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अयोध्या विवाद को लेकर आने वाले फैसले का खुले मन से हो स्वागत, दोनों पक्षों से उठी आवाज - अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला

उत्तर प्रदेश में राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद को लेकर सुप्रीम कोर्ट की ओर से फैसला सुरक्षित रखा गया है. इस मामले में जल्द ही फैसला सामने आएगा. वहीं दोनों पक्षों की ओर से सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करने की बात कही गई है.

दोनों पक्षों ने की शांति की अपील.
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Published : Oct 31, 2019, 12:03 PM IST

लखनऊ: अयोध्या मसले पर आने वाले फैसले से पहले हर तरफ सियासी गर्मी तेज हो गई है. हर कोई इस फैसले पर नजर बनाए हुए हैं. इसके साथ ही सभी लोग यह अपील भी कर रहे हैं कि कहीं कोई गड़बड़ न होने पाए. हर कोई सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले को खुले मन से स्वीकार करे. एक ओर आरएसएस के ट्वीट में कहा गया है कि अयोध्या का फैसला हर किसी को मानना चाहिए देश में सद्भाव और शांति बनी रहनी चाहिए. वहीं मुस्लिम धर्मगुरु मौलाना कल्बे सादिक ने भी मुसलमानों से अपील की है कि अयोध्या की विवादित जमीन हिंदुओं को दे दें और उनका दिल जीत लें.

दोनों पक्षों ने की शांति की अपील.

आरएसएस के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख अरुण कुमार ने ट्वीट कर कहा है कि आगामी दिनों में श्रीराम जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण के वाद पर सर्वोच्च न्यायालय का निर्णय आने की संभावना है. निर्णय जो भी आए, उसे सभी को खुले मन से स्वीकार करना चाहिए. निर्णय के पश्चात देश भर में वातावरण सौहार्दपूर्ण रहे, यह सबका दायित्व है. इस विषय पर भी बैठक में विचार हो रहा है. एक अन्य ट्वीट में कहा गया है कि 30 अक्टूबर से 5 नवंबर तक हरिद्वार में प्रचारक वर्ग के साथ दो दिन की बैठक पहले से निश्चित थी. प्रचारक वर्ग आवश्यक कारणों से स्थगित किया गया है. परंतु बैठक हरिद्वार के स्थान पर अब दिल्ली में हो रही है.

इसे भी पढ़ें- मुलायम से सीएम योगी की मुलाकात कारसेवकों का अपमान: राम विलास वेदांती

वहीं ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और बड़े धर्मगुरु मौलाना कल्बे सादिक ने भी मुसलमानों से अपील करते हुए कहा है कि करोड़ों हिंदुओं के दिलों को जीतने के लिए मुसलमान भाई अयोध्या की विवादित जमीन हिंदुओं को दे दें. जिससे वह एक नई मिसाल पेश करें और सबका दिल जीत लें. जमीन जीतने से अच्छा है कि दिल जीता जाए. उन्होंने आगे कहा कि अगर सुप्रीम कोर्ट का फैसला मुसलमानों के हक में भी आता है, तब भी मुसलमानों को चाहिए कि एक मस्जिद देकर करोड़ों दिल जीत लें और अगर फैसला हिन्दुओं के हक में आता है तो आगे बढ़कर उन्हें बधाई दें.

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आरएसएस ने किया ट्वीट.

आरएसएस विचारक डॉ. दिलीप अग्निहोत्री ने कहा कि संघ सदैव संविधान का पालन करने वाला संगठन रहा है. अयोध्या पर फैसला जो भी आए, हम सभी को उसे सहजता से स्वीकार करना चाहिए. संघ का ट्वीट और मुस्लिम धर्मगुरु का विचार बहुत अच्छा माहौल देने वाला है. देश की संवेदनशीलता एक बड़ी समस्या है, उसका जल्दी समाधान होगा. हर हिंदू-मुसलमान को इस भव्य काम में शामिल होना चाहिए, मैं इन चीजों का स्वागत करता हूं.

लखनऊ: अयोध्या मसले पर आने वाले फैसले से पहले हर तरफ सियासी गर्मी तेज हो गई है. हर कोई इस फैसले पर नजर बनाए हुए हैं. इसके साथ ही सभी लोग यह अपील भी कर रहे हैं कि कहीं कोई गड़बड़ न होने पाए. हर कोई सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले को खुले मन से स्वीकार करे. एक ओर आरएसएस के ट्वीट में कहा गया है कि अयोध्या का फैसला हर किसी को मानना चाहिए देश में सद्भाव और शांति बनी रहनी चाहिए. वहीं मुस्लिम धर्मगुरु मौलाना कल्बे सादिक ने भी मुसलमानों से अपील की है कि अयोध्या की विवादित जमीन हिंदुओं को दे दें और उनका दिल जीत लें.

दोनों पक्षों ने की शांति की अपील.

आरएसएस के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख अरुण कुमार ने ट्वीट कर कहा है कि आगामी दिनों में श्रीराम जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण के वाद पर सर्वोच्च न्यायालय का निर्णय आने की संभावना है. निर्णय जो भी आए, उसे सभी को खुले मन से स्वीकार करना चाहिए. निर्णय के पश्चात देश भर में वातावरण सौहार्दपूर्ण रहे, यह सबका दायित्व है. इस विषय पर भी बैठक में विचार हो रहा है. एक अन्य ट्वीट में कहा गया है कि 30 अक्टूबर से 5 नवंबर तक हरिद्वार में प्रचारक वर्ग के साथ दो दिन की बैठक पहले से निश्चित थी. प्रचारक वर्ग आवश्यक कारणों से स्थगित किया गया है. परंतु बैठक हरिद्वार के स्थान पर अब दिल्ली में हो रही है.

