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लखनऊ: भाऊराव देवरस अस्पताल में पहला कूल्हा प्रत्यारोपण ऑपरेशन सफल - लखनऊ केजीएमसी

राजधानी के भाऊराव देवरस अस्पताल में अब हड्डी से जुड़ी गम्भीर बीमारियों का इलाज किया जा सकेगा. इसी कड़ी में डॉक्टरों ने कूल्हा प्रत्यारोपण का सफल ऑपरेशन किया है.

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भाऊराव देवरस अस्पताल में पहला कूल्हा प्रत्यारोपण ऑपरेशन सफल.
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Published : Nov 11, 2020, 10:40 AM IST

लखनऊ: राजधानी के भाऊराव देवरस अस्पताल के डॉक्टरों ने कूल्हा प्रत्यारोपण का सफल ऑपरेशन किया है. इसी के साथ ही अब भाऊराव देवरस अस्पताल में आगे भी कुल्हा प्रत्यारोपण हो सकेगा. मंगलवार को एक मरीज का सफल ऑपरेशन हुआ है. अभी तक अस्पताल में कूल्हा प्रत्यारोपण की सुविधा नहीं थी.

दरअसल, न्यू हैदराबाद निवासी दिनेश कुमार वर्मा (55) पिछले हफ्ते चोटिल हो गए थे. आनन-फानन परिवारीजन उन्हें लेकर भाऊराव देवरस अस्पताल पहुंचे. यहां डॉक्टरों ने एक्स-रे जांच कराई. जांच में दाहिनी तरफ का कूल्हा फ्रैक्चर मिला. हड्डी रोग विभाग के डॉ. आरके गुप्ता ने कूल्हा प्रत्यारोपण की जरूरत बताई.

चार घंटे चला ऑपरेशन

कूल्हा प्रत्यारोपण के लिए परिजनों के राजी होने के बाद करीब चार घंटे ऑपरेशन चला. डॉ. आरके गुप्ता और डॉ. वीके वर्मा की टीम ने सफल ऑपरेशन किया. डॉ. आरके गुप्ता के मुताबिक ऑपरेशन काफी जटिल था. अब मरीज सामान्य लोगों की भांति फिर से चल-फिर सकेगा.

पहले नहीं थी अस्पताल में सुविधा

अस्पताल के सीएमएस डॉ. आरसी सिंह के मुताबिक मरीजों को बेहतर इलाज की सुविधा मुहैया कराने की दिशा में प्रयास किए जा रहे हैं. चिकित्सा अधीक्षक डॉ. मनीष के मुताबिक अस्पताल में पहली बार कूल्हा प्रत्यारोपण हुआ है. हड्डी रोग विशेषज्ञ न होने से मरीजों को दूसरे अस्पताल रेफर करना पड़ रहा था. अब हड्डी से जुड़ी गंभीर बीमारियों का इलाज अस्पताल में संभव होगा.

लखनऊ: राजधानी के भाऊराव देवरस अस्पताल के डॉक्टरों ने कूल्हा प्रत्यारोपण का सफल ऑपरेशन किया है. इसी के साथ ही अब भाऊराव देवरस अस्पताल में आगे भी कुल्हा प्रत्यारोपण हो सकेगा. मंगलवार को एक मरीज का सफल ऑपरेशन हुआ है. अभी तक अस्पताल में कूल्हा प्रत्यारोपण की सुविधा नहीं थी.

दरअसल, न्यू हैदराबाद निवासी दिनेश कुमार वर्मा (55) पिछले हफ्ते चोटिल हो गए थे. आनन-फानन परिवारीजन उन्हें लेकर भाऊराव देवरस अस्पताल पहुंचे. यहां डॉक्टरों ने एक्स-रे जांच कराई. जांच में दाहिनी तरफ का कूल्हा फ्रैक्चर मिला. हड्डी रोग विभाग के डॉ. आरके गुप्ता ने कूल्हा प्रत्यारोपण की जरूरत बताई.

चार घंटे चला ऑपरेशन

कूल्हा प्रत्यारोपण के लिए परिजनों के राजी होने के बाद करीब चार घंटे ऑपरेशन चला. डॉ. आरके गुप्ता और डॉ. वीके वर्मा की टीम ने सफल ऑपरेशन किया. डॉ. आरके गुप्ता के मुताबिक ऑपरेशन काफी जटिल था. अब मरीज सामान्य लोगों की भांति फिर से चल-फिर सकेगा.

पहले नहीं थी अस्पताल में सुविधा

अस्पताल के सीएमएस डॉ. आरसी सिंह के मुताबिक मरीजों को बेहतर इलाज की सुविधा मुहैया कराने की दिशा में प्रयास किए जा रहे हैं. चिकित्सा अधीक्षक डॉ. मनीष के मुताबिक अस्पताल में पहली बार कूल्हा प्रत्यारोपण हुआ है. हड्डी रोग विशेषज्ञ न होने से मरीजों को दूसरे अस्पताल रेफर करना पड़ रहा था. अब हड्डी से जुड़ी गंभीर बीमारियों का इलाज अस्पताल में संभव होगा.

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