लखनऊ: राजधानी के बख्शी का तालाब में एंबुलेस नहीं मिलने से तहसील में तैनात होमगार्ड की मौत हो गई. ड्यूटी पर तैनाती के दौरान अचानक दिल का दौरा पड़ने से होमगार्ड जसवंत यादव बेहोश हो गए. आनन-फानन में एसडीएम की गाड़ी से उन्हें राम सागर मिश्र सौ शैय्या संयुक्त चिकित्सालय भेजा गया.
इलाज के दौरान हालत गंभीर होने पर लारी कार्डियोलाजी के लिये रेफर किया गया, लेकिन कोई सरकारी एंबुलेस न मिलने पर घरवालों द्वारा प्राइवेट एंबुलेस मंगाई गई जो समय रहते नहीं पहुंच सकी और मरीज की सांसें थम गईं.
एम्बुलेंस न मिलने से होमगार्ड की मौत
- राजधानी के बख्शी का तालाब में तहसीलदार कार्यालय में तैनात होमगार्ड जसवंत यादव बीकेटी नगर पंचायत के गाजीपुर के रहने वाले हैं.
- तहसील में करीब पौने दो बजे अचानक दिल का दौरा पड़ने से वह बेहोश होकर गिर पड़े.
- एसडीएम के वाहन से ले जाकर चालक शिवप्रसाद द्वारा उन्हें राम सागर सौ शैय्या संयुक्त चिकित्सालय में भर्ती कराया गया.
- करीब एक घंटे तक इलाज होने के बाद भी हालत में सुधार नहीं होने पर मरीज को लारी रेफर कर दिया.
- परिजनों ने जब अस्पताल में एंबुलेस के लिये पता किया तो बताया गया 108 एंबुलेस के कर्मचारियों ने हड़ताल कर रखी है.
- जिसपर उन्होंने चंद्रिका अस्पताल से संपर्क कर प्राइवेट एंबुलेस मंगवाई.
- जब तक प्राइवेट एंबुलेस पहुंची तब तक होमगार्ड जसवंत यादव की मौत हो गई.
- एसडीएम प्रफुल्ल कुमार त्रिपाठी ने भी होमगार्ड के घर पहुंच कर पीड़ित के परिवारवालों को हर संभव मदद का भरोसा दिया है.
अस्पताल के सीएमएस डॉ अजय अग्रवाल ने बताया उनके यहां कोई नियमित एंबुलेंस चालक नहीं है जब कोई चालक हायर किया जाता है तब ही सरकारी एंबुलेस उपलब्ध हो पाती है.
हमारे विभाग के जवान का पांच लाख का बीमा होता है ड्यूटी के दौरान मृत्यु होने पर धनराशि उसके परिवार को प्रदान की जाती है. परिवार के किसी को सदस्य मृतक आश्रित कोटे में नौकरी भी मिलती है.
-कृपा शंकर पांडे, जिला कमांडेंट, होमगार्ड विभाग