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सरकार की निष्क्रियता से अदालती कामकाज में उत्पन्न हो रहा जोखिम

हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने ई-कोर्ट्स सेंट्रलाइज्ड कम्प्यूटर सर्विस रूल्स, 2018 के अब तक अधिसूचित न होने पर राज्य सरकार को कड़ी फटकार लगाई है. न्यायालय ने कहा है कि रूल्स को तीन माह में अधिसूचित किया जाए अन्यथा अगली सुनवाई पर मुख्य सचिव कोर्ट के समक्ष हाजिर होकर कारण स्पष्ट करें.

हाईकोर्ट, लखनऊ बेंच.
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Published : Jan 14, 2021, 9:54 PM IST

लखनऊः हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने ई-कोर्ट्स सेंट्रलाइज्ड कम्प्यूटर सर्विस रूल्स, 2018 के अब तक अधिसूचित न होने पर राज्य सरकार को कड़ी फटकार लगाई है. हाईकोर्ट ने कहा कि सरकार की निष्क्रियता के कारण अदालती कामकाज में जोखिम उत्पन्न हो रहा है. न्यायालय ने कहा है कि रूल्स को तीन माह में अधिसूचित किया जाए अन्यथा अगली सुनवाई पर मुख्य सचिव को कोर्ट के समक्ष हाजिर होकर अधिसूचित न होने का कारण स्पष्ट करें. मामले की अगली सुनवाई 13 अप्रैल को होगी.

ई-कोर्ट्स रूल्स अधिसूचित न होने पर हाई कोर्ट की टिप्पणी
यह आदेश न्यायमूर्ति चन्द्रधारी सिंह की एकल सदस्यीय पीठ ने अजय सिंह व 26 अन्य की ओर से दाखिल सेवा सम्बंधी याचिका पर पारित किया. सुनवाई के दौरान पूर्व के आदेश के अनुपालन में विशेष सचिव, विधि विभाग आरके शुक्ला भी हाजिर रहे. सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता रमेश कुमार सिंह ने सफाई दी कि रूल्स को कैबिनेट के समक्ष अप्रूवल के लिए रख दिया गया है, वहां से अनुमोदन प्राप्त होने के पश्चात अधिसूचित कर दिया जाएगा.

सरकार से अभी तक नहीं मिला अप्रूवल
इस पर हाईकोर्ट प्रशासन के अधिवक्ता गौरव मेहरोत्रा ने दलील दी कि उक्त रूल्स को 2018 में बनाने के पश्चात सरकार को भेज दिया गया था, लेकिन इतना समय बीत जाने के बावजूद अब तक अप्रूवल नहीं मिल सका है. इससे स्पष्ट है कि सरकार जानबूझ कर देरी कर रही है और इस देरी की वजह से कोर्ट का कामकाज प्रभावित हो रहा है. न्यायालय ने पारित अपने आदेश में कहा कि ऑर्डर शीट से स्पष्ट है कि सरकार द्वारा इस मामले में बार-बार समय मांगा जा रहा है. कोर्ट ने इसे सरकार की निष्क्रियता कहते हुए चिंता भी जाहिर की कि इससे कोर्ट के कामकाज में जोखिम हो रहा है.

लखनऊः हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने ई-कोर्ट्स सेंट्रलाइज्ड कम्प्यूटर सर्विस रूल्स, 2018 के अब तक अधिसूचित न होने पर राज्य सरकार को कड़ी फटकार लगाई है. हाईकोर्ट ने कहा कि सरकार की निष्क्रियता के कारण अदालती कामकाज में जोखिम उत्पन्न हो रहा है. न्यायालय ने कहा है कि रूल्स को तीन माह में अधिसूचित किया जाए अन्यथा अगली सुनवाई पर मुख्य सचिव को कोर्ट के समक्ष हाजिर होकर अधिसूचित न होने का कारण स्पष्ट करें. मामले की अगली सुनवाई 13 अप्रैल को होगी.

ई-कोर्ट्स रूल्स अधिसूचित न होने पर हाई कोर्ट की टिप्पणी
यह आदेश न्यायमूर्ति चन्द्रधारी सिंह की एकल सदस्यीय पीठ ने अजय सिंह व 26 अन्य की ओर से दाखिल सेवा सम्बंधी याचिका पर पारित किया. सुनवाई के दौरान पूर्व के आदेश के अनुपालन में विशेष सचिव, विधि विभाग आरके शुक्ला भी हाजिर रहे. सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता रमेश कुमार सिंह ने सफाई दी कि रूल्स को कैबिनेट के समक्ष अप्रूवल के लिए रख दिया गया है, वहां से अनुमोदन प्राप्त होने के पश्चात अधिसूचित कर दिया जाएगा.

सरकार से अभी तक नहीं मिला अप्रूवल
इस पर हाईकोर्ट प्रशासन के अधिवक्ता गौरव मेहरोत्रा ने दलील दी कि उक्त रूल्स को 2018 में बनाने के पश्चात सरकार को भेज दिया गया था, लेकिन इतना समय बीत जाने के बावजूद अब तक अप्रूवल नहीं मिल सका है. इससे स्पष्ट है कि सरकार जानबूझ कर देरी कर रही है और इस देरी की वजह से कोर्ट का कामकाज प्रभावित हो रहा है. न्यायालय ने पारित अपने आदेश में कहा कि ऑर्डर शीट से स्पष्ट है कि सरकार द्वारा इस मामले में बार-बार समय मांगा जा रहा है. कोर्ट ने इसे सरकार की निष्क्रियता कहते हुए चिंता भी जाहिर की कि इससे कोर्ट के कामकाज में जोखिम हो रहा है.

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