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वहीं ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और बड़े धर्मगुरु मौलाना कल्बे सादिक ने भी मुसलमानों से अपील करते हुए कहा है कि करोड़ों हिंदुओं के दिलों को जीतने के लिए मुसलमान भाई अयोध्या की विवादित जमीन हिंदुओं को दे दें. जिससे वह एक नई मिसाल पेश करें और सबका दिल जीत लें. जमीन जीतने से अच्छा है कि दिल जीता जाए. उन्होंने आगे कहा कि अगर सुप्रीम कोर्ट का फैसला मुसलमानों के हक में भी आता है, तब भी मुसलमानों को चाहिए कि एक मस्जिद देकर करोड़ों दिल जीत लें और अगर फैसला हिन्दुओं के हक में आता है तो आगे बढ़कर उन्हें बधाई दें.

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आरएसएस ने किया ट्वीट.

आरएसएस विचारक डॉ. दिलीप अग्निहोत्री ने कहा कि संघ सदैव संविधान का पालन करने वाला संगठन रहा है. अयोध्या पर फैसला जो भी आए, हम सभी को उसे सहजता से स्वीकार करना चाहिए. संघ का ट्वीट और मुस्लिम धर्मगुरु का विचार बहुत अच्छा माहौल देने वाला है. देश की संवेदनशीलता एक बड़ी समस्या है, उसका जल्दी समाधान होगा. हर हिंदू-मुसलमान को इस भव्य काम में शामिल होना चाहिए, मैं इन चीजों का स्वागत करता हूं.

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RSS ने कहा, 'अयोध्या फैसले को खुले मन से स्वीकारना चाहिए' तो इस मौलाना ने कहा- करोडों हिंदुओं का दिल जीतने को मुसलमान दें विवादित जमीन
लखनऊ। अयोध्या मसले पर आने वाले फैसले से पहले हर तरफ सियासी गर्मी तेज है हर कोई इस फैसले को लेकर न सिर्फ नजर बनाए हुए हैं बल्कि यह अपील भी कर रहा है कि कहीं कोई स्थिति गड़बड़ न होने पाए और हर कोई सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले को खुले मन से स्वीकार है राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की तरफ से आए ट्वीट में भी कहा गया है कि अयोध्या का फैसला हर किसी को मानना चाहिए देश में सद्भाव और शांति बनी रहनी चाहिए।वहीं मुस्लिम धर्मगुरु मौलाना कल्बे सादिक ने भी मुसलमानों से अपील की है कि अयोध्या की विवादित जमीन हिंदुओं को दे दे और उनका दिल जीत लें।

Body:आरएसएस के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख अरुण कुमार ने ट्वीट करके कहा है कि '30 अक्तुबर से 5 नवंबर तक हरिद्वार में प्रचारक वर्ग के साथ दो दिन की बैठक पहले से निश्चित थी। प्रचारक वर्ग आवश्यक कारणों से स्थगित किया गया है। परंतु बैठक हरिद्वार के स्थान पर अब दिल्ली में हो रही है।'
दूसरे ट्वीट में कहा गया है कि
'आगामी दिनों में श्रीराम जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण के वाद पर सर्वोच्च न्यायालय का निर्णय आने की संभावना है।निर्णय जो भी आए उसे सभी ने खुले मन से स्वीकार करना चाहिए।निर्णय के पश्चात देश भर में वातावरण सौहार्दपूर्ण रहे,यह सबका दायित्व है।इस विषय पर भी बैठक में विचार हो रहा है।'

वहीं ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व बड़े धर्मगुरु मौलाना कल्बे सादिक ने मुसलमानों से अपील की है। उन्होंने कहा है कि करोड़ों हिंदुओ के दिलों को जीतने के लिए मुसलमानों भाइयों को अयोध्या की विवादित जमीन हिंदुओं को देदें। जिससे वह एक नई मिसाल पेश करें और सबका दिल जीत लें, कहा है कि जमीन जीतने से अच्छा है कि दिल जीता जाए।
उन्होंने यह भी कहा कि अगर सुप्रीम कोर्ट का फ़ैसला मुसलमानों के हक़ में भी आता है तब भी मुसलमानों को चाहिए कि एक मस्जिद देकर करोड़ों दिल जीत लें और अगर फ़ैसला हिन्दुओं के हक़ में आता है तो आगे बढ़कर उन्हें बधाई दें और उन्होंने कहा कि हर हाल में नफरत की दीवार गिरना चाहिए। इसके लिए मुसलमानों को अपना दिल बड़ा करना पड़ेगा।
Conclusion:
बाईट
डॉ दिलीप अग्निहोत्री, आरएसएस विचारक
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का जो ट्वीट आया है, वह उसी के परंपरा के अनुसार है संघ सदैव संविधान का पालन करने वाला संगठन रहा है। अयोध्या पर फैसला जो भी आए हम सभी को उसे सहजता से स्वीकार करना चाहिए। वहीं मुस्लिम धर्मगुरु कल्बे सादिक ने भी जो कहा है कि फैसला अगर हिंदुओं के पक्ष में आता है तो मुसलमान जमीन छोड़ दें मैं समझता हूं कि संघ का जो ट्वीट है और मुस्लिम धर्म गुरु का जो विचार है वह एक बहुत अच्छा माहौल देने वाला है एक बड़ी समस्या है देश की संवेदनशील समस्या है उसका जल्दी समाधान होगा और शांति से होगा हर हिंदू मुसलमान को इस भव्य काम में शामिल होना चाहिए और उसको इसे स्वीकार कर आगे बढ़ाना चाहिए मैं इन चीजों का स्वागत करता हूं।
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