लखनऊ : मुख्तार अंसारी के करीबी जुगनू वालिया ने हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में याचिका दाखिल कर लखनऊ पेशी पर आने में जान का खतरा बताते हुए अपने खिलाफ जारी प्रोडक्शन वारंट को चुनौती दी. इसके जवाब में राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि उसकी आशंका आधारहीन है और याची या किसी को भी ऐसी आशंका नहीं होनी चाहिए, राज्य पेशी के समय पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था का बंदोबस्त करती है. राज्य सरकार के जवाब के बाद जुगनू वालिया के अधिवक्ता ने याचिका को वापस लिए जाने की अनुमति देने का अनुरोध किया, जिसे स्वीकार करते हुए न्यायालय ने याचिका को खारिज कर दिया.
यह आदेश न्यायमूर्ति अजय कुमार श्रीवास्तव, प्रथम ने हरविंदर सिंह उर्फ जुगनू वालिया की याचिका पर पारित किया. उल्लेखनीय है कि जुगनू वालिया रेस्टोरेंट मालिक जसविंदर सिंह उर्फ रोमी की वर्ष अक्टूबर 2021 में आलमबाग थाना क्षेत्र में हुई हत्या के मामले में अभियुक्त है. इस मामले में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, लखनऊ ने उसे पंजाब से लाकर पेश करने के लिए सीआरपीसी की धारा 267 के तहत प्रोडक्शन वारंट जारी किया हुआ है. सीजेएम के इसी आदेश को जुगनू वालिया की ओर से चुनौती देते हुए कहा गया कि लखनऊ लाने में उसकी जान को खतरा है, लिहाजा उक्त आदेश को रद् किया जाए. यह भी मांग की गई कि पुलिस को याची से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अथवा पंजाब के रोपड़ जेल आकर पूछताछ करने का निर्देश दिया जाए. याचिका का विरोध करते हुए अपर महाधिवक्ता विनोद कुमार शाही व अपर शासकीय अधिवक्ता अनुराग वर्मा की दलील थी कि राज्य सरकार ऐसे मामलों में बहुत ही सजगता और सावधानी से काम करती है तथा परिस्थिति के मुताबिक, पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था मुहैया कराई जाती है.
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