लखनऊ: अयोध्या मसले पर आने वाले फैसले से पहले हर तरफ सियासी गर्मी तेज हो गई है. हर कोई इस फैसले पर नजर बनाए हुए हैं. इसके साथ ही सभी लोग यह अपील भी कर रहे हैं कि कहीं कोई गड़बड़ न होने पाए. हर कोई सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले को खुले मन से स्वीकार करे. एक ओर आरएसएस के ट्वीट में कहा गया है कि अयोध्या का फैसला हर किसी को मानना चाहिए देश में सद्भाव और शांति बनी रहनी चाहिए. वहीं मुस्लिम धर्मगुरु मौलाना कल्बे सादिक ने भी मुसलमानों से अपील की है कि अयोध्या की विवादित जमीन हिंदुओं को दे दें और उनका दिल जीत लें.
आरएसएस के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख अरुण कुमार ने ट्वीट कर कहा है कि आगामी दिनों में श्रीराम जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण के वाद पर सर्वोच्च न्यायालय का निर्णय आने की संभावना है. निर्णय जो भी आए, उसे सभी को खुले मन से स्वीकार करना चाहिए. निर्णय के पश्चात देश भर में वातावरण सौहार्दपूर्ण रहे, यह सबका दायित्व है. इस विषय पर भी बैठक में विचार हो रहा है. एक अन्य ट्वीट में कहा गया है कि 30 अक्टूबर से 5 नवंबर तक हरिद्वार में प्रचारक वर्ग के साथ दो दिन की बैठक पहले से निश्चित थी. प्रचारक वर्ग आवश्यक कारणों से स्थगित किया गया है. परंतु बैठक हरिद्वार के स्थान पर अब दिल्ली में हो रही है.
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वहीं ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और बड़े धर्मगुरु मौलाना कल्बे सादिक ने भी मुसलमानों से अपील करते हुए कहा है कि करोड़ों हिंदुओं के दिलों को जीतने के लिए मुसलमान भाई अयोध्या की विवादित जमीन हिंदुओं को दे दें. जिससे वह एक नई मिसाल पेश करें और सबका दिल जीत लें. जमीन जीतने से अच्छा है कि दिल जीता जाए. उन्होंने आगे कहा कि अगर सुप्रीम कोर्ट का फैसला मुसलमानों के हक में भी आता है, तब भी मुसलमानों को चाहिए कि एक मस्जिद देकर करोड़ों दिल जीत लें और अगर फैसला हिन्दुओं के हक में आता है तो आगे बढ़कर उन्हें बधाई दें.
आरएसएस विचारक डॉ. दिलीप अग्निहोत्री ने कहा कि संघ सदैव संविधान का पालन करने वाला संगठन रहा है. अयोध्या पर फैसला जो भी आए, हम सभी को उसे सहजता से स्वीकार करना चाहिए. संघ का ट्वीट और मुस्लिम धर्मगुरु का विचार बहुत अच्छा माहौल देने वाला है. देश की संवेदनशीलता एक बड़ी समस्या है, उसका जल्दी समाधान होगा. हर हिंदू-मुसलमान को इस भव्य काम में शामिल होना चाहिए, मैं इन चीजों का स्वागत करता हूं.