लखनऊ : अलाया अपार्टमेंट हादसा मामले में हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने सपा विधायक शाहिद मंजूर को बड़ा झटका देते हुए, उनके खिलाफ दाखिल आरोप पत्र को रद् करने से इंकार कर दिया है. न्यायालय ने कहा है कि शाहिद मंजूर के खिलाफ लगे आरोप सही अथवा गलत, इसका पता ट्रायल में ही लग सकता है. यह आदेश न्यायमूर्ति सुभाष विद्यार्थी की एकल पीठ ने शाहिद मंजूर की याचिका को खारिज करते हुए पारित किया.
याची की ओर से दलील दी गई थी कि कि पूरे मामले से याची का कोई सम्बंध नहीं है व उसे मात्र राजनीतिक कारणों से मामले में घसीटा जा रहा है. याचिका का विरोध करते हुए राज्य सरकार के अधिवक्ता राव नरेंद्र सिंह ने तर्क दिया कि जांच के दौरान ऐसे प्रत्यक्षदर्शियों ने बयान दिया है कि जब उक्त अपार्टमेंट का कंकरीट बीम गिराया जा रहा था तब शाहिद मंजूर घटनास्थल पर मौजूद थे व उनके ही निर्देश व देखरेख में उक्त बीम को हटाया गया था.
उल्लेखनीय है कि अलाया अपार्टमेंट घटना की एफआईआर 25 जनवरी को हजरतगंज कोतवाली के वरिष्ठ उप निरीक्षक दयाशंकर द्विवेदी ने विधायक शाहिद मंजूर के पुत्र नवाजिश, भतीजे मोहम्मद तारिक व फाहद याजदानी के ख़िलाफ़ दर्ज कराई थी. एफआईआर में आरोप है कि अपार्टमेंट जोरदार आवाज के साथ अचानक पूरी तरह से ढह गया. जिससे चारों तरफ चीख-पुकार मच गई. अपार्टमेंट के मलबे से बचाव दल ने गंभीर रूप से चोटिल 14 लोगो को बाहर निकाला, बाद में इलाज के दौरान तीन लोगों की मृत्यु हो गई थी. आरोप है कि अपार्टमेंट का निर्माण मोहम्मद तारिक, नवाजिश और फ़हद यज़दानी ने बिना नक्सा पास कराए और घटिया सामग्री का प्रयोग करके कराया था. आरोप है कि बाद में इन लोगों ने 13 फ्लैट धोखाधड़ी करके लोगों को बेच दिए. विवेचना के दौरान शाहिद मंजूर का नाम भी सामने आया व पुलिस ने उनके खिलाफ आईपीसी की धारा 323, 308, 410, 304, 120-बी तथा 7 क्रिमिनल लॉ अमेंडमेंट एक्ट के तहत आरोप पत्र दाखिल किया.