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अवमानना का नोटिस सीधे संबधित व्यक्ति को न दिये जाने पर हाईकोर्ट सख्त - न्यायमूर्ति अब्दुल मोईन

हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने अवमानना की नोटिस सीधे संबंधित व्यक्ति को न प्राप्त कराने पर नाराजगी जताई है. न्यायालय ने सभी जनपद न्यायधीशों को नोटिस सीधे संबंधित व्यक्ति को प्राप्त कराने का आदेश दिया है.

high court strict on serving of contempt notices  Lucknow Bench of High Court  हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच  contempt case hearing  अवमानना मामले की सुनवाई  Order to serve notice of contempt to the person concerned  संबंधित व्यक्ति को अवमानना ​​का नोटिस तामील करने का आदेश  High court ordered the district judges  जनपद न्यायधीशों को हाईकोर्ट ने दिया आदेश  Contempt Notice  अवमानना नोटिस  Allahabad High Court  इलाहाबाद हाईकोर्ट  न्यायमूर्ति अब्दुल मोईन  Justice Abdul Moin
हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच
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Published : Jun 20, 2021, 3:26 PM IST

लखनऊः हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच (Lucknow Bench of High Court) ने एक अवमानना मामले की सुनवाई के दौरान सख्त नाराजगी जताई है. कहा कि अवमानना का नोटिस संदर्भित व्यक्ति को न देकर उसके कार्यालय में प्राप्त करा दिया जा रहा है. न्यायालय ने सभी जनपद न्यायधीशों को अपने आदेश की प्रति भेजने का निर्देश देते हुए, नोटिस सीधे संबंधित व्यक्ति को प्राप्त कराने का आदेश दिया है. यह आदेश न्यायमूर्ति अब्दुल मोईन की एकल सदस्यीय पीठ ने सैयद अमजद हुसैन की अवमानना याचिका पर सुनवाई के दौरान न्यायिक संज्ञान लेते हुए पारित किया.

सुनवाई के दौरान न्यायालय ने पाया कि मामले में पूर्व में जारी की गई अवमानना नोटिस (Contempt Notice) सीधे संबधित अधिकारी को न देकर उसके कार्यालय में प्राप्त करा दी गई है और मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट लखनऊ की इस संबंध में रिपोर्ट है. न्यायालय ने इस पर सख्त एतराज जताते हुए कहा कि अदालत की अवमानना अधिनियम 1971 की धारा 23 के अंतर्गत बनाए गए नियम 6 के तहत अवमानना नोटिस सीधा उस व्यक्ति को प्राप्त कराने का प्रावधन है, जिसे जारी की गई है. इस सम्बंध में 21 मार्च 2001 को एक प्रशासनिक आदेश इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) के महानिबंधक द्वारा सभी जनपद न्यायधीशों को भी जारी किया गया था.

यह भी पढ़ें-चचेरी बहन के साथ गैंगरेप के आरोपी और उसके साथी की जमानत मंजूर

न्यायालय ने हैरानगी जताई कि दो दशक बीत जाने के बावजूद अब तक उक्त प्रशासनिक आदेश का अक्षरशः अनुपालन नहीं किया जा रहा है. न्यायालय ने कहा कि सभी संबंधित मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेटों को आखिरी अवसर देते हुए यह निर्देश दिया जाता है कि वे यह सुनिश्चित करें कि जिसके खिलाफ अवमानना नोटिस जारी की गई है, उसे ही नोटिस को प्राप्त कराया जाए. न्यायलाय ने यह भी निर्देश दिये हैं कि यदि किसी कारणवश उस व्यक्ति को नोटिस प्राप्त कराना संभव नहीं है तो हाईकोर्ट को भेजी गई रिपोर्ट में इसका स्पष्ट उल्लेख किया जाए.

लखनऊः हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच (Lucknow Bench of High Court) ने एक अवमानना मामले की सुनवाई के दौरान सख्त नाराजगी जताई है. कहा कि अवमानना का नोटिस संदर्भित व्यक्ति को न देकर उसके कार्यालय में प्राप्त करा दिया जा रहा है. न्यायालय ने सभी जनपद न्यायधीशों को अपने आदेश की प्रति भेजने का निर्देश देते हुए, नोटिस सीधे संबंधित व्यक्ति को प्राप्त कराने का आदेश दिया है. यह आदेश न्यायमूर्ति अब्दुल मोईन की एकल सदस्यीय पीठ ने सैयद अमजद हुसैन की अवमानना याचिका पर सुनवाई के दौरान न्यायिक संज्ञान लेते हुए पारित किया.

सुनवाई के दौरान न्यायालय ने पाया कि मामले में पूर्व में जारी की गई अवमानना नोटिस (Contempt Notice) सीधे संबधित अधिकारी को न देकर उसके कार्यालय में प्राप्त करा दी गई है और मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट लखनऊ की इस संबंध में रिपोर्ट है. न्यायालय ने इस पर सख्त एतराज जताते हुए कहा कि अदालत की अवमानना अधिनियम 1971 की धारा 23 के अंतर्गत बनाए गए नियम 6 के तहत अवमानना नोटिस सीधा उस व्यक्ति को प्राप्त कराने का प्रावधन है, जिसे जारी की गई है. इस सम्बंध में 21 मार्च 2001 को एक प्रशासनिक आदेश इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) के महानिबंधक द्वारा सभी जनपद न्यायधीशों को भी जारी किया गया था.

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न्यायालय ने हैरानगी जताई कि दो दशक बीत जाने के बावजूद अब तक उक्त प्रशासनिक आदेश का अक्षरशः अनुपालन नहीं किया जा रहा है. न्यायालय ने कहा कि सभी संबंधित मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेटों को आखिरी अवसर देते हुए यह निर्देश दिया जाता है कि वे यह सुनिश्चित करें कि जिसके खिलाफ अवमानना नोटिस जारी की गई है, उसे ही नोटिस को प्राप्त कराया जाए. न्यायलाय ने यह भी निर्देश दिये हैं कि यदि किसी कारणवश उस व्यक्ति को नोटिस प्राप्त कराना संभव नहीं है तो हाईकोर्ट को भेजी गई रिपोर्ट में इसका स्पष्ट उल्लेख किया जाए.

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