लखनऊ: हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच के समक्ष राज्य सरकार की ओर से बताया गया है कि जमीनों पर कब्जा करने वाले कथित वकीलों के विरुद्ध कार्रवाई के लिए गठित पुलिस की स्पेशल सेल को अब तक लगभग डेढ़ सौ शिकायतें प्राप्त हो चुकी हैं. इस पर न्यायालय ने उक्त सभी शिकायतों के क्रम में दर्ज प्राथमिकियों के विवेचना का स्टेटस तलब किया है. यह आदेश न्यायमूर्ति राजन रॉय व न्यायमूर्ति एनके जौहरी की खंडपीठ ने अनिल कुमार खन्ना समेत वकीलों से सम्बंधित मामलों पर विचाराधीन कुल 11 याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई करते हुए पारित किया.
सुनवाई के दौरान सरकारी वकील ने न्यायालय को बताया कि सभी मामले लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट के हैं. इस पर न्यायालय ने आदेश दिया कि उक्त स्पेशल सेल की ओर से 15 दिनों में शपथ पत्र दाखिल कर मिली सूचनाओं व इस क्रम में दर्ज एफआईआर तथा विवेचना के स्टेटस का विवरण प्रस्तुत किया जाए. वहीं, न्यायालय को सीबीआई के अधिवक्ता की ओर से जानकारी दी गई कि वर्ष 2010 की एक याचिका में दिए गए आदेश के अनुपालन में अलग-अलग घटनाओं के कुल 11 मामले दर्ज किए गए थे. इनमें से अधिकतर की विवेचना पूर्ण हो चुकी है. इस पर न्यायालय ने सीबीआई को भी शपथ पत्र दाखिल कर पूर्ण विवरण देने का आदेश दिया.
उल्लेखनीय है कि वर्तमान याचिकाओं की सुनवाई करते हुए न्यायालय ने टिप्पणी की थी कि वकीलों के वेश में जमीनों पर कब्जे व संपत्तियों के लिए धमकियां देने वाले प्रॉपर्टी डीलर्स के विरुद्ध सभी शिकायतें हैं. वहीं, न्यायालय के आदेश पर हाजिर हुए पुलिस आयुक्त एसबी शिरडकर ने भी कोर्ट को बताया था कि आम लोगों की जमीनों पर कब्जा करने वाले कथित वकीलों के विरुद्ध तत्काल और प्रभावी कार्रवाई के लिए पुलिस ने स्पेशल सेल का गठन किया है और संयुक्त पुलिस आयुक्त (कानून व व्यवस्था) उक्त सेल के इंचार्ज हैं.
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