लखनऊ: हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने मुख्तार अंसारी की भाभी और सांसद अफजाल अंसारी की पत्नी फरहत अंसारी पर निष्क्रांत सम्पत्ति पर अवैध कब्जे के मामले में ट्रायल कोर्ट को आदेश दिया है कि वह अभियुक्ता के उन्मोचन प्रार्थना पत्र पर 45 दिनों में निर्णय करे. इसके साथ ही न्यायालय ने फरहत अंसारी को 10 दिनों में डिस्चार्ज अर्जी दाखिल करने की अनुमति दी है.
यह आदेश न्यायमूर्ति श्रीप्रकाश सिंह की एकल पीठ ने फरहत अंसारी की याचिका पर दिया. याचिका में जियामऊ के खसरा संख्या 93 के कुछ भाग पर अवैध कब्जा करने को लेकर फरहत अंसारी के खिलाफ दाखिल आरोप पत्र को चुनौती दी गई थी. आरोप है कि फरहत अंसारी ने निष्क्रांत सम्पत्ति होने के बावजूद इस पर अवैध कब्जा करके मकान बनवाकर सरकारी सम्पत्ति को नुकासन पहुंचाया है. इस मामले में एफआईआर 29 अक्टूबर 2020 को प्रभारी लेखपाल सुरजन लाल ने दर्ज कराई थी.
याची की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता एचजीएस परिहार ने दलील दी कि उक्त जमीन न तो सरकारी सम्पत्ति है और न ही निष्क्रांत सम्पत्ति. कहा गया कि बालकृष्ण शर्मा से वर्तमान याची को उक्त सम्पत्ति स्थानांतरित हुई थी. यह भी कहा गया कि मामला सिविल विवाद से सम्बंधित है जिसे आपराधिक मामले का रंग देकर याची को परेशान किया जा रहा है. वहीं, याचिका का विरोध करते हुए राज्य सरकार के अपर महाधिवक्ता वीके शाही ने दलील दी कि याची के खिलाफ दाखिल आरोप पत्र में कुछ भी अविधिक नहीं है. कहा गया कि याची द्वारा जिन तथ्यों की बात कही जा रही है, वह ट्रायल के दौरान देखा जाना सम्भव है. न्यायालय ने दोनों पक्षों की बहस के बाद याची के अधिवक्ता के अनुरोध पर उसे ट्रायल कोर्ट के समक्ष डिस्चार्ज अर्जी दाखिल करने की अनुमति दी.
यह भी पढे़ं:मुख्तार अंसारी की भाभी फरहत अंसारी के खिलाफ समन जारी