कि जो कोरोना वायरस के संक्रमण की जद में नहीं है. वह किसी भी तरीके से वायरस को ट्रांसमिट नहीं करेंगे, लेकिन इस वक्त बहुत सारे व्यक्तियों में कोरोना वायरस के संक्रमण के लक्षण नहीं मिल रहे हैं. इसलिए इसकी पहचान कर पाना बेहद मुश्किल है.

इसे भी पढ़ें- बेपटरी हुआ कपड़ा कारोबार, कोरोना के डर से दुकानों तक नहीं पहुंच रहे ग्राहक

लखनऊः कोरोना के प्रसार एवं बचाव के लिए सरकार ने गाइडलाइंस जारी की हैं. अनलॉक-1 में बाजार खुल गए हैं, लेकिन इसकी गाइडलाइंस के बारे में आम जनता को कम ही पता है. वहीं दुकारदार अपनी तरफ से लोगों को जागरूक करने और संक्रमण से बचाव के उपाय कर रहे हैं. फिर भी लोग गाइडलाइंस के पालन में लापरवाही बरत रहे हैं.

कपड़ा व्यवसायी नितिन रस्तोगी कहते हैं कि अनलॉक-1 में जब दुकानें खुलना शुरू हो गई हैं तो हम कोविड-19 के संक्रमण से बचने के लिए कदम उठा रहे हैं. इस क्रम में किसी भी ग्राहक के आने पर उसकी स्क्रीनिंग की जा रही है. उनका हाथ सैनिटाइज करवाया जाता है. सोशल डिस्टेनसिंग का पालन किया जाता है.

ट्रायल न करवाने पर दे रहे जोर
नितिन रस्तोगी ने कहा कि पहले तो हम कपड़ों के ट्रायल न करवाने पर जोर देते हैं, लेकिन यदि ग्राहक ट्रायल करना चाहते ही हैं तो उन्हें हम पहले ही गाइडलाइंस के बारे में बता देते हैं. ट्रायल के लिए कोशिश की जाती है कि एक ही कपड़ा दिया जाए. नितिन कहते हैं कि ग्राहकों द्वारा ट्रायल किये कपड़ों को सैनिटाइज करने के साथ हम स्टीम आयरन भी करते हैं.

कपड़े की दुकानों में कपड़ों का हो रहा ट्रायल.

क्या कहते हैं विशेषज्ञ
केजीएमयू के रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. दर्शन बजाज कहते हैं कि अनलॉक में दुकानें खुल रही हैं और धीरे-धीरे सभी तरह व्यवसाय खुलेंगे. डॉ. दर्शन के अनुसार कपड़ा व्यवसायियों को सैनिटाइजेशन के लिए कुछ बातें और जरूरी कदम ध्यान में रखने जरूरी हैं. सबसे पहले यह जानना जरूरी है कि कपड़ों का सैनिटाइजेशन सिर्फ संक्रमण को रोकने में सहायक हो सकता है.

डॉ. दर्शन का कहना है अगर यदि कपड़ों को धुलवाना हो तो सोडियम हाइपोक्लोराइट या ब्लीचिंग पाउडर के 0.5% कंसंट्रेशन से ही कपड़ा सैनिटाइज हो सकता है. हाथों पर इस्तेमाल करने वाले सैनिटाइजर में 70% अल्कोहल शामिल होता है. डॉ. बजाज कहते हैं कि यह जानना भी बेहद जरूरी है कि वायरस किस तरह से ट्रांसमिट होता है.

दो तरीकों से फैलता है संक्रमण
दर्शन बजाज बताते हैं कि कोरोना संक्रमण फैलने के दो ही तरीके होते हैं. यह या तो मुंह के जरिए ट्रांसमिट होगा या फिर हाथों से एक व्यक्ति को दूसरे व्यक्ति में. इससे बचने के लिए कुछ अल्टरनेटिव इस्तेमाल किए जा सकते हैं. इन उपायों में ग्राहक जब दुकान में आएं तो सबसे पहले उसके हाथों को सैनिटाइज करवाया जाए और मास्क पहनने की हिदायत दी जाए.

डॉ. दर्शन कहते हैं कि इस बात पर ध्यान देने की जरूरत है कि जो कोरोना वायरस के संक्रमण की जद में नहीं है. वह किसी भी तरीके से वायरस को ट्रांसमिट नहीं करेंगे, लेकिन इस वक्त बहुत सारे व्यक्तियों में कोरोना वायरस के संक्रमण के लक्षण नहीं मिल रहे हैं. इसलिए इसकी पहचान कर पाना बेहद मुश्किल है.

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